रिलेशनशिप, प्यार, मोहब्बत, चाहत और जाने किनकिन संज्ञाओं से हम दो प्रेमियों के अटूट बंधन को नाम देते हैं. अटूट इसलिए क्योंकि रिलेशनशिप का अर्थ ही है एकदूसरे से कभी न टूटने वाले रिश्ते की ओर कदम बढ़ाना.
हालांकि रिलेशनशिप के माने बदल रहे हैं, परंतु जिस रिलेशनशिप के विषय में हम बात कर रहे हैं वह 2 लोगों के बीच में आपसी प्रेम है जिस के वे उम्रभर साक्षी रहना चाहते हैं.
किसी के साथ रिलेशनशिप में आने का एहसास ही इतना सुहाना होता है कि इस में व्यक्ति अकसर डूबने लगते हैं और अपने जीवन का लक्ष्य ही इस रिलेशनशिप को बना लेते हैं जोकि सही नहीं है.
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जीवन में प्रेम के अलावा भी बहुत चीजें हैं जिन्हें समझना आवश्यक है. आजकल युवा रिलेशनशिप में आ तो जाते है परंतु कहीं न कहीं वे इस की गहराई को समझने में असमर्थ होते हैं. ऐसा नहीं है कि युवा प्रेम नहीं करते या उन का प्रेम गलत व झूठा है, परंतु प्रेम की परिभाषा प्रेम और प्रेमी के साथ जीना है. युवा 30-40 सालों का साथ तो चाहते हैं परंतु 3-4 साल भी साथ नहीं रह पाते.
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एक अच्छी रिलेशनशिप मानसिक सूकुन देती है. अच्छी रिलेशनशिप वह रिलेशनशिप है जिस में युवा केवल प्रेम के सागर में गोते नहीं लगाते बल्कि एकदूसरे के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं, एकदूसरे के प्रेरणास्रोत बनते हैं, एकदूसरे के हमदर्द बनते हैं. प्रेम करना और किसी का प्रेम बनना एक खास एहसास है जिस का पूरापूरा फायदा प्रेमियों को अपने रिलेशनशिप को बेहतर बनाने के लिए उठाना चाहिए.