Bihar Elections : नीतीश कुमार की साख भी अब पहले जैसे नहीं रही है. एक तो उन की राजनीतिक निष्ठा पासे की तरह पलटती रहती है और दूसरे उन के खराब स्वास्थ्य और सरकार की कार्यशैली के कारण उन के प्रति विश्वास में कमी आई है. नीतीश कुमार वैसे भी अब 74 साल के हो गए हैं. ऐसे में उन के नेतृत्व को ले कर अभी से सवाल उठ रहे हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ने लगी है और चुनावी समीकरण आकार ले रहे हैं. बिहार की वर्तमान नीतीश सरकार का कार्यकाल 23 नवंबर 2020 से शुरू हुआ था, जिस का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 तक है. जाहिर है कि इस से पहले चुनाव होंगे. माना जा रहा है कि सितंबर से अक्तूबर के बीच बिहार में आचार संहिता लग जाएगी.

बिहार में एक बार फिर से चुनावी गठबंधन की बात जोरशोर से उठ रही है. बिहार का चुनाव इस बार कई मायनों में बहुत अलग होने जा रहा है. बिहार की राजनीति सीधे केंद्र की राजनीति पर असर डालती है. इसलिए केंद्र की मोदी सरकार के लिए बिहार का समीकरण भी काफी अहम है. इस बार बिहार का चुनाव एक बार फिर नीतीश कुमार के इर्दगिर्द बुना जा रहा है.

गौरतलब है कि बिहार के पिछले विधानसभा चुनाव में 243 सीटों की विधानसभा में भाजपा 110 सीटों पर और जेडीयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इस बार सीटों के बंटवारे को ले कर रस्साकशी और सौदेबाजी देखने को मिल सकती है क्योंकि पिछली बार जेडीयू मात्र 43 सीटें ही जीत पाई थी.

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