मेकअप का इस्तेमाल खूबसूरती बढ़ाने के लिए किया जाता है. लेकिन गलत तरीके से किए गए मेकअप के कारण आप खूबसूरत दिखने की जगह आलोचना का भी शिकार बन सकती हैं, जिस का ताजा उदाहरण है कांस फिल्म फैस्टिवल में ऐश्वर्या राय बच्चन का पर्पल लिपस्टिक लगाना. इस का सोशल मीडिया पर जम कर मजाक उड़ाया गया था.
आइए, जानते हैं उन गलतियों को जिन से बच कर आप हौट, गौर्जियस नजर आ सकती हैं:
मेकअप की बारीकियां
ब्रैंडेड मेकअप काफी महंगा होता है. लेकिन तब क्या होगा जब आप इतना खर्चा करने के बाद भी खूबसूरत नजर आने की जगह और अधिक बुरी दिखने लगें? आप ने कभी न कभी किसी जानकार से जरूर सुना होगा कि मेकअप करने के बाद मैं और ज्यादा बुरी दिखने लगती हूं. इसीलिए मैं मेकअप नहीं करती या फिर मेकअप मुझे सूट नहीं करता.
दरअसल, इस में कभी मेकअप की नहीं, बल्कि आप के मेकअप करने की तकनीक ही गलत है. मेकअप का मतलब सिर्फ चेहरा पोत लेना नहीं होता, बल्कि इस की बारीकियों को जान कर खूबसूरत नजर आना होता है. इस में ब्लैंडिंग, कंटूरिंग, राइट शेड, ऐप्लिकेशन, डस्टिंग, फाइनल टचअप आदि आता है.
त्वचा को पहचानें
हमेशा स्किन को ध्यान में रख कर ही फाउंडेशन, मौइश्चराइजर, प्राइमर आदि का चुनाव करें. अगर आप की स्किन ड्राई है तो लिक्विड हाइड्रेटिंग युक्त फाउंडेशन प्रयोग करें तो औयली स्किन के लिए मैट पाउडर फिनिशिंग प्रोडक्ट बेहतर रहते हैं. कौंबिनेशन स्किन के लिए पाउडर और लिक्विड फाउंडेशन का चुनाव करें.
राइट शेड का चुनाव
हाल ही में अपने समय की मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी मेकअप ब्लंडर का शिकार हो गईं. एक अवार्ड फंक्शन में उन के चेहरे पर फाउंडेशन की लेयर अलग ही नजर आई, जिस के लिए उन की काफी आलोचना सोशल साइट्स पर हुई.
ध्यान रखें कि हमेशा अपनी स्किन से एक कलर लाइट शेड ही चुनें. मसलन अगर आप की कूल स्किन टोन है, तो कूल कलर फाउंडेशन ब्लू व पिंक अंडरटोन के साथ चुनें. इस के विपरीत वार्म स्किन टोन से यलोटोन फाउंडेशन मैच होता है. अगर आप की रंगत गहरी है तो यलोबेस फाउंडेशन का चुनाव करें.
ब्लैंडिंग
अभिनेत्री सोनम कपूर भी कई बार मेकअप ब्लंडर का शिकार हो चुकी हैं. फाउंडेशन+कंसीलर बेस की प्रौपर ब्लैंडिंग न होने के कारण उन का मेकअप भी कई बार वर्स्ट मेकअप की श्रेणी में आ चुका है. ध्यान रखें हमेशा फेस प्राइमर के बाद ही कंसीलर व फाउंडेशन का इस्तेमाल करें और परफैक्ट ब्लैंडिंग के लिए उंगलियों, ब्रश या स्पंज का तब तक इस्तेमाल करें जब तक कि प्रोडक्ट अच्छी तरह आप की स्किन के साथ ब्लैंड नहीं हो जाता. उसे ट्रांसलूसैंट पाउडर से सैट करने की कोशिश न करें. इस के अलावा ब्लैंडिंग तकनीक आप के आई मेकअप में भी बड़े काम आएगी. इसलिए मेकअप करते समय ब्लैंडिंग फीचर्स को स्किप करने की कोशिश न करें.
कंटूरिंग
मेकअप में कंटूरिंग की मदद से फेस की शेप और फीचर्स को उभारा जाता है जैसे जिस पार्ट को उभारना है वहां लाइट शेड तथा जिस पार्ट को कम दिखाना है वहां डार्कशेड इस्तेमाल किया जाता है. हाईलाइटिंग के लिए अपनी स्किन से 2-3 शेड लाइट व शेडिंग के लिए 2-3 शेड डार्क फाउंडेशन का इस्तेमाल करें. पहले त्वचा के अनुरूप नौर्मल फाउंडेशन लगाएं, फिर फेस कंटूरिंग करें.
मेकअप ऐप्लिकेशन
सब से पहले चेहरे पर मौइश्चराइजर और मेकअप प्राइमर लगाएं. चेहरा साफ करने के बाद फिर फाउंडेशन और कंसीलर का इस्तेमाल करें, लेकिन ध्यान रखें कि कभी भी कंसीलर व फाउंडेशन का इस्तेमाल बेस के रूप में आईलिड पर न करें. उस के लिए आईबेस का इस्तेमाल करें. फिर ट्रांसलूसैंट पाउडर से बेस को सैट करें.
चीकबोंस को हाईलाइट करने के लिए हाईलाइटर का इस्तेमाल करें. फिर ब्लशर लगाएं. आई मेकअप व लिप मेकअप से लुक को कंप्लीट करें.
डस्टिंग
पाउडर लगाते समय पफ की जगह पाउडर ब्रश का इस्तेमाल करें और ऐक्स्ट्रा पाउडर हटा दें. पाउडर पसीने को सोख कर बेस की सैट करने के लिए यूज करें न कि गोरा दिखने के लिए ऐक्स्ट्रा पाउडर. आप चाहें तो महंगे ट्रांसलूसैंट पाउडर की जगह बेबी पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. नैचुरल लुक के लिए डस्टिंग के नियम को अपनाएं. फिर वह चाहे पाउडर हो या हाईलाइटर.
फाइनल टचअप
मेकअप को फाइनल टचअप देना बहुत जरूरी है ताकि बेवजह आप को शर्मिंदा न होना पड़े. इसलिए फाइनल टचअप बहुत जरूरी है. ध्यान रहे
आर्टिफिशियल लैशेज सही प्रकार सैट हुई हैं या नहीं.
लिपस्टिक कहीं दांतों पर तो नहीं लगी.
होंठों की शेप सही है या नहीं.
लिपलाइनर सही से लिपस्टिक के साथ मैच व ब्लैंड हुआ या नहीं.
कहीं पसीने की गंध आप की खूबसूरती कम तो नहीं कर रही.
नेलपेंट सही लगा या नहीं.
आईशेड्स सही तरह ब्लैंड हुए या नहीं.
आईलिड पर कोई क्रीज लाइन तो नहीं.
आउटफिट में कहीं कोई कमी तो नहीं.
हेयरस्टाइल सही है या नहीं.
चैक करें पर्स में ब्लौटिंग पेपर या रूमाल क्रैडिट कार्ड, डैबिट कार्ड, मोबाइल, मेकअप टचअप किट (लिपस्टिक, काजल, पाउडर) हैं या नहीं.