एक बहुत पुरानी कहावत है कि जब पानी का जहाज डूबने लगता है, तो उस जहाज से सबसे पहले चूहे भागते हैं. ऐसा ही कुछ इन दिनों बॉलीवुड में ‘‘फैंटम फिल्मस’’ के साथ हो रहा है. सूत्रों के अनुसार इस कंपनी के चार भागीदारों में से एक मधु मैंटोना ने खुद को इस कंपनी से अलग कर अकेले ही आगे बढ़ने का निर्णय ले लिया है. यानी कि पिछले दो वर्षों से लगातार कई असफल फिल्मों का निर्माण कर रही कंपनी ‘फैंटम’ में बिखराव का सिलसिला शुरू हो गया है. मगर इसकी शुरूआत जिस नाटकीय अंदाज में हुई है, उससे कदापि स्वस्थ परंपरा नहीं कहा जा सकता.

हकीकत में पिछले चार-पांच दिनों से ‘फैंटम फिल्मस’ सूर्खियों में है. वास्तव में लगभग चार दिन पहले मुंबई के एक अंग्रेजी दैनिक ने खबर छापकर हंगामा मचाया था कि ‘फैंटम फिल्मस’ के चार भागीदारों में से एक विकास बहल पर ‘फैंटम’ से जुड़ी एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. इस महिला के अनुसार कुछ माह पहले विकास बहल ने गोवा में इस महिला का यौन शोषण किया था. ज्ञातब्य है कि 2011 में विकास बहल ने ही प्रयास कर तीन फिल्मकारों के साथ मिलकर ‘फैंटम’ की शुरूआत की थी. इसी के चलते ‘‘फैंटम’’ प्रोडक्शन कंपनी में मधु मैंटोना, विकास बहल, अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटावणे यह चार भागीदार हैं. विकास बहल ने ‘क्वीन’ जैसी सफल और ‘शानदार’ जैसी असफल फिल्म निर्देशित कर चुके हैं. इतना ही नही ‘फैंटम’’ का ‘‘रिलायंस इंटरटेनेमंट’’ कंपनी के साथ भी पचास प्रतिशत की भागीदारी है.   

सूत्रों ने दावा किया कि महिला ने ‘फैंटम’ कंपनी के एच आर व अन्य तीनों भागीदारों के अलावा ‘रिलायंस इंटरटनेमेंट’ के लोगों तक अपनी शिकायत दर्ज करायी. जिसके बाद रिलायंस व ‘फैंटम’ से जुड़े अनुराग कश्यप, मधु मेंटोना व विक्रमादित्य ने ‘विशाख गाइड लाइन्स’ के तहत विकास बहल के खिलाफ जांच कमेटी बना दी. इतना ही नहीं सूत्र दावा कर रहे हैं कि 28 मार्च से विकास बहल ने ऑफिस आना बंद कर दिया है.

इस तरह की खबर प्रकाशित होते ही विकास बहल ने दिल्ली से फोन पर एक पत्रकार को अपनी सफाई देते हुए कहा,-‘‘जो कुछ कहा जा रहा है, गलत है. मैं निर्दोशक हूं. मैं दिल्ली में अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए आया हूं. मैं आज भी अपनी कंपनी ‘फैंटम’ को चला रहा हूं. कंपनी की एच आर के पास किसी ने कोई शिकायत नहीं की है. जिस महिला के बारे में कहा जा रहा है वह हमारी कंपनी से भी जुड़ी नहीं है, पर वह हमारी मित्र हैं. हमने कुछ वर्ष पहले एक साथ काम किया था. पर हम ढ़ाई वर्ष से मिले नहीं है. इसके बावजूद यदि मेरी किसी हरकत से उस महिला को लगता है कि मेरी नीयत सही नहीं थी, तो मैं उसके साथ बैठकर इस मसले पर बात कर उसे संतुष्ट करने को तैयार हूं. और उससे माफी भी मांग सकता हूं.’’

मगर इस मसले पर ‘‘रिलायंस इंटरटनेमेंट” से जुड़े सभी लोगों ने चुप्पी साध रखी है. यहां तक कि ‘फैंटम’ से जुड़े अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटावणे और मधु मैंटोना भी चुप हैं.

पर इस खबर के छपने के बाद से हमने अपनी तरफ से जांच पड़ताल करनी शुरू कर दी थी, तो हमें जो अंदरूनी सूत्रों से जानकारियां मिल रही थीं, उससे यह स्पष्ट हो रहा था कि डूबते जहाज के चूहे भागने से पहले एक दूसरे पर आरोप लगाने का एक गंदा खेल, खेल रहे हैं. सूत्रों के अनुसार जिस तरह से ‘फैंटम’ की फिल्में असफल हो रही हैं, उसके चलते ‘फैंटम’ के अंदर आपसी झगड़े शुरू हो गए हैं. ‘फेंटम’ से जुड़े सूत्रों की माने तो अप्रैल माह के पहले सप्ताह में ऑफिस के अंदर अनुराग कश्यप व विकास बहल के बीच लंबी बहस हुई थी.

