VIDEO : इस तरह बनाएं अपने होंठो को गुलाबी
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTube चैनल.
भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआइ) से निलंबित किए गए अर्जुन अवौर्ड विजेता और पैरा तैराकी प्रशिक्षक प्रशांत कर्माकर ने पीसीआई के उपाध्यक्ष गुरुचरण सिंह व पैरा तैराकी अध्यक्ष विरेंद्र कुमार डबास पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने अपनी निजी दुश्मनी के कारण यह सब साजिश की है.
कर्माकर की इनसे लंबी लड़ाई रही है. उन्होंने कहा कि 2002 एशियन खेलों व 2006 एशियन व कौमनवेल्थ खेलों में मेरा नाम शामिल नहीं किया गया था. जब मैंने इसकी शिकायत की तो 2010 कौमनवेल्थ व एशियन खेलों में खेलने का मौका मिला और पदक जीते. इसी तरह 2014 एशियन खेलों में मैंने देश के लिए पदक जीते. 2011 में मुझे 2012 लंदन ओलंपिक की तैयारी के लिए भारत सरकार ने पैसा दिया लेकिन पीसीआइ के कोषाध्यक्ष गुरुचरण सिंह ने मुझे पैसा नहीं दिया. जबकि पीसीआइ महासचिव ने गुरुचरण सिंह को पत्र लिख कर मेरे पैसे देने को कहा था.
कर्माकर ने कहा कि कुछ लोग पीसीआइ के माध्यम से विदेश गए हैं और वापस भारत नहीं आए. इस तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ मैंने पीसीआइ में आवाज उठाई है और इन सब भ्रष्टाचार में यह लोग शामिल है. इन्होंने एक खिलाड़ी के 30 हजार रुपये खाए तो मैंने पत्र लिखा था कि खिलाड़ी के पैसे क्यों नहीं दिए गए. कर्माकर ने कहा कि वैसे वीडियो रिकौर्डिंग मैंने नहीं की थी बल्कि उस खिलाड़ी के पिता ने वीडियो बनाया है.
बता दें कि भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआइ) ने प्रशांत कर्माकर को पिछले साल जयपुर में हुई 16वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप के दौरान महिला पैरा तैराकों का वीडियो बनाने, गलत आचरण और मारपीट का दोषी पाते हुए तीन साल के लिए निलंबित कर दिया था.
कर्माकर ने कथित तौर पर अपने एक सहयोगी को प्रतियोगिता के दौरान महिला तैराकों की फिल्म बनाने के लिए कहा. इन तैराकों के परिजनों ने इस पर आपत्ति जतायी जिसके बाद इस सहयोगी ने पीसीआई में पैरा तैराकी के चेयरमैन वीके डबास से कहा कि कर्माकर ने उन्हें तैराकों की फिल्म बनाने के निर्देश दिए थे.
पीसीआई ने दावा किया कि कर्माकर को भी अपने ट्राइपोड कैमरा से महिला तैराकों का वीडियो बनाते हुए पकड़ा गया था. पीसीआई ने कहा, ‘‘कर्माकर को चेयरमैन ने बुलाया तो उन्होंने गुस्से में चेयरमैन और पीसीआई के अन्य पदाधिकारियों से कहा कि उन्होंने उनके साथी को वीडियो बनाने से क्यों रोका. उन्हें बताया कि इस पर तैराकों के परिजनों ने आपत्ति जतायी थी.’’
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘कर्माकर ने पीसीआई पदाधिकारियों से लिखित आपत्ति दिखाने के लिए कहा. परिजनों ने तुरंत ही लिखित शिकायत की. कर्माकर ने डबास और हरियाणा के महिपाल सिंह आर्य के साथ बहस की और कहा कि वह अर्जुन पुरस्कार विजेता है तथा उन्होंने तैराकों की वीडियो रिकौर्डिंग डिलीट करने से इंकार कर दिया.’’
इस 37 वर्षीय तैराक को पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन वीडियो और फोटो डिलीट करने पर सहमति जताने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था.
आपको बता दें कि राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप पिछले साल 31 मार्च से तीन अप्रैल तक जयपुर में हुई थी. अर्जुन अवौर्ड के अलावा ध्यानचंद खेल पुरस्कार, भीम अवौर्ड और कोलकाता श्री अवौर्ड पाने वाले प्रशांत ने 2006, 2010 व 2014 एशियन गेम्स में पदक जीते थे. कोलकाता के रहने वाले और हरियाणा खेल विभाग में कार्यरत प्रशांत 2016 रियो पैरा ओलंपिक में तैराकी टीम के कोच थे.