एक दिन पड़ोस वाली भाभी मेरे पास सवेरेसवेरे आई और बड़े प्यार से एक बड़ा सा फल दे कर बोलीं, ‘‘लो हमारे खेत से आए हैं.’’ तो मैं ने कहा, ‘‘अजी क्या है और क्या करना है?’’ तो वे बोलीं, ‘‘1 घंटे पानी में भिगो कर रखना, फिर मसल कर पानी और चीनी के साथ मिला कर, छान कर शरबत बना लेना. इसे पीने से पेट में ठंडक रहेगी.’’

मैं ने वैसा ही किया. 3-4 दिनों बाद भाभी मिलीं. उन्होंने सोचा होगा कि कैसे लोग हैं, धन्यवाद भी नहीं देते. इस से पहले वे और कुछ सोचतीं, मैं ने कहा, ‘‘अरे भाभी, शरबत तो निकलना दूर, 3 दिनों से पानी में भिगो रखा है, गीला तक नहीं हुआ.’’ इस पर वे इतना हंसी कि पेट की सारी ठंडक दर्द में बदल गई और बोलीं, ‘‘ओहो, तुम ने शायद उसे बिना फोड़े ही भिगो दिया, तभी…’’ मेरा मुंह देखने लायक था और मेरी भी हंसी रोके न रुकी. 

– तरुणा मालपाणी

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सिविल लाइंस में रहने वाली मेरी कजिन सुंदरता, फैशन एवं व्यवहार में अग्रणी मानी जाती थीं. बात उस समय की है जब वे अपने उच्चपदस्थ पुलिस अधिकारी पति की उत्तरपूर्वी क्षेत्र में पोस्ंिटग पर असम में थीं. एक बड़े सरकारी समारोह में उन्हें जाना था. मेरी कजिन झटपट तैयार हो कर अपने 2 बच्चों को तैयार कर रही थीं. उन के बाल बना कर असावधानी में बड़ा कंघा अपने जूड़े में खोंस लिया और उसी अवस्था में समारोह में चली गईं. सबकुछ ठीक चल रहा था और वे हमेशा की तरह वाहवाही ले रही थीं. तभी उन का शीशे से सामना हुआ और वे यह देख कर दंग रह गईं कि वह बेढंगा कंघा उन के जूड़े की शोभा बढ़ा रहा था.

अचकचा कर उन्होंने वहां उपस्थित अपनी मित्र से पूछा कि उन्होंने पहले ही क्यों न बता दिया. तो बड़े भोलेपन से उस ने कहा कि उस ने सोचा कि यह भी दिल्ली का कोई फैशन होगा.

– मनोरमा दयाल, नोएडा (उ.प्र.)

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मैं ने अपनी कामवाली लड़की को बहुत पहले समझाया था कि घर आने के बाद सब से पहले बाहर सूखते कपड़े उतारा करो, फिर कोई दूसरा काम किया करो. उस दिन मैं रसोई में व्यस्त थी. वह आ कर झाड़ू लगाने लगी. मैं ने उसे झाड़ू लगाते हुए देखा तो बोली, ‘‘कितनी बार बोली हूं कि पहले कपड़े उतारा करो, फिर काम शुरू किया करो.’’ मेरा इतना कहा सुनते ही सब लोग हंसने लगे. मैं ने भी जब अपने कहे पर गौर किया तो हंसे बगैर न रह सकी.

– सिम्मी बवेजा, सूरत (गुज.)

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