अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने जानबूझ कर कर्ज नहीं लौटाने वाली लगभग सात हजार बड़ी कंपनियों के नाम उजागर करने की धमकी दी है. संघ के मुताबिक इन कंपनियों ने बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है. कर्मचारी संघों ने इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की भी मांग की है.

एआईबीईए महासचिव सी.एच. वेंकटाचलम ने यह भी बताया कि 29 जुलाई को बैंकों के 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी एक दिन की हड़ताल पर जाएंगे. यह हड़ताल सरकार की 'जन विरोधी बैंकिंग सुधारों' को आगे बढ़ाने के खिलाफ होगी.

वेंकटचलम ने कहा, 'जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाले इन लोगों ने किसी काम के लिए कर्ज लिया लेकिन इसका अन्यत्र इस्तेमाल कर दुरुपयोग किया. करीब 7,000 बड़ी कंपनियां हैं जिन्होंने बैंकों का 70,000 करोड़ रुपये जानबूझकर नहीं लौटाया है. हम अगले कुछ दिनों में इनके नाम सार्वजनिक कर देंगे.'

वेंकटचलम ने ऐसे लोगों पर कारवाई के मामले में धीमी गति से आगे बढ़ने पर सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि सरकार इनके प्रति नरम रवैया अपना रही है. हम जानना चाहते हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक कारवाई क्यों नहीं की जा रही है, केवल दीवानी मामले ही दर्ज किए जा रहे हैं.’ उन्होंने सरकार से अपील की है कि जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने को जुर्म घोषित किया जाए और इसके खिलाफ आपराधिक कारवाई कर उनकी संपत्ति कुर्क कर धन की वसूली की जानी चाहिए.

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