रेटिंग: एक स्टार
निर्माता: करण जौहर,अपूर्व मेहता,अमृतपाल सिंह बिंद्रा और आनंद तिवारी
लेखक: इशिता मोइत्रा, तरुण डुडेजा और सुमीत व्यास
निर्देशकः आनंद तिवारी
कलाकारः तृप्ति डिमरी, विक्की कौशल, एमी विर्क, शीबा चड्ढा, नेहा धूपिया, फैसल रशीद और अनन्या पांडे
अवधि: 2 घंटे 22 मिनट
5 वर्ष पहले करण जोहर फिल्म ‘गुड न्यूज’ ले कर आए थे, जिस में गर्भधारण न कर पाने वाले विवाहित जोड़ों और आईवीएफ गर्भधारण और शुक्राणु नमूनों में मिश्रण के इर्दगिर्द पूरी कहानी बुनी गई थी. यह मानवीय भूल के चलते हुआ मान कर स्वीकार भी किया गया था. मगर इस फिल्म ने मातापिता और विरासत के बारे में बौलीवुड की घिसीपिटी धारणाओं को हिला कर रख दिया था.
उस वक्त तमाम मांएं अंदर से न सिर्फ हिल गई थीं,बल्कि आईवीएफ से मां बनने का सपना देख रखी औरतों ने ऐसा करने से तोबा कर लिया था. जबकि उस वक्त निर्माता व निर्देशक ने दावा किया था कि उन की फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित है. अब 5 वर्ष बाद करण जोहर उसी फिल्म का सीक्वल ‘बैड न्यूूज’ के नाम से ले कर आए हैं और इस बार भी उन का दावा है कि उन की फिल्म सत्य घटना से प्रेरित है.
लेकिन इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है,जो इसे देखने लायक बनाता हो. यह न तो मनोरंजक है न ही तार्किक और न ही कोई महत्वपूर्ण संदेश देती हो.
निर्देशक आनंद तिवारी ने एक अखबार में खबर पढ़ी थी कि चीन में एक महिला ने दो अलगअलग जैविक पिताओं से गर्भवती हो कर जुड़वां बच्चों को जन्म दिया. दोनों जुड़वां बच्चों के पिता अलगअलग पुरुष हैं. इसी खबर से प्रेरित हो कर वह फिल्म ‘बैड न्यूज’ ले कर आ गए हैं.
सलोनी बग्गा (तृप्ति डिमरी) जुड़वां बच्चों से गर्भवती है, जिन के दो जैविक पिता, एक सलोनी का पूर्व पति अखिल चड्ढा (विक्की कौशल) और दूसरा उस के मसूरी के होटल सेवाय का मालिक गुरबीर पन्नू (एमी विर्क) है, जबकि विज्ञान इस तरह की बात के पक्ष में नहीं है. इस के बावजूद फिल्मकार ने इस घटना को ‘हेट्रोपैटरनल सुपरफेकुंडेशन’ नाम देते हुए कहा है कि ऐसा एक अरब में एक महिला के साथ होता है. फिल्मकार के तर्क तो देखिए. शायद किसी त्रासदी या सामूहिक बलात्कार के कारण हो सकता है.पर अहम सवाल यही है कि क्या एक महिला दो अलगअलग पिताओं के जुड़वां बच्चों से गर्भवती हो सकती है या इसे फिल्मकार के दिमागी दिवालिएपन की संज्ञा दी जानी चाहिए?
