समीक्षाः वेब सीरीज
रेटिंगः ढाई स्टार

निर्माता: अब्यूज ओरीजीनल
कहानी व निर्देशन: नीतेष सिंह
कैमरामैन: अनूप सिंह
कलाकारः अंश बागरी, आशा नेगी,मीनू पांचाल, भावशील साहनी व अन्य.
अवधि:15 से 22 मिनट के छह एपीसोड,कुल अवधि एक घ्ंाटा 44 मिनट
ओटीटी प्लेटफार्मः एम एक्स प्लेअर

दो विपरीत परिवेश में पले बढ़े लड़के व लड़की जब मनाली जैसी खूबसूरत वादियों में मिलते हैं,तो इनके बीच किस तरह विचारों का आदान प्रदान होता है और कैसे दोनों की सोच एक दूसरे के प्रति बदलती है और एक प्रेम कहानी पल्लवित होती है.इस खूबसूरत प्रेम कहानी को वेब सीरीज‘‘लव पंगा’में लेकर आए हैं नीतेश सिंह.इसे 15 अक्टूबर से ‘‘एम एक्स प्लेअर’पर मुफ्त में देखा जा सकता है.

कहानीः
नेहा शर्मा (आशा नेगी) एक परिष्कृत,उच्च शिक्षित दिल्ली की लड़की है,जो मनाली में एक शांत,शांतिपूर्ण छुट्टी बिताना चाहती है.तो वहीं दूसरी तरफ सुमित टोकस हरियाणा का एक जोरदार छोरा है,जो जिंदगी जीने का इरादा रखकर मनाली छुट्टी मनाना चाहता है.यह विपरीत सोच,परवरिश,स्वभाव तथा असंगत युगल एक दूसरे के साथ टकराते हैं. दोनों मनाली की खूबसूरत वादियों में छुट्टी का आनंद लेने के लिए निकले थे.
पर रास्ते में नेहा की टैक्सी ने घ्ुाटने टेक दिए,तो सुमित टोकस ने उन्हे अपनी टैक्सी में जगह देकर मनाली साथ ले गया.वहां दोनो एक ही होटल में रूकते हैं.सुमित और नेहा का वर्तमान समय में जो व्यवहार है,जो एटीट्यूड है,उसके पीछे दोनों के साथ अतीत मंे घटी एक घटना है.उधर नेहा शर्मा की दोस्त राधिका(मीनू पांचाल) फोन करके नेहा को बताती है कि उसे आज नया प्रेमी सैंडी(भावशील साहनी)मिला,जिसके साथ उसने सेक्स संबंध भी बना लिए.जब नेहा ,राधिका को बताती है कि उसे दिल्ली का ही एक लड़का सुमिता मिला है,तो राधिका उसे सलाह देेती है कि वह सुमित के साथ प्यार का चक्कर चलाए.उधर सैंडी,सुमित का दोस्त है.
सैंडी,सुमित को बताता है कि राधिका उसकी पचासवीं गर्लफें्रड है,जिसके साथ उसने सेक्स ंभी कर लिया.सैंडी,सुमित को ऐसा ही कुछ नेहा के साथ करने की सलाह देता है.दोनों के बीच नोकझोक होती है.फिर उनके बीच दोस्ती हो जाती है.अब सुमित ,सैंडी की सलाह पर अमल करना चाहता है, कुछ हद तक उसे नेहा से भी वैसा ही इशारा मिलता है,मगर ऐन वक्त पर सुमित,नेहा को छोड़कर गायब हो जाता है,मगर कहानी यहीं खत्म नही होती.चार माह बाद कोरोना महामारी के वक्त में ही प्यार कैसे प्रस्फुटित होता है,यह देखने लायक है.
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लेखन व निर्देशनः
कहानी के स्तर पर देखें,तो इस तरह की कहानी को हजारों फिल्मांे में पेश किया जा चुका है.सुमित को लगता है कि वह नेहा की मदद कर रहा है,पर नेहा को यह उसकी चीपपना लगता है.सुमित को लगता है कि नेहा में एटीट्यूड है,पर किस तरह से दोनो का एक दूसरे के प्रति यह नजरिया बदलता है.इसे निर्देशक कुछ हद तक सही ढंग से पेश करने में सफल रहे हैं.फिर भी पटकथा काफी हद तक यथार्थ के करीब होने का अहसास दिलाता है.कुछ दृश्य अविश्वसनीय लगते हैं.कुछ दृश्यांे को बेवजह काफी लंबा खींचा गया है.‘ओटीटी’ प्लेटफार्म पर प्रदर्शित करने की सोच व युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के मकसद से बेवजह कुछ द्विअर्थी व अश्लील संवाद जोड़े गए हैं,अन्यथा यह पूरे परिवार के साथ बैठकर देखी जाने वाली वेब सीरीज बन सकती थी.
कैमरामैन अनूप सिंह का कैमरावर्क कमाल का है.दर्शक को अहसास होता है कि वह मनाली पहुॅच गया है.

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