उस दिन पायल अपनी मम्मी को ले कर पार्क में आई थी. पायल उस पार्क में काफी समय से आ रही थी. उस की वहां कई सहेलियां बन गई थीं. सब साथ मिल कर वहां जौगिंग और एक्सरसाइज करती थीं. उस दिन पायल जिद कर के मम्मी को भी पार्क में ले आयी, जो कई दिन से घुटनों में दर्द की शिकायत कर रही थीं. इस पार्क के एक हिस्से में ओपन एयर जिम बनाया हुआ है, जहां एक्सरसाइज के लिए कई उपकरण और झूले लगे हैं. इन्हें कोई भी फ्री में इस्तेमाल कर सकता है.

पायल की मम्मी कुछ समय तक पार्क की हरी घास पर टहलती रहीं. सांसों में सुबह की साफ ठंडी हवा और तलुओं के नीचे नरमनरम घास ने उन को बड़ा सुकून दिया. थोड़ी देर बाद वे एक कसरती झूले पर बैठ गईं. यह पैरों की एक्सरसाइज वाला झूला था. इस झूले पर उन्होंने थोड़ी देर घुटनों की एक्सरसाइज की तो लगा जैसे पैरों की जकड़न खत्म हो गई. दो तीन अन्य झूलों पर भी उन्होंने हाथ आजमाए. दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवे दिन तक तो उन के घुटने पूरी तरह दर्दमुक्त हो गए. इस काम में एक अन्य महिला ने उन की काफी मदद की.

पायल की कालोनी के काफी लोग इस पार्क में आते हैं और कइयों ने अपनेअपने ग्रुप बना लिए हैं. वे साथ मिल कर जौगिंग और एक्सरसाइज वगैरह करते हैं. कुछ लोग पार्क की हरी घास पर बैठ कर गप्पे मारते हैं. पायल की मम्मी भी एक ग्रुप में शामिल हो गई हैं. इस ग्रुप में कालोनी के चार मेल सदस्य और छह फीमेल हैं. सब की उम्र साठ-सत्तर साल के बीच है. ये सभी ओपन एयर जिम में ज्यादा समय बिताते हैं. पार्क में इतने अच्छे कसरत के झूले उन के क्षेत्र के विधायक ने लगवाए हैं. इस का भरपूर फायदा पूरी कालोनी के युवा और बुजुर्ग एक साथ उठा रहे हैं.

29 वर्षीय पायल अपनी फिजिकल फिटनेस को लेकर काफी कान्शियस रहती थी. पहले वह एक प्राइवेट जिम में जाती थी. वह जिम 3 महीने की फीस एक साथ लेता था. 3 महीने की फीस थी 10 हजार रुपये. मगर वहां का ट्रेनर ठीक नहीं था. वह सुंदर और कम उम्र की लड़कियों को ही गाइड करने में लगा रहता था. पायल ने काफी पैसा वहां बरबाद किया. जब कालोनी के पार्क में ओपन एयर जिम बना तो पायल और उस की कई सहेलियों ने यहां आना शुरू कर दिया. एयर कंडीशनर बंद जिम की जगह यहां खुली हवा में कसरत करना कहीं ज्यादा अच्छा है.

अब तो काफी लड़कियां अपने साथ अपने मातापिता को भी लाने लगीं हैं. यहां कई ग्रुप बन गए हैं. पहले पायल की मां अनिच्छा होने पर भी सुबह का समय घर में मंदिर के सामने बैठ कर व्यतीत करती थीं, अनमने मन से पूजा करती थीं, रामायण के पन्ने पलटती रहती थी या पूजा की घंटी बजाती रहती थी. क्योंकि बहू के आने के बाद किचन के काम से उन को फुरसत मिल गई थी. बहू ने घर के सारे काम संभाल लिए थे. कोई काम न होने की वजह से पायल की मां के भीतर एक चिड़चिड़ाहट सी भर गई थी. शरीर भी अकड़ाअकड़ा रहने लगा था.

मोटापा बढ़ने से घुटनों में दर्द पैदा हो गया था. पायल ने उन को अपने साथ पार्क में चलने को कहा. थोड़ी नानुकुर के बाद वो तैयार हो गईं. वहां जब उन्होंने अपनी उम्र के लोगों को झूलों पर कसरत करते देखा तो उन का भी मन खुला. पहले वे झिझक रही थीं कि कोई देखेगा तो क्या कहेगा मगर पायल की एक सहेली की मां ने उन का उत्साहवर्धन किया और अब तो वे लगभग सभी झूलों पर एक्सरसाइज कर लेती हैं.