कहानीः
कहानी दिल्ली की है. जहां मेराकी स्टार बन चुकी सलोनी बग्गा (तृप्ति डिमरी ) की बायोपिक फिल्म में अभिनय करने के लिए उत्सुक अनन्या पांडे, सलोनी से उस की कहानी सुनने के लिए मिलती है. सलोनी बग्गा अरबों में एक ऐसी औरत हैं जो एक ही रात में दो पुरुषों से गर्भवती हो जाती है,जिस के चलते उन के गर्भ में पल रहे जुड़वां बच्चों के पिता अलगअलग पुरुष हैं. सलोनी के एक बच्चे का पिता सलोनी का पूर्व पति अखिल चड्ढा (विक्की कौशल ) और दूसरे का पिता गुरबीर पन्नू (एमी विर्क ) हैं. गुरबीर पन्नू के ही होटल सेवाय में सलोनी हेड शेफ के रूप में कार्यरत हैं और मेराकी स्टार शेफ का अवार्ड इसी होटल में काम करते हुए उसे मिलता है.
सलोनी ने अखिल से यह सोच कर तूफानी रोमांस और चटपट शादी की थी कि उसे अखिल की मदद से ‘मिराकी स्टार शेफ’ अवार्ड’ मिल जाएगा पर अखिल की विषाक्त मर्दांनगी,मम्मीफोबिया व फोनोफोबिया की आदतों के चलते सलोनी का यह सपना नहीं पूरा होता, तब सलोनी अखिल से तलाक ले कर मसूरी जा कर गुरबीर के होटल में मुख्य शेफ बन जाती है, जहां वह होटल के मालिक गुरबीर पन्नू के साथ रोमांस करती है.गुरबीर पन्नू भी सलोनी को पसंद करता है पर इस दिशा में वह धीेरधीरे आगे बढ़ना चाहता है.अपनी शादी की पहली वर्षगांठ की रात अखिल से चिढ़ी सलोनी, जबरन गुरबीर के साथ यौन संबंध स्थापित करती है. कुछ ही देर में वहां अपनी शादी की एनिवर्सरी मनाने उस का पूर्व पति अखिल चड्ढा पहुंचता है और सलोनी उस के साथ भी हमबिस्तर हो जाती है.
6 सप्ताह बाद पता चलता है कि सलोनी गर्भवती है.अब सलोनी अपनेआप से सवाल पूछती है कि उस के गर्भ में पल रहे बच्चे का पिता अखिल है या गुरबीर? वह डाक्टर के पास जाती है. डाक्टर (फैसल रशीद ) पेरैंटिंग टेस्ट कर के बताता है कि गर्भ में दो बच्चे हैं, जिन में से एक का पिता अखिल,दूसरे का पिता गुरबीर है. अब अखिल व गुरबीर दोनों खुद को अच्छा पिता साबित करने की होड़ और एकदूसरे को मात देने में लग जाते है.दोनों उन बच्चों पर अपना हक जताने के साथ ही सलोनी का साथ चाहते हैं.अब आगे क्या होता है,उस के लिए फिल्म देखें तो ही ठीक होगा.
समीक्षाः
फिल्म ‘बैड न्यूज’ विषाक्त मर्दांनगी और सैक्स के भूखे इंसानों का एक अलग पक्ष ही रखती है, जिसे फिल्मकार ने सिनेमाई स्वतंत्रता की आड़ में हास्य के साथ पेश करते हुए विज्ञान को भी धता बताते हुए एक नया नाम 'हेट्रोपैटरनल सुपरफेकुंडेशन’ दे दिया है. फिल्मकार इसे रोमांटिक कौमेडी फिल्म की संज्ञा दे रहे हैं, जबकि लगभग ढाई घंटे की फिल्म में बमुश्किल 30 मिनट ही हास्य है. रोमांस के नाम पर तो सलोनी व अखिल के बीच जो कुछ होता है,वह सपनों को पूरा करने के हथियार के अलावा कुछ भी नहीं है.इशिता मोइत्रा, तरुण डुडेजा व सुमित व्यास की पटकथा काफी कमजोर है.