एक सूत्र का दावा है कि ‘फैंटम’ में चारों के बराबर की हिस्सेदारी है. पर फिल्म निर्माण के संबंध में ज्यादातर निर्णय अनुराग कश्यप ही लेते हैं. जब अनुराग कश्यप निर्देशित और विकास बहल निर्मित फिल्म ‘‘बॉम्बे वेल्वेट’’ ने बॉक्स ऑफिस पर पानी नहीं मांगा, तो पहली बार विकास बहल ने अनुराग कश्यप से सवाल किया था. उस दिन दोनों के बीच काफी गर्मागर्म बहस हुई थी. उसी दिन से विकास बहल और अनुराग कश्यप एक दूसरे के सामने नहीं पड़ते थे. सूत्र बता रहे हैं कि उसके बाद से अनुराग कश्यप ने कई बार विकास बहल से कहा कि वह ‘फैंटम’ से खुद को अलग कर ले. पर विकास का मानना रहा है कि कंपनी की शुरूआत उन्होंने की थी और उनकी बराबर की हिस्सेदारी है, तो वह क्यों अलग हों? तो दूसरी तरफ अनुराग कश्यप ने ‘फैंटम’ से बाहर ‘मुक्केबाज’ जैसी फिल्में करनी शुरू कर दी. यही नहीं आरोप यह है कि अनुराग कश्यप ने ‘रमन राघव 2’ जैसी असफल फिल्म के छह करोड़ रूपए के घाटे को ‘फैंटम’ में डाल दिया. परिणामतः विवाद बढ़ गया. इतना ही नहीं अनुराग कश्यप ने धीरे-धीरे बाहर की फिल्में स्वीकार करनी शुरू कर दी. सूत्रों की माने तो अनुराग कश्यप ने आनंद एल राय की फिल्म निर्माण कंपनी की दो फिल्में निर्देशित करने के लिए स्वीकार की है. सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि धीरे-धीरे अनुराग कश्यप के विक्रमादित्य मोटावणे के संग भी गहरे मतभेद हो गए.  

अब ‘फैंटम’ विकास बहल की ही दिमाग की उपज वाली कंपनी है, जबकि आम लोगों के लिए अनुराग कश्यप ‘फैंटम’ का चेहरा है. एक सूत्र ने यह शंका व्यक्त की है कि हो सकता है कि ‘फैंटम’ को हथियाने व विकास बहल को रास्ते से हटाने के मकसद से अनुराग ने ही यह लीला रची हो? सच पता नहीं. मगर यदि कंपनी से एक भागीदार को बाहर निकलने के लिए मजबूर करने के लिए ‘यौन उत्पीड़न’ वाला मसला रचा गया हो, तो यह बहुत गलत परंपरा कही जाएगी. बहरहाल, एक सप्ताह के बाद अब हालात यह है कि विकास बहल ने ‘फैटम’ को खत्म करने का या इससे खुद को अलग करने का मन बना लिया है.

इतना ही नहीं सूत्र दावा कर रहे हैं कि मधु मैंटोना ने भी ‘फैंटम’ से खुद को अलग कर अपनी निजी कंपनी शुरू करने की योजना बना ली है और एक दो दिन में उनकी तरफ से इस बात की घोषणा की जाने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं. हमें यह याद रखना चाहिए कि ‘फैंटम’ की फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ के सेंसर बोर्ड के साथ विवाद के वक्त फिल्म उद्योग को एकजुट कर अपने साथ जोड़ने व अदालती लड़ाई लड़ने में मधु मैंटोना ने ही अहम भूमिका निभायी थी. फिलहाल विक्रमादित्य मोटावणे किसके साथ हैं, यह कोई नहीं बता पा रहा है.

कुल मिलाकर यदि सूत्रों पर यकीन कर लिया जाए, तो बहुत जल्द ‘फैंटम’ कंपनी अतीत का विषय बनने जा रही है. यानी कि डूबते जहाज को छोड़कर चूहों के भागने का सिलसिला शुरू हो चुका है. कहने के लिए यह भी कहा जा सकता है कि डूबते जहाज में अंतिम छेद करने का काम ‘यौन उत्पीड़न’ की शिकायत ने कर दी, यदि यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करायी गयी है, जिसकी पुष्टि अब तक ‘‘फैंटम’’ व ‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’ से जुड़े किसी शख्स ने नहीं की है.

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