कोरोना का प्रकोप ने पुरे दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जीवन के लिए स्वास्थ्य रहना कितना जरुरी हैं. आज अपने देश में कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में युद्ध स्तर पर कार्य हो रहा है. लेकिन क्या आप जानते है हमारा देश इससे पहले स्वास्थ्य को लेकर कितना खर्च कर आ रहा है और कितनी तैयारियां थी . तो आइये जानते है –
* ‘स्वस्थ भारत मिशन‘ पर कोरोना का असर :- मोदी सरकार अपने सबसे बड़े अभियान “स्वस्थ भारत” अभियान के माध्यम से एक सेहतमंद भारत का निर्माण करने में ही लगी थी. तब तक देश में कोरोना का प्रकोप आ गया. देश में कैंसर , ट्यूमर , मधुमेय, उच्च रक्तचाप, टीवी, हार्टअटैक, श्वास की बीमारियां,चर्म रोग,अनिद्रा और मौसमी बीमारियों एक सीमा से अधिक वृद्धि दर्ज कराकर “स्वस्थ भारत” अभियान के रास्ते में रोड़ा बन ही रहे थे कि एक और वैश्विक महामारी ने ‘ स्वस्थ भारत मिशन’ का कमर तोड़ने को तैयार हो चुकी है.
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* अब बढ़ाना होगा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च :- स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्चों पर ध्यान दे तो पत्ता चलेगा कि जीडीपी का एक मामूली हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाए, जो 2 फीसदी से भी काम है. सार्वजनिक खर्च का मात्र 1.28 फीसदी ही स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च होता हैं. मोदी सरकार ने इसे साल 2025 तक यह औसत 2.5 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है. जो भविष्य की बाते है. आकस्मिक वैश्विक महामारी कोरोना संकट आने से सरकार को भी यह समझ में आ गया होगा कि स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को अब बढ़ाना होगा. ताकि स्वास्थ्य सेवा को समाज के हर तबके तक पहुंच जाये.
* अलग अलग कारण से नित्य नए मामले आ रहे है :- सरकार यह कह रही है कि कोरोना से लड़ने के लिए वह पहले से तैयार थी. समय पर लॉक डाउन कर इसे काबू में लाने के लिए वह हर संभव कोशिश कर रही है. देश के कुल 640 जिले में लॉकडाउन लगा दिया गया है, करीब 130 करोड़ आबादी को उनके घरों तक सीमित करके रख दिया गया है. फिर भी नित्य नए मामले बढ़ रहे है, जिनके अलग अलग कारण है. देश में 07 अप्रैल 2020 , सुबह 9 बजे तक कोरोना का संक्रमण 4421 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है और वही 114 की मौत हो चुकी है , वही 325 लोग ठीक हो पर अस्पताल से घर जा चुके हैं .
* अमेरिका में सबसे अधिक संक्रमण :- अमेरिका में देश का जीडीपी का 18 फीसदी स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाता है. कोरोना पर सही समय पर जागरूपता ना हो पाना और देरी से लॉक डाउन का फैसला ने इस देश को कहा लाकर खड़ा कर दिया ये से छिपा नहीं है.विश्व के सुपर पावर अमेरिका पर कोरोना के कहर के इस कदर बरस रहा है कि विश्व के सभी देश पीछे छूट गये. 07 अप्रैल 2020 , सुबह 09 बजे तक कोरोना का संक्रमण 367,758 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है और 10981 की मौत हो चूका है .वही 19788 लोग ठीक हो पर अस्पताल से घर जा चुके हैं .
* पौने तीन लाख लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके है :- पुरे विश्व में 204 देश इस बीमारी के गिरफ्त में है. अभी तक साढ़े13 लाख से अधिक लोग इसके चपेट में आ चुके है, वही 75 हजार से अधिक लोग इसके कारन मरे जा चुके है , इन सबके बीच अच्छी खबर यह है कि पुरे विश्व में करीब पौने तीन लाख लोग इस बीमारी से ठीक होकर घर पहुंच चुके है.
