अगर हम अपनी मैरिज लाइफ को एक ग्रोइंग बिजनैस की तरह डील करें तो बुराई क्या है . दोनों को निवेश करना पड़ता है. सहयोग जरूरी है. कमिटमैंट माने रखता है. तभी तो सक्सैस मिलती है. किसी कंपनी को चलाना किसी मैरिज को मैनेज करने जैसा ही हो सकता है. सुनने में यह अजीब बात लग सकती है पर गौर करें तो दोनों में ही कहीं समानता नजर आएगी तो फिर वैवाहिक जिंदगी को अपने बिजनैस या प्रोफैशनल लाइफ की तरह मैनेज करने में बुराई ही क्या है? जैसे आप किसी बिजनैस को चलाने के लिए बजट बनाते हैं, लोगों को काम सौंपते हैं, उन्हें समयसमय पर प्रोत्साहित करते हैं, रिवार्ड देते हैं, ठीक वैसे ही वैवाहिक जीवन में भी बजट बनाना पड़ता है, एकदूसरे को काम सौंपे जाते हैं,

जिम्मेदारियां बांटी जाती हैं, साथी को प्रोत्साहित किया जाता है. ग्रोइंग बिजनैस की तरह सम?ों कोई भी अपने वैवाहिक जीवन की तुलना बिजनैस के साथ करना पसंद नहीं करता है. ऐसा करने से रिश्ते से रोमांस खत्म होता लगता है पर विवाह में भी अपेक्षाएं और सीमाएं वैसी ही होती हैं जैसी कि किसी कंपनी में. आर्थिक जिम्मेदारियां, स्वास्थ्य संबंधी फायदे और प्रौफिट मार्जिन विवाहित संबंध में भी देखे जा सकते हैं. हमें भावनात्मक संसाधनों को निर्मित करने, वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने और अनापेक्षित स्थितियों का सामना करने के लिए वैकल्पिक योजनाएं बनाने के लिए समय की आवश्यकता होती है.

यही बात बिजनैस पर भी लागू होती है, जिस में सही तरह से बनाई गई योजनाएं ही लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करती हैं. डील है पार्टनरशिप अगर सीधे शब्दों में कहें तो मैरिज को एक प्रकार की पार्टनरशिप ही मानें, जिसे आप सफल बनाना चाहती हैं. मैरिज काउंसलर दिव्या राणा का कहना है कि आप को एकदूसरे की इन विशेषताओं का वैसे ही सम्मान करना चाहिए जैसे कि बिजनैस पार्टनर आपस में करते हैं. मनोवैज्ञानिक अनुराधा सिंह मानती हैं कि अपनी एक अच्छा बिजनैसमैन अपने कर्मचारी को सम्मान देता है और उस का खयाल रखता है, इसी वजह से कर्मचारी उस का सम्मान करते हैं और उम्मीद से ज्यादा काम करते हैं. इस वजह से बिजनैस सुगमता और व्यवस्थित ढंग से चलने के साथसाथ लाभ भी देता है. इसी तरह जब हम अपने साथी का सम्मान करते हैं,

उस की हर छोटीबड़ी बात की परवा करते हैं तो हमें उन से बदले में कहीं अधिक मिलता है, कई बार उम्मीद से ज्यादा. बिजनैस के साथ प्लेजर को भी मिक्स करें. बिजनैस को भी एंजौय करें और मैरिज को भी. इस से संतुलन बने रहने के साथसाथ जोश और उत्साह भी बना रहेगा जो निरंतर आगे बढ़ते रहने को प्रोत्साहित करेगा. वर्क एथिक्स हैं जरूरी चाहे बिजनैस हो या मैरिज, दोनों ही वर्क एथिक्स पर चलते हैं. दोनों में ही निवेश करना पड़ता है. जिस तरह से आप अपने पोर्टफोलियो को मैनेज करते हैं, उसी तरह मैरिज में भी आप को अपने संबंधों के पोर्टफोलियो को मैनेज और अपडेट करते रहना पड़ता है. अगर आप अपने मनपसंद प्रोफैशन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत कर सकते हैं तो क्या वही वर्क एथिक्स आप की मैरिज पर लागू नहीं होते? बात आश्चर्यजनक लग सकती है पर अपने कैरियर में आप ने जो सफलता व निपुणता हासिल की है, उसे ही मैरिज में ट्रांसफर कर दीजिए.

फिर उसी तरह से एक मजबूत परिवार निर्मित कर पाएंगे जैसे कि आप ने अपनी कंपनी खड़ी की है. ईगो को रखें दूर मैरिज हो या बिजनैस, दोनों में ही अगर ईगो फैक्टर सिर उठाने लगे तो बिजनैस चौपट हो जाता है और मैरिज में टकराव या अलगाव ?ोलना पड़ जाता है. इसीलिए माना जाता है कि एक सही तरह से चलने वाला बिजनैस एक सही ढंग से चल रही शादी के समान है. दोनों ही अपनेअपने खिलाडि़यों के ईगो को बढ़ने नहीं देते. ईगो वह संवेग है जो युगल को अपने स्वार्थ से बाहर आने और एकदूसरे के प्रति पूर्ण समर्पित होने से रोकता है, चाहे युगल एकदूसरे को बहुत ज्यादा प्यार व सम्मान देने की चाह ही क्यों न रखते हों. इसी तरह बिजनैस के फेल होने का मुख्य कारण ईगो ही होता है,

क्योंकि मालिक को वह अपने मातहतों के साथ सही ढंग से पेश आने या उन की परेशानियों को सम?ाने से रोकता है. कमिटमैंट है जरूरी विवाह हो या बिजनैस, दोनों ही जगह सहयोग अपेक्षित है. दोनों ही जगह अगर सम?ाते की स्थिति न हो तो असफलता हाथ लगते देर नहीं लगती. सम?ाते के साथसाथ कम्यूनिकेशन एक ऐसा आधार है जो दोनों को ही सफल बनाता है. एकदूसरे को बदलने की कोशिश करने के बजाय दोनों को अपने को सुधारने पर काम करने को तैयार रहना चाहिए.

कम्यूनिकेशन के साथसाथ कमिटमैंट भी एक आवश्यक तत्त्व है शादी को निभाने के लिए वैसे ही जैसे वह बिजनैस को चलाने के लिए आवश्यक होता है. जहां कमिटमैंट नहीं वहां युगल में न विश्वास होगा, न समर्पण की भावना और न ही जिम्मेदारी का भाव. इसी तरह अगर बिजनैस में कमिटमैंट न हो तो बौस उस के प्रति न तो चिंतित रहेगा, न ही उसे सुधारने के लिए मेहनत करेगा. ऐसी स्थिति में बिजनैस लंबे समय तक कायम नहीं रह पाएगा, वैसे ही शादी भी इस के अभाव में एक जगह पर आ कर ठहर जाएगी और पतिपत्नी दोनों के लिए एकदूसरे का साथ किसी सजा से कम नहीं होगा.

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