चौथे अंक में आप ने पढ़ा था : अब आप की बछिया मां बन चुकी है. इस का विशेष फोकस होना चाहिए. इस में हरा चारा, भूसा और रातिब बहुत अहम होता है. गाय के दूध उत्पादन को ले कर 3 तरह की स्थितियां होती?हैं, जिस में गाय कितना दूध देती है, यह बहुत अहम होता है. तभी उन का चारा तय किया जाता है.
10 लिटर दूध उत्पादन वाली गाय का भरणपोषण स्थितियां वही 3 हो सकती हैं :
1. आप के पास हरा चारा बहुत कम है. और जो हरा चारा उपलब्ध है, वह गैरदलहनी चारा है और आप के पास पर्याप्त भूसा और प्रचुर मात्रा में रातिब मिश्रण उपलब्ध है.
2. आप के पास गैरदलहनी हरा चारा भी पर्याप्त मात्रा में है और भूसा भी और रातिब मिश्रण भी.
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3. आप के पास दलहनी और गैरदलहनी हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, भूसा भी है, मगर रातिब मिश्रण लिमिटेड है या बिलकुल नहीं है.
स्थिति 1 : इस स्थिति में 10 लिटर दूध देने वाली गाय को 8 किलोग्राम गैरदलहनी हरा चारा, 5 किलोग्राम भूसा और 7.5 किलोग्राम 16 फीसदी क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण देना होगा. चूंकि इस में रातिब मिश्रण की मात्रा अधिक है, इसलिए यह अधिक महंगा साबित होगा और उत्पादन लागत बहुत अधिक होगी. इस की उत्पादन लागत सभी खर्चे जोड़ कर लगभग 34 रुपए प्रति लिटर होगी. लागत मूल्य से अधिक विक्रय मूल्य होने पर ही आप कुछ कमाई कर पाएंगे.
16 फीसदी क्रूड प्रोटीन वाला 100 किलोग्राम रातिब मिश्रण बनाने के लिए मक्का 40 किलोग्राम, गेहूं का चोकर 40 किलोग्राम, सरसों की खली 17 किलोग्राम, अच्छी गुणवत्ता का विटामिन मिनरल मिक्सचर 2 किलोग्राम और साधारण नमक 1 किलोग्राम को भलीभांति मिलाने की जरूरत होगी.
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स्थिति 2 : इस स्थिति में 10 लिटर दूध वाली गाय को 10 किलोग्राम दलहनी चारा, 20 किलोग्राम गैरदलहनी हरा चारा, 3 किलोग्राम भूसा और 3 किलोग्राम 16 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण प्रतिदिन देंगे.
इस की उत्पादन लागत सभी खर्च जोड़ कर तकरीबन 27 रुपए प्रति लिटर होगी. दूध 40 रुपए प्रति लिटर बेच कर भी आप कुछ न कुछ बचा ही लेंगे.
स्थिति 3 : इस स्थिति में 10 लिटर दूध देने वाली गाय को 22 किलोग्राम दलहनी हरा चारा, 22 किलोग्राम गैरदलहनी हरा चारा,
3 किलोग्राम भूसा और मात्र 100 ग्राम अच्छी गुणवत्ता का विटामिन मिनरल मिक्सचर प्रतिदिन देने से भी सभी पोषण आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी और यह सब से सस्ता भी होगा. इस की उत्पादन लागत सभी खर्चे जोड़ कर तकरीबन 23 रुपए प्रति लिटर होगी. यह सब से अधिक लाभ देने वाली स्थिति है.
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अब फैसला आप को करना है कि आप हरे चारे के बल पर उत्पादन लेना चाहते हैं या रातिब मिश्रण के बल पर. वैसे, हरे चारे पर पाले गए पशु के दूध से बने घी में एक विशेष सुगंध होती है.
15 लिटर दूध उत्पादन वाली गाय का भरणपोषण स्थितियां वही 3 हो सकती हैं :
1. आप के पास हरा चारा बहुत कम है. और जो हरा चारा उपलब्ध है,
वह गैरदलहनी चारा है और आप के पास पर्याप्त भूसा और प्रचुर मात्रा में रातिब मिश्रण उपलब्ध है.
2.आप के पास गैरदलहनी हरा चारा भी पर्याप्त मात्रा में है और भूसा भी और रातिब मिश्रण भी.
