मेरे पति को जब भी स्कूटर की सर्विसिंग करानी होती तो वे पास के परिचित सर्विस सैंटर पर जा कर बोल देते और बस से औफिस चले जाते थे. सर्विस सैंटर वाले अपना आदमी भेज कर घर से स्कूटर मंगवा लेते और सर्विसिंग कर के वापस भिजवा देते थे. एक दिन दोपहर में एक व्यक्ति आया और स्कूटर की सर्विसिंग की बात कही. मैं ने यह सोच कर कि कल टूर पर जाते समय मेरे पति मुझ से सर्विसिंग की बात बताना भूल गए होंगे, सो मैं ने स्कूटर की चाबी उसे दे दी. वह स्कूटर ले कर चला गया. अगले दिन जब पति टूर से वापस आए तो सर्विसिंग की बात पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने तो सर्विस सैंटर वाले से कुछ कहा ही नहीं था. हम से मांग कर स्कूटर ले जाने वाला व्यक्ति सर्विस सैंटर का नहीं, चोर था. अंजुला अग्रवाल, मीरजापुर (उ.प्र.)

*

मेरी बेटी स्कूटी से मेरे पति के साथ जा रही थी. तभी एक बाइकर बारबार उस की स्कूटी में टक्कर मारने की कोशिश कर रहा था. मेरी बेटी ने स्पीड कम कर दी, उसे आगे निकलने का रास्ता दिया. बाइकर ने मेरी बेटी के गले से चेन खींच ली और बाइक तेजी से चलाता हुआ भाग गया. मेरे पति ने 100 नंबर पर पुलिस को फोन किया. 3 पीसीआर आईं, उन्हें बाइक का नंबर और दिशा बताई कि वह किधर गया है. यह सब 2 मिनट के अंतर पर हुआ. किंतु दिल्ली पुलिस के बहादुर जवानों ने उस के पीछे जाने की जहमत न उठा कर बस यह कहा, ‘‘हम कुछ नहीं कर सकते. आप ने पूरी नंबर प्लेट ठीक से नहीं पढ़ी.’’
रेखा, द्वारका (न.दि.)

*

मैं अपनी नई मारुति कार से परिवार सहित ससुराल नाहन जा रहा था. नई गाड़ी देख कर चंडीगढ़ पुलिस के एक सिपाही ने सैक्टर 20 सी के चौराहे पर गाड़ी रुकवाई. उस ने कहा कि आप ने यातायात नियमों का उल्लंघन किया है. इसलिए तुम्हारा चालान किया जाएगा. मैं ने कहा, ‘‘सर, मैं ठीक ढंग से ड्राइविंग कर रहा हूं. फिर भी यदि कोई गलती हुई हो तो क्षमा करें.’’ उस ट्रैफिक पुलिस वाले ने सीटी बजा कर कई पुलिस कर्मियों को वहां इकट्ठा कर लिया. फिर 400 रुपए की रिश्वत ले कर मुझे जाने दिया. जब रक्षक ही भक्षक बन कर दिनदहाड़े लूट रहे हों तो लुटेरे तो लूटेंगे ही.
प्रदीप गुप्ता, बिलासपुर (हि.प्र.)

*

शाम हो चली थी और एक बस ही जाने को थी. सब की सब सवारियां बस में चढ़ गईं. कंडक्टर बोला, ‘‘अपनेअपने टिकट नीचे उतर कर बनवा लो.’’ भीड़ की वजह से लोग बस से न उतर सके. एक लड़के से कहा गया कि वह नीचे चला जाए और टिकट बनवा लाए. करीब 10 लोगों ने उसे पैसे दे दिए. लड़का गया पर फिर ऊपर नहीं आया. वह सब के पैसे ले कर भाग गया था.

घनश्याम शरण श्रीवास्तव, जालौन (उ.प्र.)

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...