अफ्रीका महाद्वीप अपनेआप में कई रहस्यों को समेटे हुए है. पश्चिमी अफ्रीका के सेनेगल कोस्ट देश में करीब 7,465 एकड़ क्षेत्र में फैला खूबसूरत द्वीप ‘जोल-फडिऊथ’ कुछ सालों से दुनियाभर के पयर्टकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस देश में सैकड़ों द्वीप हैं. 400 मीटर लंबा लकड़ी का पुल इन द्वीपों को आपस में जोड़ने का काम करता है. पुल पार करते ही कोई जैसे ही फडिऊथ द्वीप में प्रवेश करता है, उस का वहां चारों तरह बिखरी पड़ी सीपियों से साक्षात्कार होता है. द्वीप पर सीपियों के जमा होने में सैकड़ों साल लगे होंगे.

सीपियों का खजाना

इस द्वीप की 90 फीसदी आबादी मुसलिम है. बहरहाल, वहां खूबसूरत समुद्री तट, घने जंगल, झीलझरने और जड़ीबूटियों का अपार भंडार है. वहां बसे आदिवासी कहां से और कब आए, कोई मूल प्रमाण नहीं मिलता लेकिन यहां के आदिवासियों की जीविका समुद्र के सहारे ही निर्भर है. वे मछलियों के साथ समुद्री जीवों को पकड़ते हैं. यहां के समुद्र में सीपियां प्रचुर मात्रा में मिलती हैं, इसलिए ज्यादातर आदिवासी इस धंधे से जुड़े हुए हैं. इस में उन्हें 2 फायदे नजर आए. पहले, सीपियों के अंदर का मीट उन के खाने के काम आता है और अब खाली सीपियों का इस्तेमाल वे आर्किटैक्चर के रूप में कर रहे हैं.द्वीप के पुराने बाशिंदों का कहना है कि उन्होंने जब से होश संभाला है तब से सीपियों का ऐसा नजारा देख रहे हैं.

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समुद्री दृश्य का नजारा

कुछ वर्षों से पश्चिमी देशों से बड़ी संख्या में पर्यटकों, खासकर युवा जोड़ों, की आमद बढ़ने के साथ स्थानीय लोगों की प्रतिव्यक्ति आय काफी बढ़ी है. पैसा आने के बावजूद लोग द्वीप के पर्यावरण को ले कर काफी गंभीर रहते हैं. लोगों के विरोध के कारण ही द्वीप में सड़कों का जाल नहीं बिछ पाया है. आम आदमी हो या विदेशी पर्यटक सैर करने को पैदल ही निकलते हैं. सैलानियों के ठहरने व खाने के लिए वहां शानदार होटल, रैस्टोरैंट हैं, जहां सभी प्रकार की सुविधाएं हैं. होटलों में पर्यटकों के ठहरने की इस तरह की व्यवस्था की गई है कि वे समुद्री दृश्य और लहरों का हर वक्त आनंद उठा सकें. द्वीप की पढ़ीलिखी युवा पीढ़ी अपने खुद के कामधंधे को ज्यादा तरजीह दे रही है.

उल्लेखनीय है कि सेनेगल देश के पहले राष्ट्रपति म्बेड डिगोयो का जन्म इसी द्वीप में हुआ था. जो भी पर्यटक इस द्वीप की सैर करने को आता है, वह डिगोयो संग्रहालय जाना नहीं भूलता है. पहले राष्ट्रपति के घर को संग्रहालय की शक्ल दी गई है. संग्रहालय में उन के जीवन से जुड़ी चीजें रखी गई हैं.

बाओबाब का महत्त्व

दिलचस्प यह है कि समुद्री पक्षियों की बड़ी जनसंख्या द्वीप की रोजमर्रा जिंदगी का एक हिस्सा है. ‘बाओबाब’ पेड़ तो इस द्वीप के लिए बहुत महत्त्व रखता है. इस के बिना स्थानीय लोग जीने की कल्पना तक नहीं कर सकते. उल्लेखनीय है कि आदिकाल में आदिवासी लोग इस पेड़ की छाल से अपना जिस्म ढकते थे. इस पेड़ की पत्तियां संजीवनी से कम नहीं हैं. महिलाएं उन से पाउडर बना कर कई चीजों में इस्तेमाल करती हैं. यह पाउडर मधुमेह, कैंसर, एड्स, पेट रोग और कई बीमारियों में रामबाण की तरह असर करता है. खिलाड़ी, खासकर ऐथलेटिक्स में रुचि रखने वाले खिलाड़ी, अपना दमखम बढ़ाने के लिए पाउडर का इस्तेमाल करते हैं.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि सीपियों का द्वीप होने के चलते उन्हें दुनिया भर में एक बड़ी पहचान मिली है. द्वीप का सामान्य तापमान 29 डिगरी सैल्सियस रहता है. जुलाई से अक्तूबर महीने तक गरम और नवंबर से अप्रैल तक साधारण तापमान रहता है.

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