रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के सबसे वैल्यूएबल लेंडर एचडीएफसी बैंक और पब्लिक सेक्टर के बैंक ऑफ बड़ौदा पर करोड़ों का जुर्माना लगाया है. अक्टूबर 2015 में दोनों बैंकों में कथित तौर पर लगभग 6000 करोड़ की विदेशी मुद्रा संबंधी अनियमितता होने का खुलासा हुआ था.
आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक पर दो करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया है. दोनों बैंकों ने इसके बारे में एक्सचेंजों को बता दिया है.सीबीआई ने कई बैंकों के एडवांस इंपोर्ट रेमिटेंस में अनियमितता पाए जाने पर पिछले साल एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा की देशभर में फैली शाखाओं में तलाशी और जब्ती का अभियान चलाया था. आरबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा की दिल्ली वाली अशोक विहार ब्रांच से हुए 6100 करोड़ रुपये के इंपोर्ट रेमिटेंस की जांच की थी.
सीबीआई और एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) बैंक से हांगकांग में बड़े पैमाने पर हुए रेमिटेंस की जांच कर रहे हैं. जांच एजेंसियों को शक है कि यह रकम कथित तौर पर इंपोर्ट के लिए होनेवाले पेमेंट के तौर पर ट्रांसफर की गई थी. एचडीएफसी बैंक ने बयान जारी कर कहा है कि बैंक पर एडवांस इंपोर्ट रेमिटेंस से संबंधित पेनाल्टी बिल ऑफ एंट्री की रिसीट पेंडिंग होने और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग गाइडलाइंस के पालन में कुछ कमी रहने के चलते लगाई गई है.
आरबीआई की तरफ से बैंक ऑफ बड़ौदा की जांच में कुछ एंटी मनी लॉन्ड्रिंग प्रोविजंस को लेकर इंटरनल कंट्रोल मेकेनिज्म में कमी और नुक्स निकले हैं. बैंक से चूक ट्रांजैक्शन की मॉनिटरिंग, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट को समय पर संदिग्ध लेनदेन के बारे जानकारी देने और अपने क्लाइंट्स को यूनीक कस्टमर आइडेंटिफिकेशन नंबर देने में हुई थी.दोनों बैंकों ने कहा है कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए इंटरनल कंट्रोल मजबूत बनाने के मकसद से अपने यहां व्यापक सुधारात्मक काम करने का प्लान लागू किया है, ताकि भविष्य में ऐसी चूक नहीं हो.