‘भूल भुलैया 2’ को मिली अपार सफलता के बाद अभिनेता कार्तिक आर्यन खुद को बौक्स आफिस का राजा मानने लगे थे. उनकी इस सोच के पीछे उनके  ‘पीआरओ’ का दिमाग था और जब जून माह के दूसरे सप्ताह यानी कि 14 जून को फिल्म ‘चंदू चैम्पियन’ का प्रदर्शन तय हुआ था, तभी से कार्तिक आर्यन ने चिल्लाना शुरू किया था कि ‘चंदू चैम्पियन’ उनके करियर के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित होगी और अपनी इस फिल्म के पीआरओ की सलाह पर कार्तिक आर्यन ने फिल्म का ट्रेलर अपने गृह नगर ग्वालियर में भव्य स्तर पर रिलीज किया था और अपने सभी चमचा पत्रकारों व तथाकथित ‘समोसा क्रिटिक्स’ को ग्वालियर ले गए थे. उनके एक चमचा पत्रकार ने तो बाकायदा सोशल मीडिया पर लोगों से आव्हान किया था कि वह किस समय किस मल्टीप्लैक्स में ‘चंदू चैम्पियन’ देखने जा रहे हैं और वह 24 लोगों को फिल्म की टिकट खरीदकर देने को तैयार हैं,जिन्हें फिल्म देखनी हो वह समय पर मल्टीप्लैक्स पहुंच जाए.तो इस पत्रकार की इस घोषणा के बावजूद उनके साथ मुफ्त में ‘चंदू चैम्पियन’ देखने कोई नहीं पहुंचा.लोगों ने सवाल जरूर किया कि आखिर वह अपनी जेब से टिकट खरीदकर क्यों दे रहे हैं?

क्या इसके लिए कार्तिक आर्यन या निर्माता या फिल्म के पीआरओ ने उन्हें पैसे दिए हैं? बहरहाल, कार्तिक आर्यन व फिल्म के निर्माता की तरफ से हर चाल चली गयी. तथाकथित ‘समोसा क्रिटिक्स’ से फिल्म को चार व साढ़े चार स्टार दिलवाकर उसका विज्ञापन सोशल मीडिया व अखबारों में 14 जून को छपवाया गया. मगर अफसोस 150 करोड़ रूपए की लागत से बनी यह फिल्म सात दिन के अंदर महज 35 करोड़ रूपए ही बौक्स आफिस पर इकट्ठा कर सकी, जबकि इसे पूरे चार दिन की छुट्टी वाला सप्ताह मिला. इन 35 करोड़ में से निर्माता के हाथ में  बमुश्किल  15 करोड़ रूपए ही आएंगे. फिल्म ‘चंदू चैम्पियन’ की बौक्स आफिस पर इस दुर्गति के लिए फिल्म के निर्देशक कबीर खान व अभिनेता कार्तिक आर्यन के साथ ही फिल्म के प्रचारक भी जिम्मेदार हैं.

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