धारावाहिक ‘उतरन’ में इच्छा भारती की भूमिका निभाकर चर्चित हुई अभिनेत्री टीना दत्ता कोलकाता के बंगाली परिवार की हैं. उन्होंने साढ़े चार साल की उम्र में ‘सिस्टर निवेदिता’ धारावाहिक में काम किया, इसके अलावा उन्होंने कई बांग्ला फिल्मों में भी काम किया है. उन्हें बचपन से अभिनय की कोई इच्छा नहीं थी, लेकिन 12 साल की उम्र में बांग्ला फिल्म ‘खेला’ ने उनकी जिंदगी बदल दी और वह अभिनय की ओर मुड़ी. शांत, स्पष्टभाषी और विनम्र स्वभाव की टीना को हर नयी और अलग भूमिका निभाना अच्छा लगता है. अभी वह एंड टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘डायन’ में मुख्य भूमिका निभा रही हैं. उनसे मिलकर बात करना रोचक था. पेश है कुछ अंश.
प्र. इस तरह की भूत प्रेत और डायन जैसी चीजों पर कितना विश्वास रखती हैं?
असल जिंदगी में कभी विश्वास नहीं करती, पर लगता है कि कोई ऐसी शक्ति मनुष्य में ही है, जिसमें से कुछ लोग अच्छे काम करना चाहते हैं, तो कुछ बुरे काम कर खुश रहते हैं. मुझे ऐसा किसी प्रकार का अनुभव नहीं हुआ.
प्र. असल जिंदगी में आपको किसी से डर लगा?
मुझे किसी से कोई डर नहीं लगता. पहले मैं सांप से बहुत डरती थी, पर ‘खतरों के खिलाड़ी’ शो में मेरे उपर 4 से 5 पाईथन सांप छोड़ दिए गए थे, जिससे वह डर भी निकल गया.
प्र. कई बार ऐसा देखा जाता है कि किसी महिला को डायन कहकर घर से निकाल दिया जाता है या मार दिया जाता है, इस बारे में आपकी राय क्या है?
ऐसा कभी भी नहीं हो सकता और अगर लोग ऐसा करते हैं तो गलत करते है, क्योंकि अगर कोई महिला किसी बात से डर कर या मानसिक रूप से अस्वस्थ रहने पर कुछ करती है, तो उसे सही इलाज की जरुरत है. झाड़-फूंक से बीमारी ठीक नहीं हो सकती. गांव में अभी भी इस पर लोग विश्वास करते हैं, क्योंकि उन्हें सही ज्ञान नहीं है और शिक्षा का अभाव है. मुझे दुःख होता है जब मैं मीडिया में पढ़ती हूं कि किसी महिला को भूत-प्रेत कहकर उसे जला दिया गया.
प्र. क्या इस तरीके के शो अन्धविश्वास को बढ़ावा नहीं देते?
मैं इस शो के जरिये अन्धविश्वास को फैलाना नहीं चाहती. यह एक फिक्शन शो है और सास बहू के धारावाहिक से अलग हटकर है. मेरा मकसद यह है कि जब आप पूरा दिन काम करने के बाद घर जाएं, तो कुछ अलग मनोरंजक शो को देखने का मौका मिले. सास बहू के नोक-झोंक जिसे आप हर रोज घर में देखते हैं, उसे ही टीवी पर देखना अच्छा नहीं लगता. इसके अलावा आज के दर्शक काफी समझदार हैं और वे ऐसे मनोरंजक शो को अवश्य पसंद करेंगे.
प्र. आप अपनी जर्नी को कैसे लेती हैं?
मैं अपनी जर्नी से बहुत खुश हूं, क्योंकि बहुत कम लोगों को इतने कम समय में यहां तक पहुंचने का मौका मिलता है. मेरा पहला शो ‘कोई आने को है’ भी हिट रहा. उसके बाद ‘उतरन’ मेरा एक सुपरहिट शो था. इस तरह मुझे अच्छे काम मिलते गए और मैं करती गयी. इसमें मेहनत और लगन मेरी 100 प्रतिशत हुआ करती है. इसके अलावा मैंने कई बांग्ला धारावाहिक और फिल्में की हैं, मैंने उसे भी एन्जौय किया है, क्योंकि वहां मेरा घर है, लेकिन अब मैं मुंबई में भी अपने काम को एन्जौय कर रही हूं. अभी भी अगर कोई मौका मिलेगा, तो अवश्य बांग्ला फिल्म करना चाहूंगी.
