आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के चेयरमैन और नदवा कॉलेज के प्रमुख मौलाना राबे हसनी नदवा ने नदवा कॉलेज में छात्रों के द्वारा कोरोनो के लिए कैंडिल जलाने की घटना को सही नही माना और छात्रों से नाराजगी जाहिर की है.
कहते है संकट के समय दुश्मन भी दुश्मनी भूल कर एकजुट हो जाते है. जब बाढ़ आती है तो सांप जैसे खतरनाक जीव भी चुपचाप एक कोने में सिकुड़ कर बैठ जाते है. लेकिन "कोरोना संकट" के इस दौर में भी देश मे हिन्दू-मुस्लिम एक जुट हो कर संकट का मुकाबला नही कर रहे.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और बरेली जिलों में झगड़ो के बाद यह साफ हो गया कि "कोरोना संकट" के समय भी हिन्दू मुस्लिम आपस मे एकजुट नही हो पा रहे. इलाहाबाद में छोटी सी बात में हत्या हो गई तो बरेली में पुलिस टीम पर हमला करके पुलिस अधिकारी को घायल कर दिया गया.
ये भी पढ़ें- भाजपा के 40 साल: ताकत से उपजती तानाशाही
निशाने पर जमात :
दिल्ली में जमात की बैठक के बाद बड़ी संख्या में कॅरोना प्रभावितों में जमात के लोगो के मिलने के बाद यह तनाव पूरे देश मे फैल गया. जिस तरह से प्रशासन और सरकार ने जमात में शामिल लोगों को चिन्हित किया उससे कोरोना संकट कम हुआ या नही पता नही चल रहा पर हिंदू मुस्लिम समुदाय के बीच दूरियां बढ़ गई. इसमे सोशल मीडिया की भूमिका बहुत असमाजिक रही. सोशल मीडिया पर जमात के बहाने आपस मे टकराव होने लगता है. इस विचारधारा के लोग मानते है जैसे कोरोना संकट केवल जमात के कारण ही फैल रहा है.