यह लीजिए! अब बिहार में रंगदारों के निशाने पर पुलिस के आला अफसर भी आ गए हैं. अब तक कारोबारी, इंजीनियर, डाक्टर, ठेकेदार आदि से ही लाखों-करोड़ों रूपए की रंगदारी वसूली की बातें सामने आती थीं, अब अपराधियों ने पुलिस के डीआईजी से ही रंगदारी मांग ली है. वह भी पूरे 20 लाख की. रंगदारी मांगने वाले ने डीआईजी से कहा कि वह रिटायर हो रहे हैं और रिटायरमेंट के बाद सरकार से मिलने वाली रकम में से आधा उसे दे दिया जाए. वही दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने डीआईजी को धमकी देने वाले को पकड़ने के बजाए डीआईजी का ही ट्रांसफर कर दिया है.
बिहार के कोसी रेंज के डीआईजी चंद्रिका प्रसाद के मोबाइल फोन पर किसी ने फोन कर कहा कि 20 लाख रूपये दो, नहीं तो बम से उड़ा दिया जाएगा. फोन करने वाले ने अपना नाम आजम खान बताया और यह भी कहा कि वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. इस मामले में डीआईजी साहब ने पहले अपने विभाग के अफसरों को चिट्ठी लिख कर पूरी जानकारी दी और उसके बाद सहरसा के सदर थाना में रिपोर्ट दर्ज करा दिया.
सहरसा के एसपी अश्विनी कुमार ने बताया कि डीआईजी की चिट्ठी के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है. डीआईजी ने चिट्ठी में लिखा है कि 24 जून की दोपहर को डेढ़ बजे के करीब उनके मोबाइल पर फोन आया कि और दूसरी तरफ से आवाज आई-‘ मैं काला चश्मा वाला ब्रह्मदेव का बेटा गंध्यिा बोल रहा हूं.’ डीआईजी ने पूछा कि क्या बात है? उसके बाद आवाज आई-‘ मैं आजम खान बोल रहा हूं और मैं तुम्हारे समूचे परिवार को अच्छी तरह से जानता हूं. फिलहाल 20 लाख रुपये पहुंचा दो और रिटायर करने के बाद मिलने वाल रकम में से आधी भी पहुंचा देना. अगर रुपया नहीं दिया, तो तुम्हें बम से उड़ा दिया जाएगा.
डीआईजी चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि धमकी देने वाले आदमी ने उनके पिता का नाम भी बताया, जिससे यह पता चलता है कि अपराधी उनके परिवार से अच्छी तरह से वाकिफ है. पुलिस ने धमकी देने वाले की मोबाइल नंबर के बारे में पता किया तो वह गाजियाबाद के शेषनारायण के नाम से जारी है. मोबाइल का लोकेशन दिल्ली का मयूर विहार इलाका मिला है. उस नंबर पर फोन किया गया तो कौल रीसिव करने वाले ने बताया कि उसका नाम ओंकार यादव है और वह नोएडा के मार्डन कंस्ट्रक्शन कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम करता है. उसके बाद उसने फोन काट दिया.
गौरतलब है कि डीआईजी का पटना के बेउफर इलाके में अपना मकान है और कई अपराधी उसे हड़पने की फिराक में लगे हुए हैं. अखिलेश राय, राजेश राय, रामजी राय और रूबी राय से इस मामले में विवाद भी चल रहा है. पुलिस इस रंगदारी मांगने को मामले को इससे भी जोड़ कर जांच में लगी हुई है.
डीआईजी ने जब सरकार और अपने विभाग के आला अफसरों को चिट्ठी लिख कर रंगदारी की मांग और धमकी के बारे में जानकारी दी, तो सरकार ने आनन-फानन डीआईजी का ही तबादला कर दिया. उन्हें कोसी रेंज से हटा कर उत्तरी मंडल-मुजफ्फरपुर बीएमपी भेज दिया गया. पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक रंगदारी मांगने के मामले को प्रेस में देने से पुलिस के आला अफसर नाराज हो गए और उनका तबादला कर दिया गया. डीआईजी को अफसोस है कि उनके विभाग ने ही उनके साथ इंसाफ नहीं किया है. उन्हें धमकी देने वाले अपराधी का पता लगाने और उसे गिरफ्तार करने के बदले विभाग ने उन्हें ही तबादले की सजा दे डाली है.