वैज्ञानिकों ने एक अत्यंत बड़ी दूरबीन डिजाइन की है जिसे रोबोट अंतरिक्ष में ही जोड़कर तैयार कर सकते हैं. यह ब्रह्मांड में अंदर तक झांकने में खगोलविदों की क्षमता बढ़ाएगी. इस काम को अंजाम तक पहुंचाने में एक भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल है.

अंतरिक्ष दूरदर्शी डिजाइन करने की नई अवधारणा में अंतरिक्ष में अत्यंत बड़ी दूरबीन तैयार करने के लिए एक असेंबली रोबोट का इस्तेमाल किया जाता है जो पुजोर्ं को जोड़-जोड़कर संरचना तैयार करता है.

वायुमंडलीय प्रभावों और पृथ्वी पर जगह निश्चित होने की वजह से जमीन पर स्थित दूरबीनों की एक सीमा होती है.अंतरिक्ष आधारित दूरबीनों में ये कमी तो नहीं होती लेकिन उनकी दूसरी सीमाएं होती हैं जिनमें पूरे प्रक्षेपण यान का आयतन और द्रव्यमान की क्षमता शामिल है.

कैलीफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और अमेरिका में नासा की जेट प्रोपल्शन लैब में निकोलस ली और उनके सहयोगियों द्वारा डिजाइन की गयी तथा रोबोट के माध्यम से तैयार की गयी यह अंतरिक्ष दूरबीन (आरएएमएसटी) मुख्यत: रोबोट के माध्यम से किये जाने वाले उन कार्यों पर ध्यान देती है जिनमें अंतरिक्षयात्रियों की शारीरिक थकान एक मुद्दा होता है.

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