बैंक ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है. अगर आप बैंकिंग लेनदेन के दौरान अवैध रुप से धोखाधड़ी के शिकार हो गये हैं तो तीन दिनों के अंदर अपने बैंक को सूचित कर दीजिए आपको कोई नुकसान नहीं होगा. यहीं नहीं रिजर्व बैंक ने गुरुवार (6 जुलाई) को बताया कि जितनी रकम की हानि आपको हुई उस रकम को 10 से 12 दिनों के अंदर आपके खाते में क्रेडिट कर दिया जाएगा. ऐसी धोखाधड़ी जिसमें बैंक और ग्राहक के अलावा कोई तीसरा पक्ष शामिल है, अगर ऐसी लेन-देन की जानकारी ग्राहक बैंक को 4 से 7 कार्य दिवस के अंदर देता है तो उसे 25 हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि वैसे मामलों में जहां हानि खाताधारी की लापरवाही की वजह से हुई हो, जैसे कि किसी तीसरे व्यक्ति को पिन, ओटीपी, जैसी गुप्त जानकारी बता देना, वहां सारे नुकसान की जिम्मेदारी खुद ग्राहक की होगी जबतक कि वो ऐसे मामले की जानकारी अपने बैंक को नहीं देता है.
बैंक को जानकारी देने के बाद होने वाले ऐसे अवैध लेनदेन से होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी बैंक की होगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ये जानकारी ग्राहक सुरक्षा पर संशोधित निर्देशों को जारी करते हुए दी. रिजर्व बैंक का कहना है कि ग्राहकों की ओर से धोखाधड़ी की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए ऐसे दिशानिर्देश जारी किये गये हैं. रिजर्व बैंक के मुताबिक अगर कोई तीसरी पार्टी की वजह से नुकसान होता है जहां गलती न तो बैंक की है और ना ही ग्राहक की ऐसी हालत में कस्टमर को जीरो नुकसान होगा.
रिजर्व बैंक ने कहा कि ऐसे मामलों में बैंक को ग्राहक के खाते में उसके नुकसान की राशि 10 दिनों में क्रेडिट कर देनी चाहिए. आरबीआई के मुताबिक ऐसा करने के लिए बीमा के दावे का भी इंतजार नहीं करना चाहिए. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों को अपने ग्राहकों को अनिवार्य रुप से एसएमएस अलर्ट के लिए रजिस्टर करवाने को कहना चाहिए, इसके साथ ही जहां संभव हो ईमेल अलर्ट के लिए कहा जाना चाहिए. रिजर्व बैंक के मुताबिक हर लेन-देन के ग्राहकों को अनिवार्य रुप से मैसेज भेजा जाएगा.