भावी पीढ़ी अपने पुश्त दर पुश्त चले आ रहे व्यवसाय या पेशे को ही अपने जीविकोपार्जन के रूप में अपनाए, यह धारणा अब पुरानी हो चुकी है. आज के दौर में मातापिता अपने बच्चों को उन की रुचि के अनुसार काम या पेशा चुनने की छूट देते हैं. देश की सत्ता संभाल रहे धुरंधर राजनेताओं के बच्चों ने भी क्या अपने मातापिता की भांति राजनीति में अपनी सक्रियता दिखाई है या किसी दूसरे क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं, यह विषय रोचक होने के साथ ही खासा महत्त्व का भी है.
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की छोटी बेटी साशा ओबामा गरमी की छुट्टियों में इंटर्नशिप के दौरान मैसाचुसेट्स के मार्थाज विनेयार्ड स्थित नैंसी नाम के एक रेस्तरां में फूड सर्व करने का काम करती दिखाई दी. बौस्टन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, साशा का काम सुबह की शिफ्ट में 4 घंटे का होता है.
साशा की ये तसवीरें सोशल मीडिया पर आते ही चर्चा का विषय बन गईं कि क्या दुनिया के सब से ताकतवर देश के प्रमुख की बेटी इतना मामूली काम कर सकती है. तो आइए अपने देश के मंत्रियों के बच्चों के बारे में जानें कि उन्होंने पढ़ाई कर के कौनकौन से पेशे को अपनाया है.
पंकज सिंह
देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के 2 बेटों में बड़े पंकज सिंह ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में सरस्वती शिशु मंदिर से अपनी पढ़ाई की शुरुआत की. उन्होंने अपने ननिहाल झारखंड के डाल्टनगंज से आगे की पढ़ाई की है. दिल्ली से एमबीए की डिगरी लेने वाले पंकज सिंह 2001 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. 2010 में उन्हें उत्तर प्रदेश भाजपा का सचिव बनाया गया. 2012 में वे प्रदेश भाजपा के महासचिव बने और वर्तमान में वे तीसरी बार महासचिव के पद पर कार्य कर रहे हैं. वे सामाजिक तथा राजनीतिक तौर पर बेहद सक्रिय हैं.
उत्पल पर्रिकर
अपनी सादगी के लिए मशहूर केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के पुत्र उत्पल पर्रिकर ने गोआ के कंसेसाओ कालेज औफ इंजीनियरिंग से 2002 में बैचलर डिगरी हासिल करने के बाद मास्टर्स डिगरी अमेरिका में ली है. वहां की सिलिकौन वैली में 3 वर्ष काम करने के बाद वे भारत लौटे हैं तथा गोआ में अपनी कंपनी का काम संभाल रहे हैं.
चिराग पासवान
केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास के सुपुत्र चिराग पासवान का नाम बिहार के सियासी पटल पर तेजी से उभरते हुए राजनेताओं में शामिल है. कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने वाले चिराग एक फैशन डिजाइनर भी हैं. बहुत कम समय में उन्होंने राजनीतिक गलियारे में अपनी खास जगह बनाई है एक युवा नेता के रूप में, एक संगठनकर्ता के रूप में. चिराग में मौके को भांप कर तेजी से निर्णय लेने की अपार क्षमता है.
खूबसूरत व गोरेचिट्टे चिराग ने बौलीवुड में भी अपना हाथ आजमाया. 2011 में उन की एक फिल्म ‘मिलें न मिलें हम’ रिलीज हो चुकी है. फिल्म अधिक नहीं चली लेकिन चिराग के राजनीतिक भविष्य में आगे बढ़ने की अपार संभावनाएं हैं.
बांसुरी स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की एकमात्र संतान बांसुरी स्वराज हैं, जोकि औक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक और इनर टैंपल से कानून में बैरिस्टर की डिगरी ले चुकी हैं. अपने पिता की भांति ही वे भी आपराधिक मामलों की वकील हैं और दिल्ली हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती हैं. पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के वकीलों की टीम में बांसुरी स्वराज भी हैं.
