संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अगले वर्ष पहली जनवरी से प्रत्येक स्मार्ट मोबाइल फोन पर आपातकाल में इस्तेमाल के लिए एक अतिरिक्त बटन अनिवार्य रूप में लगाए जाने का ऐलान किया है. इस बटन के बिना कोई फोन बेचा नहीं जा सकेगा. इस बटन को महिलाओं की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया जा रहा है.

फोन पर लगे आपातकालीन बटन को दबाने से इस की कौल पुलिस तक पहुंच जाएगी. यदि आप स्मार्ट फोन इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो आपात स्थिति में मोबाइल फोन पर 5 या 9 नंबर के बटन से दबाने पर यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. मंत्री का कहना था कि दुनिया के कई देशों में आपातकालीन बटन मोबाइल फोन पर है और उस का पूरा फायदा दुनियाभर के मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को मिल रहा है.

संचार मंत्री यह भी कहते हैं कि जब हमारे पास तकनीक है तो उस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और उस का फायदा प्रत्येक उपभोक्ता को मिलना चाहिए.

यह ठीक है कि इस तरह की व्यवस्था से निर्भयाकांड जैसी घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी लेकिन मुश्किल यह है कि हमारे यहां मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या एक अरब को तो पार कर चुकी है लेकिन उन में बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता हैं जो निरक्षर हैं. कई घरों में तो मोबाइल फोन बच्चों के खिलौने की तरह इस्तेमाल होता है. ऐसे में आपातकालीन बटन गलती से दब सकता है. उस की कौल जब बड़ी संख्या में पुलिस तक पहुंचेगी तो पुलिस के लिए घटना की सत्यता की परख करना कठिन हो जाएगा. सख्ती बरतने के लिए यदि जुर्माने अथवा सजा की व्यवस्था की जाती है तो बड़ी संख्या में लोगों को बेवजह दंडित होना पड़ सकता है.

सुविधाओं के दुरुपयोग का मौजूदा उदाहरण 100 नंबर है जिस के दुरुपयोग की लगातार खबरें आती रहती हैं. पुलिस को बड़ी संख्या में 100 नंबर पर फर्जी कौल मिलती हैं. जरूरत है तकनीक का दुरुपयोग रुके और सुविधा के नाम पर लोगों को खमियाजा न भुगतना पड़े. संचार मंत्री को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए.

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