शादीब्याह कोई भी करवाए पर निभाना तो पतिपत्नी को ही पड़ता है. विवाह न केवल दो परिवारों का मेल है बल्कि उन की जीवनदिशा बदलने वाला प्रमुख कारक भी है. सुखी दंपतियों का जीवन उन जोड़ों से निसंदेह अलग होता है जो प्रेमसुख नहीं भोग पाते.
प्यार का इजहार करें :
सफल दांपत्य चाहते हैं तो प्रेम को प्रकट करते रहें यानी उस का इजहार बेहद जरूरी है. प्यार के दो बोल बोलना स्पर्श सुख जैसा है. अभिव्यक्ति में कभी कंजूसी न करें. एकदूसरे के प्रति आत्मीयता प्रकट करते रहें. आतेजाते ‘आई लव यू’ या ‘तुम कितने अच्छे हो’ कहने से संबंधों में गरमाहट बनी रहती है.
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एकदूसरे को स्पर्श करें :
कभी अपने पार्टनर का हाथ पकड़ लीजिए तो कभी आलिंगन करिए. एक रोमांटिक किस या प्यारभरा बाय या वैलकम की एक मीठी चुटकी से आप का पार्टनर पूरा दिन तरोताजा महसूस करेगा. इस से न सिर्फ प्यार बढ़ता है बल्कि एकदूसरे के रिश्तों में मिठास भी घुलती है.
प्रेम को यौन अभिव्यक्ति दें :
जीवन के प्रारंभिक आवेगपूर्ण वर्ष बीत जाने पर भी काम संबंधों को जीवंत रखें. ऐसा नहीं कि सैक्स संबंध ही विवाह का आधार हैं पर ये हैं बहुत महत्त्वपूर्ण. पतिपत्नी के बीच आत्मीयता में ये अंतरंग भूमिका निभाते हैं.
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एकदूसरे की तारीफ करें :
एकदूसरे की अच्छाइयों को परखें और उन की सराहना करें. यदाकदा अपने जीवनसाथी को पाने का गौरव भी जताएं. सकारात्मक दृष्टिकोण से किसी को भी जीता जा सकता है.
संबंधों में पारदर्शिता बरतें :
एकदूसरे की अंतरंग बातों में साझेदार बनें. कुछ भी न छिपाएं. भावों, विचारों, आशाओं और आकांक्षाओं के उतने ही भागीदार बनें जितने हानि, क्रोध, तड़प, लज्जाजनक व दर्दभरी अनुभूतियों के. इस से संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी.
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सुखदुख में साथ रहें :
बीमारी व संकट के क्षणों में एकदूसरे का साथ निभाएं. बुरे वक्त पर दिया एकदूसरे का साथ रिश्तों की नई परिभाषा गढ़ता है.
यदाकदा उपहार दें :
जन्मदिन, नववर्ष, शादी की वर्षगांठ, वैलेंटाइन डे या कोई भी अवसर हो, एकदूसरे को उपहार देते रहें. उपहारों का मूल्यवान होना आवश्यक नहीं है बल्कि साथी के चेहरे पर झलकता उल्लास व संतोष इस का पुरस्कार है.
कभीकभी सरप्राइज दें :
रुटीन लाइफ कभीकभी बोरिंग हो जाती है. बोरियत के लमहों से बचने के लिए अपने साथी को प्यारे सरप्राइज देते रहें. कभी उस का कोई काम, उस की अनुपस्थिति में कर के, कभी उस की पसंदीदा वस्तु भेंट कर के तो कभी फेवरिट डिश बना कर आप उसे चकित कर सकते हैं.
कमियां और खूबियां स्वीकारें :
एकदूसरे की कमियों और खूबियों को अंगीकार करें और एकदूसरे के प्रति गरिमा और उदारतापूर्ण आचरण रखें. ध्यान रखें कि पूर्ण तो कोई भी नहीं होता.
टोकाटाकी न करें :
एकदूसरे को रिलेशनशिप में पर्याप्त स्पेस देना भी जरूरी है. अगर पति अपने दोस्तों के साथ ऐंजौय करना चाहते हैं तो करने दें. अगर पत्नी सहेलियों के साथ शौपिंग के लिए जाना चाहती हैं तो रोकिए मत.
अकसर शादियां छोटेछोटे कारणों से असफल हो जाती हैं. जैसे एकदूसरे को न समझ पाना, कार्यस्थल के तनाव, धैर्य की कमी, साथ में क्वालिटी टाइम न बिता पाना, प्रोत्साहन की कमी या एकदूसरे पर अपनी इच्छाएं थोपना आदि. इन सभी कारकों को समझते हुए यदि थोड़ी सी सावधानी बरती जाए व मेहनत की जाए तो न केवल आप बन सकते हैं सफल दंपती बल्कि अपने निजी जीवन में भी सफलता के नए मानदंड छू सकते हैं.