कोरोना महामारी के बाद से शारीरिक और मानसिक फिटनेस अब लोगों की सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है और लोग खुद को फिट और स्वस्थ रखने के तरीके खोज रहे हैं. ओपन एयर जिम कान्सेप्ट स्वस्थ जीवन की दिशा में सरकार की एक नई पहल है और यह भारत के साथसाथ दुनिया भर में व्यापक रूप से लोकप्रिय हो गई है. अधिकांश पार्कों और खेल के मैदानों में अब ओपन जिम उपकरण लगाए जा रहे हैं. इन ओपन-एयर जिम के बारे में सब से अच्छी बात यह है कि इन में युवाओं, वयस्कों और बच्चों सब के लिए उपकरण उपलब्ध हैं. लेकिन इतना ही नहीं, ऐसे कई अन्य कारण भी हैं जिन की वजह से इनडोर जिम की तुलना में ओपन-एयर जिम को ज्यादा पसंद किया जा रहा है.

उपकरणों की विविधता – इनडोर जिम की तुलना में ओपन-एयर जिम में विभिन्न प्रकार के फिटनेस उपकरण लगाए गए हैं. इस में आप को अपने शरीर के हर अंग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उपकरण मिलेंगे, जिस में आप के पैर, बाइसेप्स, एब्स और समग्र फिटनेस भी शामिल है. इन फिटनेस उपकरणों को चलाना आसान है. ये उपकरण मजबूत होने के साथ अत्यधिक टिकाऊ हैं, इसलिए इन का उपयोग करते समय किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. अगर इन में कुछ टूटफूट हुई भी तो आप को यह सोच कर परेशान होने की जरूरत नहीं कि आप को हर्जाना भुगतना होगा.

ताजी हवा में व्यायाम – हम ने कई बार सुना है कि खुली हवा में व्यायाम या योग करना हमारे फेफड़ों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इस से हमें सूरज की रोशनी भी मिलती है जिस से हमें विटामिन डी मिलता है. सुबह की ठंडी और साफ हवा, हरियाली के साथ खुली जगह में व्यायाम करने से हमारा मूड भी अच्छा होता है और हम ज्यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं. इतने सारे फायदों के साथ, कोई भी ओपन एयर जिम को भला क्यों नकारेगा ?

ओपन-एयर जिम निःशुल्क हैं – जी हां, ओपन एयर जिम निःशुल्क हैं, जब तक कि वे किसी होटल या रिसौर्ट प्रौपर्टी के अंदर न हों. जब बिना किसी भुगतान के व्यायाम करने के लिए सभी फिटनेस उपकरण उपलब्ध हों, तो फिर महंगी जिम की सदस्यता लेने की क्या जरूरत है?

इको-फ्रेंडली जिम – इनडोर जिम के विपरीत, ओपन एयर जिम उपकरण बिजली से नहीं चलते हैं. वे अत्यधिक टिकाऊ, बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले और कम रखरखाव वाले फिटनेस उपकरण हैं. इन उपकरणों में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होता है क्योंकि इन्हें लकड़ी, स्टील और एल्युमीनियम का उपयोग कर के बनाया जाता है. यह ओपन जिम को इको-फ्रैंडली जिम बनाता है. ओपन जिम उपकरणों में एयर वाकर, आर्म रिलैक्सर, आर्म व्हील, स्टेशनरी बाइक, बैक शेपर, कमर रिलैक्सर, क्रौस ट्रेनर, चेस्ट शेपर, लेग शेपर, हौर्स राइडर, मंकी बार और बहुत कुछ शामिल हैं.

ओपन एयर जिम में अब घरेलू महिलाओं की बड़ी संख्या देखी जा रही है. 50 की उम्र के बाद अधिकांश औरतें मेनोपौज की अवस्था से गुजरने के बाद हार्मोन्स में बदलाव आने से अवसादग्रस्त और चिड़चिड़ी हो जाती हैं. इस के अलावा एक और भावना उन में बलवती होने लगती है कि अब वे जवान नहीं रहीं. इसी उम्र में उन के घर में बहुएं भी आ जाती हैं जो उन से रसोई का काम भी ले लेती हैं. अब खाली बैठे बैठे दिमाग में नकारात्मक बातें ही ज्यादा घर करने लगती हैं और इसी के साथ औरतें अनेक बीमारियों जैसे – शुगर, ब्लड प्रेशर, अवसाद, थायराइड, अर्थराइटिस आदि का शिकार हो जाती हैं.

कुछ काम न होने से शरीर में आलस्य भर जाता है. बैठेबैठे खाते रहने से मोटापा चढ़ जाता है. इन कठिनाइयों से औरतों और मर्दों को भी बाहर निकालने का काम ये ओपन एयर जिम कर रहे हैं. शरीर की फिटनेस मन को भी फिट रखती है.

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