इस साल देश में बेहतर मानसून की उम्मीद जताते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस बार कृषि उत्पादन अधिक होने की संभावना है. उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ठीक से लागू न करने पर चिंता जताई. प्याज की कम कीमतों और टमाटर की अधिक कीमतों पर उन्होंने राज्य सरकारों और अन्य मंत्रालयों को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कहा कि किसान केवल खेती पर ही निर्भर न रहें बल्कि खेती बाड़ी दोनों करें. बाड़ी का मतलब उन्होंने बताया कि खेती के साथ दुग्ध उत्पादन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन आदि पर भी ध्यान देने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उनकी निर्भरता खेती पर कम होगी.

कृषि मंत्री सिंह ने कहा कि दो साल में केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के लिये इतनी अधिक योजनायें लायी है जो इससे पहले कभी नहीं आईं. उदाहरण स्वरूप उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बहुत ही कम प्रीमियम पर पूरा बीमा दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सिंचाई की बेहतर सुविधायें, लंबी अवधि का सिंचाई फंड, भूजल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन और ज्यादा कुंए और तालाब इत्यादि की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने कहा कि गन्ने के किसानों के लिये प्रभावी नीतिगत फैसले लेने के साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में चावल, गेंहू, दलहन फसलों के अलावा मोटे अनाज, गन्ना, जूस एवं कपास आदि को शामिल कर उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना तथा किसानों को दुग्ध उत्पादन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन के लिये प्रोत्साहित करना आदि शामिल है.

सिंह ने कहा कि किसानों को खेती से आमदनी तभी मिलेगी जब उन्हें पानी मिले और उचित संसाधन मिलें. हमारी सरकार किसानों की आमदनी अगले पांच सालों में दोगुनी करना चाहती है. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी केवल फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने से नही बढ़ेंगी बल्कि इसके लिये किसानों को भी चाहिये कि वह केवल खेती में गेंहू-धान उगाने के अलावा खेती-बाड़ी करें.

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