अलसी के बीज ब्लड प्रैशर और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बहुत ज्यादा फायदेमंद होते हैं. इस के अलावा अलसी में विटामिन बी कौंप्लैक्स, मैग्नीशियम, मैगनीज जैसे तत्त्वों की भरपूरता होती है, जो बैड कोलैस्ट्रौल को कम करते हैं.
इन बीजों में पाए जाने वाला अल्फा लिनोलेनिक एसिड जोड़ों की बीमारी अर्थराइटिस और सभी तरह के जोड़ों के दर्द में बहुत फायदेमंद है.
अलसी के बीज में आयरन, जिंक पोटैशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, विटामिन सी, विटामिन ई और कैरोटीन जैसे तत्त्व पाए जाते हैं.
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अलसी के बीज से स्वस्थ त्वचा और मजबूत नाखून तो मिलते ही हैं, साथ ही बालों का टूटना, त्वचा की बीमारियां जैसे एग्जिमा व सोराइसिस के उपचार में भी यह कारगर माना जाता है.
अलसी के बीज में पौली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो खासतौर पर ब्रैस्ट, प्रोस्टैट और कोलन कैंसर से बचाव करता है.
अलसी का बीज ओमेगा 3 फैटी एसिड का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है. इस का बीज फाइबर से भरपूर होता है. यह वजन घटाने में भी बहुत कारगर है.
अलसी के बीज एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल होते हैं. इन का उपयोग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
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कैसे और कितना खाएं
अलसी के साबुत बीज कई बार हमारे शरीर में बिना पचे ही बाहर निकल जाते हैं, इसलिए इन्हें पीस कर ही इस्तेमाल करना चाहिए. एक चम्मच अलसी पाउडर को सुबह खाली पेट हलके गरम पानी के साथ लेना अच्छा रहता है. इसे फल या सब्जियों के ताजा जूस में भी मिला सकते हैं. अपने भोजन में ऊपर से बुरक कर भी खा सकते हैं. दिनभर में 2 चम्मच से ज्यादा अलसी पाउडर का प्रयोग न करें.
इस के अलावा अलसी के लड्डू, पिन्नी, नमकीन बना कर भी इस का इस्तेमाल कर सकते हैं. बनाने की
विधि
साफ की हुई अलसी को गरम कड़ाही में डालें. अलसी को चम्मच की मदद से चलाते रहें. जब इस में से हलकी चटचट की आवाज आने लगे और हलकी सी फूल जाए, तो इसे प्लेट में निकाल कर ठंडा कर लें, फिर मिक्सी या सिलबट्टे की मदद से दरदरा पीस लें.
कड़ाही में एक चम्मच घी डालें और आटे को लगातार चलाते हुए हलका भूरा होने तक भून लीजिए.
इस के बाद आटे को थाली में निकाल लें.
कड़ाही में बचा हुआ घी डाल कर गरम करें. थोड़ाथोड़ा गोंद डाल कर इसे चलाते हुए फूलने तक धीमी आंच पर भून लीजिए.
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मूंगफली दाना, अखरोट, बादाम, किशमिश को छोटेछोटे टुकड़ों में काट लें.
इलायची को पीस लें व खरबूजे के दानों को गरम कड़ाही में हलका सा रोस्ट कर लें. भुनी गोंद को बेलन की मदद से दबा कर महीन कर लें.
गोंद के तलने के बाद जो थोड़ा सा घी बचा है उस में अलसी पाउडर डाल कर 2 से 3 मिनट तक हलकी आंच पर भून कर प्लेट में निकाल लें.
चाशनी तैयार करें
कड़ाही में चीनी और आधा कप पानी डालें. चीनी घुलने तक चमचे से चलाएं और एक तार की चाशनी तैयार कर लें. इस के गैस बंद कर दें.
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चाशनी में भुना आटा, भुनी अलसी, कटे हुए मेवे, गोंद और
इलायची पाउडर डाल कर अच्छी तरह से मिला लें. हलका गरम रहने पर हाथ में थोड़ा सा घी लगा कर लड्डू बना लें.
इस बात का ध्यान रखें कि गरम रहते ही लड्डू बना लें, वरना मिश्रण बिखरने लगेगा.