सूरज आज सुबहसुबह कंप्यूटर खोल कर बैठ गया था. पापा औफिस जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सूरज को कंप्यूटर पर बैठा देख बोले, ‘‘सूरज, सुबहसुबह कुछ व्यायाम कर लिया करो, क्या हमेशा कंप्यूटर पर ही चिपके रहते हो. क्या कर रहे हो अब?’’
‘‘कुछ नहीं पापा. बस, कोई पार्टटाइम जौब ढूंढ़ रहा हूं, नैट पर,’’ सूरज ने कहा.
सूरज ने हायर सैकंडरी की परीक्षा दी थी. रिजल्ट आने व कालेज के ऐडमिशन में अभी 2-3 महीने का समय था, सो वह कोई पार्टटाइम जौब कर पापा का हाथ बंटाना चाहता था इसीलिए नैट पर जौब सर्च करता व अपना रेज्यूमे विभिन्न कंपनियों को भेजता रहता था. आज सूरज अपने ईमेल के इनबौक्स में 4 मैसेज देख कर खुश हो गया. ‘शायद कोई जौब का औफर हो’ सोच कर उस ने मैसेज खोलने शुरू किए. फिर एक मेल पर उस का ध्यान अटक गया, जिस में नौकरियों के सुनहरे अवसर’ शीर्षक से 3 लाइन का मैसेज था. सूरज जल्दीजल्दी मेल पढ़ने लगा. लिखा था, ‘आप इन प्रतिष्ठित कंपनियों के नामों से तो परिचित होंगे ही. इन में से किसी में भी नौकरी या पार्टटाइम जौब के लिए संपर्क करें. तुरंत अपना रेज्यूमे मेल करें व मनपसंद जौब, अच्छी सैलरी पाएं.’
सूरज को यह प्रक्रिया अच्छी लगी. वहां दी गई कंपनियों में से एक प्रतिष्ठित कंपनी में उसे अपना मनपसंद काम मिलता दिखा, सो उस ने उस कंपनी के मेल एड्रैस पर अपना रेज्यूमे मेल कर दिया. फिर वह अन्य मेल चैक करने लगा, जो उस के कुछ दोस्तों के थे. अगले दिन सुबह सूरज नैट पर मेल चैक कर रहा था तभी उस के पापा आए और बोले, ‘‘सूरज, यह लो 10 हजार रुपए और मेरी बीमा की पिछली रसीद. आज इस रसीद में दिए नंबर पर मेरी बीमा पौलिसी की किश्त जमा करवा देना.’’
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