लेखक- केदार सैनी
यह बैगन की एक परंपरागत, बहुवर्षीय देशी प्रजाति है, जो अपने बेहतरीन उत्पादन, ज्यादा मजबूत पौधे, सर्पाकार बैगन की लंबाई और बैगनीसफेद मिश्रित धारियों के फलों के रंग के चलते जानी जाती है.
देशी बैगन की इस प्रजाति के पौधे की एक साल में 6 से 8 फुट तक ऊंचाई हो जाती है. इस के तने और पत्तों पर कांटे पाए जाते हैं. इस के फलों के वजन की बात करें, तो एक फल का औसत वजन 400 ग्राम से ले कर 500 ग्राम तक होता है. एक साल में एक ही पौधे से तकरीबन 20 से 25 किलोग्राम तक बैगन का उत्पादन लिया जा सकता है.
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इस बैगन की सब खास बात यह है कि यह अपने फलों के आकार में बदलाव करता है. सर्दी के मौसम में लगने वाले फलों की लंबाई 40 सैंटीमीटर से 45 सैंटीमीटर और गरमी, बरसात में लगने वाले फलों की लंबाई 30 सैंटीमीटर से ले कर 35 सैंटीमीटर तक होती है. इस बैगन का उपयोग सब्जी, भरता और अचार बनाने में किया जा सकता है.
देशी बैगन की यह प्रजाति मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात क्षेत्र में खूब फलतीफूलती है. गरमी और बरसात के मौसम में लगने वाले इस बैगन के फल कुछकुछ बैगन की एक और देशी प्रजाति निरंजन से मिलतीजुलती दिखाई देते है.
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पहले बैगन की इस प्रजाति का कोई नाम नहीं था, पर हम ने इस के लंबे और सर्पाकार फल होने के कारण इसे वासुकी नाम दिया है.
इस बैगन का एक पौधा हमें पिछले साल इंदौर जिले के वन्य ग्रामीण क्षेत्र से लोकेश परमार द्वारा प्राप्त हुआ था, जो हम ने हमारे समृद्धि देशी बीज बैंक, रूठियाई के लिए बीज संवर्धन के लिए अपनी लघु वाटिका में पिछले साल जुलाई महीने में रोपित किया था. आज इस पौधे की उम्र एक साल हो चुकी है. इस में गाय के गोबर की सड़ी हुई खाद और पानी के अलावा किसी तरह की रासायनिक खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
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इस पौधे की ऊंचाई 6 फुट है. हम ने इस बैगन के पौधे से सारे फलों की तुड़ाई की, जिन का वजन तकरीबन 5 किलोग्राम है यानी
55 दिनों में हमें बैगन के एक ही पौधे से एक ही बार में 5 किलोग्राम बैगन मिले.
अब इस बैगन से बीज निकाल कर भारत के अलगअलग राज्यों के खेती करने वाले जरूरतमंद किसानों को बीज संवर्धन और उत्पादन परीक्षण के लिए वितरित किया जाएगा.