केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अब कामचोरी भारी पड़ेगी. सरकार ने कहा है कि यदि कर्मचारियों का कार्य प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है तो उन्हें वार्षिक इंक्रीमेंट नहीं दिया जाएगा. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अधिसूचित करने के साथ ही वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में अलग से अधिसूचना जारी की है. इसमें कर्मचारियों के प्रमोशन और फाइनेंशियल अपग्रेडेशन के लिए परफॉर्मेंस अप्रैजल के बेंचमार्क को ‘गुड’ से ‘वेरी गुड’ लेवल तक बढ़ाया गया है.
मंत्रालय ने कहा है कि वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए संशोधित एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (एमएसीपी) स्कीम को पहले की तरह 10, 20 और 30 साल की सर्विस के लिए आगे भी जारी रखा जाएगा. वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को यह सुझाव दिया था कि जो कर्मचारी संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ न दिया जाए.
सेबी और ट्राई समेत तमाम नियामकीय संस्थाओं के प्रमुखों को अब 4.5 लाख रुपए प्रति महीने का वेतन दिया जाएगा, जबकि इन संस्थाओं के पूर्णकालिक सदस्यों को चार लाख रुपए प्रति महीने दिए जाएंगे. वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है.