भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह के दादा 84 वर्षीय संतोख सिंह ने पारिवारिक कलह के चलते अहमदाबाद स्थित साबरमती नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली. संतोख सिंह की पुत्री राजिंदर कौर ने अपने पिता की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि उनके पिता का अंतिम संस्कार रविवार शाम को किया गया.

बता दें कि रविवार को जिस वक्त संतोख का शव मिला, उस वक्त जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया की ओर से धर्मशाला में मैच खेल रहे थे.

बताया जा रहा है कि आवास विकास कालोनी में किराये के एक छोटे से मकान में रहकर आटो चलाकर जीवनयापन करने वाले संतोख अपने पौत्र जसप्रीत बुमराह से मिलना चाह रहे थे और इसी इच्छा को लिए वह अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए थे और पिछले दो दिनों से लापता थे.

रुद्रपुर-किच्छा आटो स्टैंड पर उनके मित्रों ने बताया कि 29 नवंबर को वह अपने पौत्र जसप्रीत से मिलने अहमदाबाद के लिए निकले थे. उनके पास तो अहमदाबाद जाने का किराया तक नहीं था तो परिचितों ने चार हजार रुपये जुटाकर दिये थे.

रविवार को उनकी पुत्री राजिंदर कौर ने अपने पिता की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि वह अपने पौत्र जसप्रीत से मिलने उनके घर गए थे, लेकिन वहां उनको किसी ने भी तवज्जो नहीं दी. इसके बाद वह लापता हो गए और शुक्रवार आठ दिसंबर को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट गुजरात के वस्तरपुर थाने में दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद से उनकी तलाश की जा रही थी.

अहमदाबाद फायर एंड इमरजेंसी सर्विस ने रविवार दोपहर संतोख का शव बरामद किया. पुलिस के अनुसार, साबरमती नदी के गांधी ब्रिज और दधीचि ब्रिज के बीच में बुजुर्ग संतोख सिंह का शव मिला.

जसप्रीत बुमराह की बुआ राजविंदर का आरोप है कि जसप्रीत बुमराह की मां के रवैये से परेशान होकर उनके पिता ने साबरमती में कूदकर आत्महत्या कर ली. राजिंदर कौर ने कहा कि जसप्रीत की मां ने उनसे मिलने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि हमारे परिवार से कोई भी उनके बेटे से किसी तरह से संपर्क करने की कोशिश न करे. उन्होंने जसप्रीत का नंबर तक देने से भी इनकार कर दिया.

साबरमती में कूदने से पहले संतोख सिंह ने फोन करके अपने मित्र रेशम सिंह को आत्महत्या करने की सूचना दी थी. रेशमसिंह ने बताया कि संतोख सिंह ने उन्हें शुक्रवार को फोन किया और कहा कि वे नदी में कूदने जा रहे हैं. फिर मैनें उन्हें समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन काट दिया और बाद में फोन स्विच आफ हो गया. रेशम सिंह ने बताया कि उन्होंने इस बात की जानकारी संतोख सिंह के पुत्र जसविंदर को दे दी थी.

बुमराह के दादा के निधन की खबर मिलते ही ट्विटर पर लोगों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं. लोगों ने मृतक की आत्मा की शांति की दुआ मांगी. वहीं कुछ यूजरों ने इस पर अपनी भिन्न-भिन्न टिप्पणियां की हैं. कुछ यूजर ने जहां बुजुर्गों के सम्मान की बात कही तो कुछ लोगों ने कहा कि जसप्रीत बुमराह को अपने दादा से मिलना चाहिए था. कुछ यूजर ने हादसे के बावजूद बुमराह के धर्मशाला में भारतीय टीम की जीत के लिए किए संघर्ष को सराहा.

भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह के दादा संतोख सिंह कभी उद्योगपति हुआ करते थे, लेकिन खराब परिस्थितियों चलते उनके जीवन के अंतिम दिन मुफलिसी और बेहद परेशानियों में गुजरे. उनकी एक ही इच्छा थी कि मरने से पहले एक बार पौत्र को अपनी आंखों से साक्षात देख लें. वह हर आने जाने वाले से अपने पोते से मिलने की इच्छा जताते थे, लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई.

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