3. आप के पास दलहनी और गैरदलहनी हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, भूसा भी है, मगर रातिब मिश्रण लिमिटेड है या बिलकुल नहीं है.
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स्थिति 1 : इस स्थिति में 15 लिटर दूध देने वाली गाय को 15 किलोग्राम गैरदलहनी हरा चारा, 3 किलोग्राम भूसा और
10 किलोग्राम 16 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण देना होगा.चूंकि इस में रातिब मिश्रण की मात्रा अधिक है, इसलिए यह अधिक महंगा साबित होगा और उत्पादन लागत बहुत अधिक होगी.
इस की उत्पादन लागत सभी खर्चे जोड़ कर तकरीबन 28 रुपए प्रति लिटर होगी. लागत मूल्य से अधिक विक्रय मूल्य होने पर ही आप कुछ कमाई कर पाएंगे.
16 फीसदी क्रूड प्रोटीन वाला 100 किलोग्राम रातिब मिश्रण बनाने के लिए मक्का 40 किलोग्राम, गेहूं का चोकर 40 किलोग्राम, सरसों की खली 17 किलोग्राम, अच्छी गुणवत्ता का विटामिन मिनरल मिक्सचर 2 किलोग्राम और साधारण नमक 1 किलोग्राम को भलीभांति मिलाने की जरूरत होगी.
स्थिति 2 : इस स्थिति में 15 लिटर दूध वाली गाय को 10 किलोग्राम दलहनी चारा,
20 किलोग्राम गैरदलहनी हरा चारा,2 किलोग्राम भूसा और 7 किलोग्राम 16 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण प्रतिदिन देंगे.
इस की उत्पादन लागत सभी खर्च जोड़ कर लगभग 25 रुपए प्रति लिटर होगी. दूध 40 रुपए प्रति लिटर बेच कर भी आप कुछ न कुछ बचा ही लेंगे.
स्थिति 3 : इस स्थिति में 15 लिटर दूध देने वाली गाय को 22 किलोग्राम दलहनी हरा चारा, 22 किलोग्राम गैरदलहनी हरा चारा,
2 किलोग्राम भूसा, 3.5 किलोग्राम 16 प्रतिशत क्रूड प्रोटीन वाला रातिब मिश्रण और मात्र 50 ग्राम अच्छी गुणवत्ता का विटामिन मिनरल मिक्सचर प्रतिदिन देने से भी सभी पोषण जरूरत पूरी हो जाएंगी और यह सब से सस्ता भी होगा.
इस की उत्पादन लागत सभी खर्चे जोड़ कर तकरीबन 22 रुपए प्रति लिटर होगी. यह सब से अधिक लाभ देने वाली स्थिति है.
अब फैसला आप को करना है कि आप के पास किस प्रकार का चारा और कितनी मात्रा में उपलब्ध है.
वैसे तो आमतौर पर गाय या भैंस लगभग 18 से 25 दिनों के बाद हीट में आती है, परंतु कभीकभी, खासकर ज्यादा दूध देने वाले पशुओं की हीट अनियमित हो जाती है. उदाहरण के तौर पर पशु लगातार 5 से 6 दिन तक हीट में रहता है और मैला या तोड़ा भी गिराता है, उस का मद चक्र बहुत थोड़े अंतराल का होता है यानी मादा पशु बहुत कम अंतराल में रिपीट करते हैं जैसे 10, 12 दिन या 15 दिन बाद हीट में आना. ऐसे पशु एआई करने पर गाभिन नहीं होते और उन की गुदा परीक्षण द्वारा जांच करने पर अकसर उन के अंडाशय में गांठ पाई जाती है, जिस में अंडा बनता तो है, परंतु बाहर नहीं निकल पाता. इस बीमारी को सिस्टिक ओवरी भी कहा जाता है. यह बीमारी अकसर बहुत अधिक दूध देने वाले पशुओं में देखी जाती है और इस की खास वजह शरीर में हार्मोंनस का असंतुलन व दुग्ध उत्पादन के अनुसार उन के खानपान में कमी होना है.
1. इस का एकमात्र उपचार हार्मोंनस के इंजैक्शन हैं, जिन्हें योग्य पशु चिकित्सक की सलाह के बाद ही लगवाना चाहिए.
2. ध्यान रहे कि सब से पहले पशु का खानपान ठीक करना है, जो उस के दुग्ध उत्पादन के अनुसार हो, तभी हार्मोंनस के इंजैक्शन काम करेंगे.