इन दिनों कोरोना का कहर पूरे देश में फैला हुआ है. पूरा विश्व इस महामारी से डरा हुआ है. लेकिन आपको डरने की जरूरत नहीं है आपको अपने इम्यूनिटी पर ध्यान देना है तो ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी खाने की चीजों के बारे में जो आपकी इम्यूनिटी के लिए अच्छी होगी.
फाइबर कार्बोहाइड्रेट का एक ऐसा प्रकार है, जो प्राय: पौधों की पत्तियों, तने और जडों में पाया जाता है. इसके अलावा चोकर, साबुत अनाजों और बींस प्रजाति की सब्जियों में भी फाइबर मौजूद होता है.फाइबर यानी रेशा हमारे भोजन का अहम हिस्सा है. रेशा पौधों से मिलने वाला वह भाग है, जिसे मानव शरीर में मौजूद एंजाइम पचा नहीं पाते. शरीर में पहुंच कर यह रेशा नमी को ग्रहण कर अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकलने में मदद करता है. दिनभर में 30 ग्राम फाइबर का सेवन उपयुक्त होता है. फाइबर प्राकृतिक तरीके से शरीर की सफाई करने में मदद करता है.साथ ही साथ यह हमें प्रचुर मात्रा में ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है, तभी तो फाइबरयुक्त चीजें खाने के बाद आपको कुछ देर तक भूख नहीं लगती.
फाइबर युक्त भोजन को चबाने में अधिक समय लगता है. ऐसे में एक ओर खाना खाने की गति में कमी आती है तो दूसरी ओर खाने से मिलने वाली संतुष्टि बढ़ जाती है. फाइब से शरीर की वसा और शर्करा को ग्रहण करने की प्रक्रिया में सुधार होता है. पाचन प्रक्रिया धीमी होती है, जिससे शर्करा धीरे-धीरे रक्त में पहुंचती है.इससे बार-बार भूख नहीं लगती और शर्करा की कमी के कारण होने वाली थकावट व कमजोरी नहीं होती. फाइबर से अपशिष्ट पदार्थ मलाशय से बाहर निकलने में कम समय लेते हैं.इससे प्राकृतिक तरीके से आंतों की सफाई हो जाती है और कोलेस्ट्रॉल का अवशोषण कम होने के कारण कोलेस्ट्रॉल लेवल स्थिर रहता है.फाइबर की कमी से मल शुष्क व कड़ा हो जाता है, जिसमें विभिन्न दवाओं, विषाक्त व हानिकारक रसायन आदि कई तरह के संक्रमणों की मौजूदगी होती है.
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मूलतः फाइबर दो प्रकार के होते हैं, जो शरीर के लिए अलग तरह से काम करते हैं. पहले तरह का अघुलनशील फाइबर चोकर, मूंगफली, सूखे मेवों और पत्तेदार हरी सब्जियों में पाया जाता है. इसकी बनावट मोटी और खुरदरी होती, इसलिए यह पानी में नहीं घुल पाता और पाचन क्रिया के अंत तक साबुत रहता है। यह उत्सर्जन प्रक्रिया द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है और कब्ज दूर करने में सहायक होता है.
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फाइबर के उत्तम स्रोतों का सेवन कैलोरी तो नहीं देता पर इससे व्यक्ति पेट भरा हुआ महसूस करता है क्योंकि फाइबर के स्रोतों को अधिक चबाने की जरूरत होती है जिससे लार की मात्रा भी बढ़ती है और व्यक्ति पेट भरा महसूस करता है. अधिक रेशेदार भोजन व्यक्ति की भूख को जल्दी शांत करते हैं जिससे वह अधिक नहीं खाता और इसमें वसा की मात्रा तो न के बराबर होती है इसलिए व्यक्ति का वजन पर नियंत्रण रहता है और हृदय रोगों की संभावना भी कम होती है.
फाइबर के लाभ
– पाचन प्रकिया नियमित होती है
– वजन घटने में मददगार
– गुदे के कैंसर को दूर करता है।
– अपशिष्ट पदार्थ देर तक आंतों में जमा रहकर टॉक्सिन नहीं फैलाते।
– कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है व हृदय रोगों में लाभकारी है।
फाइबर का सेवन न करने से-
फाइबर का सेवन न करने से व्यक्ति को कोलोन कैंसर, कब्ज, उच्च रक्ताच, मोटापा, बवासीर और पेट, गुर्दा और आंतों से संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं. जहां इसका कम सेवन व्यक्ति को कई रोगों का शिकार बना सकता है वहां इसकी बहुत अधिक मात्रा भी हानिकारक है और डायरिया, पेट फूलना, वृद्ध व्यक्तियों में आंतों के ब्लाकेज आदि का कारण भी बन सकती है.
इनसे पाया जाता है प्राकृतिक फाइबर –
बींस – बींस (राजमा और लोबिया) में सबसे अधिक फाइबर पाया जाता है। एक कप राजमा व लोबिया में 15 ग्राम से अधिक फाइबर मिलता है.
दाल – मसूर की दाल में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
हरी पत्तेदार सब्जियां व फल – हरी पत्तेदार सब्जियों में फाइबर अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसके साथ ही इनमें लोह तत्व, बेटा केरोटीन की मात्रा भी पर्याप्त होती है. एक कप उबली हुई हरी सब्जियां जैसे पालक, पत्तेदार शलजम और चुकंदर में 4 से 5 ग्राम फाइबर मिलता है. सब्जियों में मटर में सबसे अधिक फाइबर होता है.
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नाशपाति और सेब – इनमें भी फाइबर मिलता है। एक बड़े सेब से जहां 3.3 ग्राम फाइबर मिलता है, वहीं मध्यम आकार की नाशपाति से 5.1 ग्राम फाइबर मिल जाता है.
बादाम, पिस्ता और अखरोट – बादाम, पिस्ता और अखरोट में केवल प्रोटीन ही नहीं होता, उसमें फाइबर भी प्रचुर पाया जाता है. किशमिश – किशमिश में सॉल्यूबल और नॉन सॉल्यूबल दोनों तरह के फाइबर होते हैं.किशमिश से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है.
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रागी- रागी में सेल्युलॉस पाया जाता है, जो भी एक तरह का फाइबर है। रागी का नियमित सेवन कब्ज को दूर रखता है. इसके अलावा रागी में कैल्शियम, लोहा और प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. रागी का सेवन मधुमेह और मोटापे के शिकार लोगों के लिए भी फायदेमंद रहता है, क्योंकि इसका पाचन धीरे-धीरे होता है, जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्त्राव धीमा हो जाता है.
फाइबर कोलेस्ट्रॉल खत्म करता है
जई -जई में फाइबर का पर्याप्त मात्रा पाया जाता हैं. इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, प्रोटीन और विटामिन बी 1 पाया जाता है.जई में वसा कम होती है, इससे शरीर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद मिलती है. इससे कार्डियोवस्कुलर रोगों को कम करने में मदद मिलती है.
आज कल बाजार में कृत्रिम फाइबर भी विभिन्न खाद्य-पदार्थो में मिलता है, जिन्हें फाइबर की बहुत कमी होती हो वह इसका सेवन करते है.लेकिन विशेषज्ञों की माने तो प्राकृतिक स्त्रोत ही फाइबर का मुख्य स्त्रोत है . अगर सेहत है ख्याल तो नित्य खाईये, फाइबर युक्त भोजन.