सोनाली जेटली
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पेशे से वकील हैं. उन के दोनों बच्चे सोनाली और रोहन भी वकील हैं. ये ‘चैंबर्स औफ बक्शी ऐंड जेटली नामक’ एक ग्रुप भी चलाते हैं. बेटी उस की संस्थापक सदस्य है और बेटा भी उस से जुड़ा हुआ है. सोनाली ने एमिटी ला स्कूल से कानून में बैचलर डिगरी की पढ़ाई की है. इसी कालेज से रोहन जेटली भी ला ग्रेजुएट हैं. सोनाली की इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई दिल्ली के कार्मेल कौन्वैंट स्कूल से हुई है, जबकि रोहन ने दिल्ली पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है.
अपूर्व जावड़ेकर
देश के शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के 2 बेटों में आशुतोष पेशे से दंत चिकित्सक हैं. वे गीतसंगीत से भी खासा प्रेम रखते हैं. दूसरे बेटे अपूर्व अभी फिलहाल अमेरिका के बौस्टन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी कर रहे हैं. बौस्टन जाने से पहले उन्होंने ‘दिल्ली स्कूल औफ इकोनौमिक्स’ से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और कौमर्स में स्नातक किया है.
वरुण गांधी
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के पुत्र वरुण गांधी वर्तमान में सांसद हैं. लंदन स्कूल औफ इकोनौमिक्स ऐंड पौलिटिकल साइंस से कानून और अर्थशास्त्र की डिगरी लेने वाले वरुण ने ऋषि वैली स्कूल आंध्र प्रदेश व द ब्रिटिश स्कूल नई दिल्ली से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की है. ये लोकसभा में सुलतानपुर से सदस्य हैं. भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और पार्टी के इतिहास में सब से युवा राष्ट्रीय महासचिव भी हैं. इन्होंने 1999 में पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र में अपनी मां के लिए प्रचार कार्य शुरू किया था व 2004 में भाजपा की सदस्यता प्राप्त की.
हरकीरत कौर
केंद्रीय उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल के तीनों बच्चों में हरकीरत सब से बड़ी व मेधावी हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कालेज से राजनीतिशास्त्र में बीए औनर्स किया है. 2013 में उन्होंने 12वीं पास की तथा मनोविज्ञान में सौ फीसदी अंकों के साथ टौप भी किया. स्थानीय मीडिया में उन के पहले मतदान ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उन की राजनीति में कोई खास रुचि नहीं है.
ध्रुव गोयल
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल की पुत्री राधिका इंगलैंड के वैस्टमिंस्टर में पढ़ाई कर रही हैं. उन के बेटे ध्रुव ने अपनी पढ़ाई के दौरान लगभग एक वर्ष तक हार्वर्ड अंडरग्रेजुएट काउंसिल के उपाध्यक्ष का कार्यभार संभाला. उन्होंने एक साल का इंटर्नकोर्स भी किया है व अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर न्यूयौर्क स्थित ब्लैक रौक संस्थान में कौर्पोरेट रणनीति विशेषज्ञ के रूप में काम करना शुरू किया है.
सभी मंत्रियों के बच्चे अपनेअपने क्षेत्र में खासा कमाल दिखा रहे हैं. उन्होंने पिता या मां की विशिष्ट स्थिति का लाभ नहीं उठाया होगा, यह नहीं कहा जा सकता है पर बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जहां मातापिता का ज्यादा काम नहीं होता. इन युवाओं ने पितामाता की राजनीतिक सक्रियता के बावजूद अपनी अच्छी पढ़ाई की, अपना कैरियर बनाया, यह काबिलेतारीफ है. हो सकता है देरसवेर वे सब राजनीति में आ जाएं पर वह उन की अपनी मेहनत से होगा, तश्तरी में मिला उपहार नहीं.