फिल्म की कहानी व पटकथा लौजिक के स्तर पर पूरी तरह से दिग्भ्रमित करती है.विज्ञान के आधार पर यह फिल्म पूर्णतया गलत है. कहानी व पटकथा कमजोर ही नहीं बल्कि विरोधाभासों से भरी हुई है. कितनी अजीब बात है कि सलोनी के साथ बदतमीजी से बात करने वाले इंसान को थप्पड़ मारने वाले अखिल को उस वक्त गुस्सा नहीं आता, जब उसे पता चलता है कि उस की पूर्व पत्नी सलोनी ने अन्य पुरुष से शारीरिक संबंध बनाया है. वह तो सलोनी के बच्चे को अपना नाम तक देने को तैयार है. छठे सप्ताह में ही डाक्टर द्वारा पेरैंटिंग टेस्ट भी अजीब सा लगता है.
हद तो तब हो जाती है,जब आठवें माह में डाक्टर कहता है कि गर्भ में पल रहे एक बच्चे का विकास सही से नहीं हुआ है, जबकि दूसरा स्वस्थ है, इसलिए तुरंत औपरेशन कर डिलीवरी करवाना आवश्यक है. फिल्म देख कर सवाल उठता है कि हमारे देश के सेंसर बोर्ड को क्या हो गया है? सेंसर बोर्ड इस तरह की अविज्ञान सम्मत बातों को फिल्म के माध्यम से पेश करने की इजाजत कैसे दे देता है. क्या समाज में इस का गलत संदेश नहीं दिया जा रहा है? अखिल के डिटेक्टिव मामा के किरदार का फिल्म में अवतरण भी जबरन ठूंसा हुआ लगता है.
अभिनयः
जहां तक अभिनय का सवाल है तो दिल्ली के अखिल चड्ढा के किरदार में अपने अभिनय से विक्की कौशल 2018 में प्रदर्शित फिल्म ‘मनमर्जियां’ के विक्की संधू की याद दिलाने के साथ ही फिल्म ‘कबीर सिंह’ और ‘एनिमल’ से उभरे विषाक्त मर्दांनगी वाले नायक की याद दिलाते हैं. ‘मनमर्जिया’ का संधू अपरिपक्व और थोड़ा पागल था, वहीं चाट की दुकान का मालिक अखिल ‘कबीर सिंह’ की तरह अड़ियल है.
फिर भी एक आत्मकेंद्रित, बड़बोले और मम्माज बौय पंजाबी लड़के के किरदार में विक्की कौशल का अभिनय शानदार है.वह ‘तौबा तौबा’ गाने में बेहतरीन नर्तक के रूप में उभरते हैं. सलोनी के किरदार में तृप्ति डिमरी ने जिस तरह से जिस्म की नुमाइश करते हुए खुद को बोल्ड होने का संकेत दिया है, उस में नवीनता नहीं है. ‘बुलबुल’ और ‘एनिमल’ के बाद ‘बैड न्यूज’ तृप्ति का तीसरा प्रयास है.
‘एनिमल’ के बाद वह अपने इसी तरह के अभिनय की बदौलत ‘नेशनल क्रश’ जरूर बन चुकी हैं.मगर इस का सब से बड़ा खमियाजा यह है कि इस तरह के दृश्यों के चलते लोगों का ध्यान उन की अभिनय प्रतिभा पर नहीं जाता, जबकि तृप्ति डिमरी बेहतरीन अदाकारा हैं, इस में कोई दो राय नहीं पर यह उन पर निर्भर करता है कि वह अपनी प्रतिभा का किस तरह सही ढंग से उपयोग कर अपने कैरियर को आगे ले जाती हैं या पीछे.‘भुजः द प्राइड औफ इंडिया’ और ‘83’ जैसी हिंदी फिल्मों में अभिनय करने के बाद पंजाबी फिल्मों के स्टार अभिनेता एमी विर्क को सही मायनों में एक बड़ा ब्रेक गुरबीर पन्नू के रूप मे फिल्म ‘बैड न्यूज’ में मिला है. मगर उन की अभिनय क्षमता का सही उपयोग करने में निर्देशक विफल रहा है. मेहमान कलाकार की भूमिका में अनन्या पांडे के हिस्से करने को कुछ आया ही नहीं.
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