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* आइसोलेशन बेड वाले अस्पताल के बढ़ाया जा रहा है :- देश के स्वस्थ्य क्षेत्र पर नजर डाले तो तस्वीर साफ है कि हम कितने तैयार थे और अभी कितना तैयारी करना है. अभी देश में औसतन 84,000 लोगों पर एक आइसोलेशन बेड है और 1826 लोगों पर एक अस्पताल बेड है. केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने भी नए अस्पताल बनाने के दिशा में काम कर रही है. भारतीय रेलवे ने अभी हाल में कहा कि वह 20 हजार रेलगाड़ियों के बोगियों को औसतन आइसोलेशन बेड वाले अस्पताल बनाने के दिशा काम कर रही है. जल्दी ही यह तैयार कर लिया जायेगा .
* भुनेश्वर में शुरू हुआ दूसरा सबसे बड़ा कोविड़-19 अस्पताल :- सरकार ने सोमवार को बताया कि ‘महानदी कोल्फील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) भुवनेश्वर स्थित कोविड-19 अस्पताल का सभी खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी. यह देश का दूसरा सबसे बड़ा कोविड़-19 अस्पताल होगा. इन खर्चों में मरीजों के इलाज पर होनेवाला खर्च भी शामिल है जिसके लिए एमएलसी ने 7.31 करोड़ रु. की धनराशि अग्रिम रूप में जारी की है. यह अस्पताल ओडिशा के लोगों के लिए एक बड़ी चिकित्सा परिसंपत्ति है. इस अस्पताल में 500 बिस्तरों तथा वेंटिलेटर की सुविधा समेत आईसीयू के 25 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध है. ओडिशा सरकार ने सोमवार से यह अस्पताल शुरू कर दिया गया है . इसके पहले स्वास्थ्य मंत्री एम्स, झज्जर गए थे और यहाँ के सुविधाओं को देखा था. यह 300 बिस्तरों वाले आइसोलेशन वार्डों से युक्त है और यह कोविड-19 के समर्पित अस्पताल के रूप में कार्य करेगा.
* भारतीय रेलवे ने युद्ध स्तर पर कर रही है आपात स्थिति से लड़ने की तैयारी :- कोविड 19 से पार पाने के प्रयासों में सहयोग देने के क्रम में भारतीय रेलवे अपनी पूरी ताकत और संसाधन लगा दिए हैं. इतने कम समय में उसने अपने 5,000 कोच को आइसोलेशन (एकांत) कोच में तब्दील करने के शुरुआती लक्ष्य में 2,500 कोच के साथ आधा लक्ष्य हासिल कर लिया है. सोमवार को बताया कि रेलवे के विभिन्न मंडल कार्यालयों ने इतने कम समय में असंभव से लग रहे इस कार्य को लगभग पूरा कर लिया है. लगभग 2,500 कोचों में बदलाव के साथ अब 4,000 आइसोलेशन बेड आपात स्थिति के लिए तैयार हैं. वही भारतीय रेलवे में रोजाना औसतन 375 कोचों में बदलाव किया जा रहा है. देश के 133 स्थानों पर यह काम किया जा रहा है. इन कोचों में चिकित्सा परामर्शों के तहत बताये गए सभी सुविधाएं होंगी. इन आइसोलेशन कोचों को सिर्फ आपात स्थिति के लिए तैयार किया जा रहा है.
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* स्वास्थ्य कर्मचारी के क्षमता बढ़ने में लगी है सरकार :- करीब 6 लाख डॉक्टर कम हैं और करीब 20 लाख नर्स, मेडिकल स्टाफ आदि की भी जरूरत है. इसे पूरा करने में सरकार से लगी है . केंद्र सरकार ने जहाँ एक तरफ एम्स से सभी अस्पतालों को जुड़ने का काम किया है , वही रिटायर डॉक्टर को काम पर आने को कह रही है . रेलवे ने डॉक्टर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन निकला है. सभी राज्य सरकार भी अपने क्षमता को बढ़ने में जुटे है.
* घर में रह कर मदद करे :- कोरोना के विस्तार को रोकना है तो जरूरी है क्वारेंटीन और सामाजिक दूरी को अनिवार्य रूप से माना जाये. युद्ध स्तर पर काम करके और सावधानियां बरत कर हम कोरोना की चुनौतियों को झेल सकते हैं . अभी हमारा देश अमेरिका, इटली,चीन , ईरान, विट्रेन और स्पेन की तुलना में अपेक्षाकृत सुरक्षित लग रहे हैं. इस सुरक्षित माहौल को बनाये रखने के लिए जरुरत है हम घर में रहे और सरकार को कोरोना से युद्ध में मदद करे.