सरकार ने छोटी बचत योजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इन योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती नहीं करने का निर्णय लिया है. वित्त मंत्रालय का कहना है कि वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान इन दरों पर कोई कटौती नहीं की जाएगी. इस व्यवस्था के तहत  1 साल की बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर 7.1 प्रतिशत बनी रहेगी. इसी तरह से 2 साल की बचत योजना पर 7.2 प्रतिशत, 3 साल की योजना पर 7.4 प्रतिशत और 5 साल की बचत योजना पर ब्याज दर 7.9 प्रतिशत ही रहेगी. इसी तरह से

सामान्य भविष्य निधि यानी पीपीएफ योजना पर इस अवधि में ब्याज दर 8.1 प्रतिशत, किसान विकासपत्र योजना पर 7.8 फीसदी और सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 8.6 प्रतिशत रहेगी. सरकार का यह काम सराहनीय है. जनसामान्य आज भी छोटी बचत योजना पर विश्वास करता है. उस के भविष्य में आर्थिक सुरक्षा का यह सब से बेहतर तरीका है. इस तरह की बचत से सामान्य आदमी का बुढ़ापा आसान हो जाता है और वह अपनी सामान्य जरूरतों को भी इस के सहारे पूरा कर सकता है.

दरअसल, सरकार काफी पहले से इन बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर कैंची चलाती रही है. ब्याज दर बढ़ाने के बजाय इन योजनाओं पर लगातार ब्याज दर में कटौती की जाती रही है जिस के कारण लोगों का इन योजनाओं के प्रति विश्वास घटा है. ब्याज दरों में कटौती नहीं करने का यह अच्छा निर्णय है.

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