‘कोविड 19’ कोरोना वायरस के दौर में घरो में रहना और खाली समय का उपयोग करना बेहद जरूरी हो गया है। ऐसे में गमलों में सब्जियों का उगाना एक काम बन गया है. इससे 2 लाभ होते है कि एक तो बाहर से सब्जी नही लानी होती दूसरे अपनी उगाई सब्जी खाने का सुख अलग रहता है. गमलों में उगाई जाने वाली सब्जियों में एक नाम टमाटर का है. गमलों में उगाई जाने वाले टमाटर को मिनीमाटो कहते है. यह हाइब्रिड होता है.
टमाटर के बिना किसी तरह की सब्जी बनाने के बारे में सोंचा ही नहीं जा सकता. ताजे और पके हुये लाल रंग के टमाटर देखने में भी बहुत अच्छे लगते है. अगर टमाटर के पौधों को घर में खाली बची जमीन और गमले में लगाया जाय तो ताजे और पके हुये टमाटर खाने के लिये मिल सकते है.ख़ेतों में पैदा होने वाले टमाटर को घर में लगाने से सही ढंग के टमाटर नहीं मिलते है. इन पौधो को जमीन से वह खुराक नहीं मिलती है जो उनको जमीन से मिलती है इसलिये गमले में लगने वाले टमाटर के बीज अलग किस्म के होते है. यह कम समय में पैदा हो जाते है़. इनका आकार खेत में पैदा होने वाले टमाटर से थोडा कम होता है. देखने और खाने में यह छोटा टमाटर खेत वाले टमाटर के बराबर ही होता है. यह छोटा होता है इसी लिये इसको मिनीमाटो के नाम से जाना जाता है.
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मिनीमाटों की सबसे खास बात यह होती है कि इसको थोडी सी जगह में आसानी से लगाया जा सकता है. यह पौधा थोडा छोटा होता है. इसमें छोटे छोटे टमाटर खूब सारे लगते है. यह खाने में बहुत ही स्वादिष्टï होते है. मिनीमाटो को घर के गमले और किचन गार्डन में लगाया जा सकता है. सबसे अच्छी बात की इसको अपनी आंखों के सामने बढता हुआ देखा जा सकता है. जिससे नेचर के बदलते रूप को महसूस किया जा सकता है. नेहा ने अपने किचन गार्डन में मिनीमाटो को लगा रखा है वह कहती है ‘मिनीमाटो से सबसे बडा लाभ यह होता है कि इसको ताजा ताज तोडकर सब्जी में डाला जा सकता है. मै तो कभी रात में पति के साथ बैठकर मिनीमाटों के पलपल बदलते आकार को देखती रहती हूॅ. ड्राइगरूम के गमले और किचन गार्डन में इस तरह नेचर को देखने का अपना अलग ही मजा मिलता है़’
मिनीमाटों के रूप में मिलने वाले टमाटर में विटामिन, मिनिरल, फाइबर, एंटीआक्सीडेंट नेचुरल रूप में मौजूद होते है. मिनीमाटो की ऊचाई 35 सेमी के करीब होती है. 90 दिनों में यह फसल देने लगता है. इसके बीज सब्जी के बीज वाली दुकानों पर आसानी से मिल जाते है. इसको कभी भी बोंया जा सकता है. बरसात के पहले इसकी खेती करना ज्यादा सही रहता है. यह घर में सजावट के रूप में भी काम देता है और इससे मिलने वाले टमाटर को सब्जी में भी डाला जा सकता है. मिनीमाटों को बढने के लिये थोडे से पानी और सूरज की रोशनी की जरूरत होती है. मिनीमाटों की सबसे खासबात यह होती है कि इससे पूरे साल टमाटर मिल सकते है. अगर इसको किचन गार्डन में लगाना चाहते है तो मौसम को कंट्रोल करने वाले ग्रीन हाउस में इसको रखा जा सकता है.
अगर घर में थोडी सी जगह है तो मिनीमाटो को लगाकर इससे बिक्री भी की जा सकती है. मिनीमाटो केजरीये डायनिंग टेबल पर हर समय टमाटर खाने के लिये मिल सकता है. सब्जी की खेती करने वाले मलिहाबाद के किसान दीपक कुमार का कहना है कि छोटे टमाटर की खेती करने में बहुत सारे लाभ होते है़ इसका पौधा छोटा होता है इस कारण इसमें खाद और सिचाई कम करनी पडती है़ हाईब्रीड होने के नाते यह कम समय में ज्यादा पैदावार देता है. इसका रंग और आकार सामान्य टमाटर से थोडा छोटा जरूर होता है पर यह देखने और खाने में बहुत अच्छा लगता है. जिस समय टमाटर की फसल नहीं होती उस समय यह मंहगा बिकता है. इससे यह लाभदायक फसल बन गया है.
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गृहणी विभा का मानना है कि मिनीमाटो किचन गार्डन की शान बन गया है. बेमौसम में यह टमाटर की कमी को पूरा कर देता है. घर में लगने के कारण इसकी जरूरत होने पर आपको बाजार में भागने की परेशानी नहीं उठानी पडती है. बच्चों को इसको दिखाया जा सकता है जिससे बच्चे यह जान लेते है कि किस तरह सब्जी पेड पौधों में लगती है. आमतौर पर शहर में रहने वाले बच्चे सब्जी को केवल सब्जी की दुकानो और मौल्स के बाक्स में ही देख पाते है जिससे उनको नेचर का अंदाजा नहीं लगता है. मिनीमाटो बच्चो को बहुत पसंद आता है. इसका गमला ड्राइग रूम में रखा हो तो वहां की शान भी बढ जाती है. इस तरह मिनीमाटो कई तरह से लाभदायक होता है.