प्र. धारावाहिक ‘उतरन’ से आपका अलग ब्रांड बना, इसे आप कैसे लेती हैं?
‘इच्छा’ की भूमिका मेरे दिल के बहुत करीब है. वह मेरे बच्चे की तरह है. मैंने साढ़े पांच साल उसके लिए काम किया है. मैंने दो-दो भूमिका एक साथ निभाई है. कहीं भी अगर मैं जाती हूं तो लोग मुझे ‘इच्छा’ कहकर बुलाते हैं, जो मुझे बहुत अच्छा लगता है. मुझे उस भूमिका से बहुत प्यार मिला. कुछ लोगों ने अपने बेटी का नाम तक इच्छा रख लिया, जो बहुत खुशी की बात है. आज बहुत कम ऐसे किरदार किसी धारावाहिक में हैं, जिसमें वे खुद घुल जाते हैं. आज भी मैं उस शो को याद करती हूं, लेकिन ऐसे ब्रांड स्थापित करने से कई बार समस्या भी आती है, क्योंकि कलाकार उसमें इतना घुस जाता है कि उससे निकल कर दूसरा अभिनय करना उसके लिए मुश्किल हो जाता है.
प्र. आप के यहां तक पहुंचने में आपके परिवार का कितना सहयोग रहा है?
मेरी कामयाबी में मेरे पेरेंट्स का बहुत सहयोग रहा है. मैंने कोलकाता में साढ़े चार साल की उम्र से काम शुरू किया था. मेरे पिता औफिस जाने से पहले मुझे शूट पर छोड़कर जाते थे और बीच में औफिस से मुझे देखने भी आते थे, क्योंकि मैं छोटी थी और घर जाने के लिए रोती थी. मेरी मां की बहुत इच्छा थी कि मैं अभिनय करूं. जब मैं ‘उतरन’ शो के लिए मुंबई आई, तो मेरी मां मेरे साथ आई थी और रही. उनके लिए ये बहुत मुश्किल था, क्योंकि वह अपने पति और बेटे को छोड़कर यहां आई थी. उस समय मुझे यहां सेटल होने में समय लगा, क्योंकि मैं इस शहर और इंडस्ट्री में नई थी.
प्र. सोशल मीडिया पर आप कितनी एक्टिव हैं?
मैं सोशल मीडिया को अपने जीवन में कही स्थान नहीं देती, मेरे हिसाब से जो लोग अंदर से खुश नहीं होते या अपने आपको सबकी नजर में रखना चाहते हैं, उन्हें ही वह पसंद आती है. एक स्माइल भरे चित्र पोस्ट कर देने से कोई अपने आप को खुश नहीं रख सकता. उसके लिए उसे अंदर से खुश होना पड़ता है.
प्र. इंडस्ट्री में आपके दोस्त कौन हैं?
इंडस्ट्री में कोई आपका दोस्त नहीं बन सकता. मैं स्पष्टभाषी हूं, इसलिए लोग मुझे इग्नोर भी करते हैं. यहां सामने सब अच्छी बातें करते हैं, पर पीठ पीछे आपकी बुराई करने से नहीं कतराते. इसलिए मैंने लोगों की बातों का विश्वास करना छोड़ दिया है. मेरे अधिकतर दोस्त इंडस्ट्री के बाहर हैं.
प्र. स्टारडम को कैसे मेनेज करती हैं?
ये सही है, इसे बनाये रखना मुश्किल होता है, क्योंकि डेली शो के कलाकार का ग्राफ कभी एक जैसा नहीं होता. उतार-चढ़ाव होता रहता है. मुझे बीच में दो साल तक अच्छी भूमिका के लिए बैठने भी पड़ा. उस दौरान मैं डिप्रेशन में नहीं गयी. मैंने अपने जीवन को हमेशा बैलेंस किया है.
प्र. अभिनय के अलावा आप क्या पसंद करती हैं?
मुझे दोस्तों के साथ समय बिताना, घूमना और फिल्में देखना पसंद है.
प्र. अगर अभिनेत्री न होती तो क्या बनना पसंद करती?
मैं एयर होस्टेज बनना पसंद करती.
प्र. नए साल में क्या परिवर्तन चाहती हैं?
मैं चाहती हूं कि प्रदूषण हमारे देश से दूर हो जाये. जो लोग कूड़े-कचरे को इधर-उधर फेंकते हैं, उन्हें सजा मिले. सबको ताजी हवा में सांस लेने का मौका मिले. ये सही है कि अगर प्रदूषण का स्तर कम होगा, तो लोग कम बीमार पड़ेंगे.