KGF Star Yash struggle story : ‘बोलते हैं, जितनी चादर हो, उतने ही पैर फैलाओ.... कितना बड़ा झूठा है.... पैर क्यों कम फैलाने हैं ? चादर ही बड़ी कर लो....’ ये डायलॉग है फिल्म 'केजीएफ-2' का. साल 2020 में ''केजीएफ चैप्टर-2'' रिलीज हुई थी, जिसने बड़े पैमाने पर बॉक्स-ऑफिस पर कमाई की थी. इस फिल्म ने अभिनेता ''यश'' को रातों-रात स्टार बना दिया था. आज देश का बच्चा-बच्चा ''यश'' को 'रॉकी भाई' के नाम से जानता हैं. इसके अलावा इस फिल्म के डायलॉग्स का क्रेज आज भी लोगों पर चड़ा हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ''यश'' ने एक्टर बनने के लिए एक लंबी संघर्ष भरी यात्रा तय की है ? अगर नहीं. तो आइए जानते हैं सुपरस्टार यश (yash struggle story) के स्ट्रगल वाले दिनों के बारे में.

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घर से भागकर बेंगलुरु आ गए थे यश

आपको बता दें कि अभिनेता ''यश'' (yash struggle story) के पिता बीएमटीसी में बस चालक थे. इसलिए वह चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा होकर एक सरकारी अधिकारी बने. लेकिन बचपन से ही ''यश'' एक बड़ा स्टार बनना चाहते थे. इसी वजह से वह अपने स्कूल के दिनों में नाटकों और डांस कॉम्पिटीशन में भाग लिया करते थे. लेकिन फिर भी उनके घर वाले उन्हें एक्टर नहीं बनाना चाहते थे.

इसलिए एक दिन ''यश'' ने घर छोड़ेने का निर्णय किया. फिर अपने दिल पर पत्थर रखकर वह घर से भागकर बेंगलुरु आ गए. पर वहां आकर उन्हें बहुत ड़र लगा क्योंकि न तो वो किसी को जानते थे और न ही उनके पास ज्यादा पैसे थे. वो घर से भागने से पहले केवल 300 रुपये ही जमा कर पाए थे. वहीं वह घर भी वापस नहीं जा सकते थे क्योंकि अगर एक बार वह घर वापस चले गए तो फिर उनके घरवालें उन्हें वापस नहीं भेजेंगे. इसी बात को सोचते हुए उन्होंने वहीं रहने का फैसला किया.

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