अपने एडुटेनमेंट अप्रोच को ध्यन में रखते हुए, पौपुलेशन फाउंडेशन औफ इंडिया ने अपने लोकप्रिय टीवी शो ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ के जरिए लोगों के लिए परिवार नियोजन और गर्भनिरोधक जैसे कठिन और वर्जित विषयों पर बातचीत करने के लिए एक नई शब्दावली पेश की है. "मस्त पिटारा" दंपत्ति के लिए उपलब्ध गर्भ निरोधकों के बास्केट को दर्शाता है. यह परिवार नियोजन के उन संदेशों को बदल देता है, जो अक्सर शर्मिंदगी का कारण बनते है. ये दंपत्ति के बीच एक प्रेमपूर्ण संबंध के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है.

‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ में मस्त पिटारा विशेष रूप से गर्भनिरोधक के अस्थायी तरीकों पर जोर देती है, जिसमें ओरल गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन, कंडोम और अंतर्गर्भाशयी उपकरण शामिल हैं. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में, परिवार नियोजन का बोझ महिलाओं पर पड़ता है, जिसमें आधुनिक गर्भनिरोधक तरीकों का 75% से अधिक उपयोग होता है. दंपत्ति के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों को लोकप्रिय बनाकर, मस्त पिटारा यह बताता है कि कैसे वे गर्भ निरोधक का इस्तेमाल कर आनन्द उठा सकते है.

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पौपुलेशन फाउंडेशन औफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा कहती हैं, “एक ऐसे समाज के लिए जो सेक्स और गर्भनिरोधक को वर्जित विषय मानता है,  मस्त पिटारा लोगों परिवार नियोजन के बारे में बातचीत में शामिल होने का एक साधन है. ऐसे वर्जित विषय पर न चाहते हुए भी लोगों को तब शर्मिंदा होना पड़ता है, जब वे सेवा प्रदाताओं से स्वास्थ्य संबंधी उचित जानकारी लेना चाहते है.”

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शो ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ पौपुलेशन फाउंडेशन औफ इंडिया की एक पहल है जो परिवार नियोजन और महिलाओं के सशक्तीकरण के मुद्दों पर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और व्यवहार को बदलने के लिए है. टेलीविजन कार्यक्रम के अलावा, इस शो में एक इंटरएक्टिव वायस रिस्पांस सिस्टम, सामुदायिक रेडियो, डिजिटल मीडिया और औन-ग्राउंड आउटरीच विस्तार भी शामिल हैं.

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