भेड़चाल के लिए मशहूर बौलीवुड में फिल्मकार नये-नये विषयों पर रोचक व मनोरंजक फिल्में बनाने की कोशिश करते रहते हैं. इसी बनिस्बत बॉलीवुड एक ही विषय पर फिल्में बनाने के लिए मानो हमेशा तत्पर रहता है. परिणामतः इन सभी की फिल्में मात खाती रहती हैं. इसके बावजूद बौलीवुड का कोई भी शख्स सबक लेने को तैयार नहीं है.
अतीत में एक ही समय में शहीद भगतसिंह पर एक साथ चार चार फिल्में बनी थीं, जिनमें दिग्गज कलाकारों ने अभिनय किया था और इन सभी फिल्मों को जबरदस्त नुकसान हुआ था. लेकिन सभी देख रहे हैं, ये सिलसिला आज तक थमा नहीं है. आज जबकि बौलीवुड को हौलीवुड से जोरदार टक्कर मिल रही है, तब भी बौलीवुड के सर्जक सुधरने को तैयार नहीं है. आज भी बौलीवुड के फिल्मकार भेड़चाल के शिकार नजर आते हैं.
यह कटु सत्य है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान और शौचालय बनाने के आव्हान को आधार बनाकर बौलीवुड में कई फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है. फिलहाल ‘टॉयलेट’ यानि कि शौचालय को केंद्र में रखकर बनी एक गुजराती व तीन हिंदी भाषा की फिल्मों की जो जानकारी उपलब्ध है, उसके अनुसार ये चारों फिल्में प्रेम कहानी के साथ साथ व्यंगात्मक हास्य फिल्में हैं.
इन चार फिल्मों में से गुजराती भाषा की कृष्णदेव याज्ञनिक निर्देशित व निर्मित फिल्म ‘‘करसन दास पे एंड यूज’’ 19 मई 2017 को गुजरात में प्रदर्शित होकर जबरदस्त सफलता बटोर चुकी है, जबकि इसी विषय पर अगस्त माह में एक सप्ताह के अंतराल से और दो फिल्में प्रदर्शित होने जा रही हैं. इनमें से एक है ‘‘मि.कबाड़ी’’ और दूसरी है ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’.
4 अगस्त को प्रदर्शित होने वाली और फिल्म स्व.ओम पुरी के अभिनय से सजी ये फिल्म, उनकी अंतिम फिल्म है. हम आपको बता दें कि व्यंगप्रधान हास्य फिल्म ‘‘मि. कबाड़ी’’ की लेखक व निर्देशक स्व. ओम पुरी की पहली पत्नी सीमा कपूर हैं. इसके अलावा अनूप जलोटा, राकेश गुप्ता, दिनेश गुप्ता व ओम छंगाणी फिल्म के निर्माता हैं.
यूं तो फिल्म ‘मि.कबाड़ी’ की कहानी का केंद्र, एक गरीब इंसान के अमीर बन जाने के बाद की त्रासदी की कथा पर आधारित है. पर सूत्रों पर यकीन किया जाए तो फिल्म की कहानी जैसे ही आगे बढ़ती है, वैसे ही ‘शौचालय’ केंद्र में आ जाता है. फिल्म के नायक की शादी बार-बार महज इसलिए ही टूटती है कि वो 150 शौचालय चलाता है. सूत्रों के अनुसार फिल्म में शौचालय की जरुरत व स्वच्छता के मुद्दे को व्यंग के साथ पेश किया गया है. इस फिल्म में ओम पुरी के अलावा अन्नू कपूर, सारिका, ब्रजेंद्र काला, विनय पाठक, मीनल कपूर, राजवी सिंह, कषिष वोरा, उल्का गुप्ता की अहम भूमिकाएं हैं.
तो वहीं 11 अगस्त को प्रदर्शित होने वाली निर्देशक श्री नारायण सिंह की व्यंगात्मक हास्य व प्रेम कहानी युक्त फिल्म ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ में अक्षय कुमार, भूमि पेडणेकर, अनुपम खेर व सना खान की अहम भूमिकाएं हैं. इस फिल्म में भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के अलावा शौचालय निर्माण की कहानी को पेश किया गया है.
इतना ही नहीं एक सामाजिक संस्था के साथ मिलकर करीबन हजार षौचालयों का निर्माण करवा चुके और खुद को ‘टॉयलेट मैन’ कहलवाने की इच्छा रखने वाले फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा भी इसी विषय पर एक फिल्म ‘‘मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर’’ का निर्माण कर रहे हैं.
फिलहाल फिल्म ‘मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर’ की शूटिंग जारी है. हां! ‘शौचालय’ को कहानी के केंद्र में रखकर बनी इन चारों फिल्मों में से राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म में सबसे बड़ा फर्क यही है कि फिल्म ‘मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर’ का नायक एक गरीब बस्ती का बालक है.
वैसे तो अब तक का इतिहास गवाह है कि एक ही विषय पर एक साथ जब कई फिल्में आती हैं, तो किसी को भी सफलता नहीं मिलती है. पर अब देखना है कि ‘शौचालय’ के इर्द-गिर्द बुनी गयी कहानी वाली इन चार फिल्मों से किस फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर क्या हश्र होता है. वैसे गुजराती भाषा की फिल्म ‘‘करसनदास पे एंड यूज’’ तो पहले ही सफलता के झंडे गाड़ चुकी है. अब हर किसी की निगाहें 4 अगस्त व 11 अगस्त को प्रदर्शित होने वाली फिल्मों ‘मि. कबाड़ी’ और ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ पर टिकी हुई हैं.