औफ स्टंप के बाहर गिरने के बाद यजुवेंद्र चहल की वह गेंद इस तरह अंदर आई कि निचले क्रम के दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज मौर्ने मौर्केल को समझ नहीं आया और गेंद उन के पैड पर लगते ही भारत ने इतिहास रच दिया. टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका का दौरा करते हुए 25 साल हो गए पर वह कोई भी एकदिवसीय सीरीज नहीं जीत पाई थी. विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया ने पोर्ट एलिजाबेथ में एकदिवसीय मैच जीत कर दक्षिण अफ्रीका में एकदिवसीय सीरीज जीतने वाली पहली भारतीय टीम बन गई.
भारत को इस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. भारत ने वर्ष 1992 में दक्षिण अफ्रीका का पहला दौरा किया था. उस समय मोहम्मद अजहरुद्दीन कप्तान थे. टीम इंडिया को उस समय 7 एकदिवसीय मैचों में 2-5 से हार मिली थी. वर्ष 1996-97, 2000-01, 2010-11, 2013-14 में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा.
अभी तक टीम इंडिया के बारे में बारबार कहा जाता है कि भारत में शेर और विदेशों में ढेर. लेकिन दक्षिण अफ्रीका को जिस तरह से टीम इंडिया ने पटकनी दी उस से लगता है कि टीम इंडिया अब विदेशी पिचों पर टिकने लायक हो गई है.
दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज पूरी सीरीज के दौरान चहल और कुलदीप की गेंदों को समझ नहीं सके. टीम इंडिया के लिए यह अच्छी बात है कि गेंदबाजी में भी अब धीरेधीरे सुधार हो रहा है, क्योंकि टीम इंडिया की कमजोरी हमेशा से गेंदबाजी रही है. हर मैच में मध्यम क्रम में कमजोर रही है. अच्छी स्थिति होने के बावजूद मध्यम क्रम के बल्लेबाजों ने निराश किया है. महेंद्र सिंह धौनी को 7वें नंबर पर खिलाने का औचित्य समझ नहीं आता. इतने अच्छे बल्लेबाज से ऊपर के क्रम में बल्लेबाजी करानी चाहिए.
अजिंक्य रहाणे, केदार जाधव, श्रेयस अय्यर, हार्दिक पांड्या जैसे युवा बल्लेबाजों को मौकों को भुनाना सीखना होगा. उन्हें धैर्य से खेलने की जरूरत है. यों ही विकेट गंवाने से टीम को जो मजबूती मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाती है.
टीम इंडिया अधिकतर मौकों पर फिसड्डी ही साबित हुई है. कई बार तो ऐसा लगता है कि विदेशी धरती पर भारतीय टीम कोई नौसिखिया है और उसे बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है. खेल में हारजीत लगी रहती है पर हार सम्मानजनक हो, टीम का जुझारूपन दिखाई दे, विपक्षी टीम के आगे घुटने नहीं टेके.
टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीकी टीम के आगे इस बार घुटने नहीं टेके, खेल में जुझारूपन दिखाई दिया और सीरीज जीतने में कामयाब रही.
हालांकि भारतीय टीम अभी भी तेज पिचों पर सही से खेल नहीं पाती. इसलिए दक्षिण अफ्रीका में टैस्ट मैचों में निराश होना पड़ा था पर उस की भरपाई टीम इंडिया ने एकदिवसीय सीरीज जीत कर पूरी कर ली.