Best Hindi Story : वक्त की नजाकत शायद इसे ही कहते हैं. एक मधुर ध्वनि यानी आवाज खुशी में दिल बहका देती है लेकिन गम में वही ध्वनि कलेजा फाड़ देती है.

‘‘क्या सोच रही हो?’’
‘‘यही कि पपीहा जब अपनी पपीही को पुकारता है तो कहता क्या होगा?’’
‘‘यही कि तेरे बिन अकेला हूं, अब तो जिया न जाए.’’
‘‘तुम्हें हर वक्त मजाक सू झता है.’’
‘‘तुम ने बात ही ऐसी की है, पगली.’’
‘‘उन के पास शब्द नहीं होते, केवल ध्वनियां होती हैं, विभिन्न प्रकार की ध्वनियां, अभिन्न एहसासों के लिए.’’
‘‘तुम सच कहते हो, पंछियों की आवाजें, जिन्हें हम ध्वनि या साउंड कहते हैं, एकदम जुदाजुदा सी है हजारोंलाखों तरह की.’’
‘‘बिलकुल, कुदरत की भाषा भी ध्वनियां ही हैं. कायनात के पास शब्द नहीं हैं.’’
‘‘फिर हमारे पास शब्द कहां से आए?’’
‘‘सब प्रकृति का खेल है.’’ और दोनों हंसतेखिलखिलाते आगे बढ़ते रहे.

युवा जोड़ा अपने उल्लासों में गुम, जिंदगी के खूबसूरत लमहे गुजारने भरतपुर बर्ड सैंचुरी घूमता हुआ, अपने खूबसूरत पलों को सहेजता दुनिया की आपाधापी से दूर नितांत अकेले, स्वयं को स्वर्णिम एहसासों से सरोबार करते हुए आनंदित हो रहा था कि एक जीप, जिस में 2 पुलिसमैन, एक रेंजर व एक ड्राइवर बैठे हुए थे, उन के पास आ कर रुकी.
‘‘यहां कहां घूम रहे हो तुम लोग?’’ इंस्पैक्टर ने कड़कती आवाज में पूछा.
‘‘हम सैंचुरी घूमने आए हैं सर, विद परमिशन,’’ उन्होंने कार्ड दिखाया.
‘‘अच्छाअच्छा,’’ इंस्पैक्टर थोड़ी नरमाई दिखाता हुआ बोला, ‘‘जल्दी
से कौटेज पहुंच जाओ, बारिश आने
वाली है.’’
‘‘जी सर,’’ उन्होंने सहमति से सिर हिलाते हुए कहा.
‘‘और इस लैफ्ट वाली पगडंडी से जाओ, सीधे कौटेज पहुंचोगे.’’
‘‘जी, बेहतर है,’’ और वह हाथ हिलाते हुए आगे बढ़ने लगे.

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