"मेरा बेटा  टेक्निकल इंजीनियर बनेगा वो मोबाइल फोन पर फोटो गैलरी, म्यूजिक सभी चीजें आसानी से चला लेता है वो महज तीन साल का है " ये कहते हुए मां को बड़ा गर्व होता है और फ़ोन बेटे के हाथ में थमा देती है.

क्या आप भी ऐसा ही कर रही हैं, यदि हां तो जरा ठहरिये क्योंकि आप उसका भविष्य संवार नहीं बल्कि बिगाड़ रही हैं. क्योंकि मोबाइल फोन की लत उनकी आंखों के लिये घातक साबित हो सकती हैं. एक  रिसर्च के दौरान पाया गया है कि स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले बच्चो में आई स्ट्रोक और आंखें टेढ़ी होने का खतरा बढ़ जाता है. दुनिया भर में दो करोड़ से भी ज्यादा लोग इससे पीड़ित हैं.

क्या होता है आई स्ट्रोक

जिस तरह दिमाग में स्ट्रोक होता है उसी तरह आई स्ट्रोक होता है. इसमें रक्त का संचार रुक जाता है और रेटिना तक नहीं पहुंच पाता जिस कारण आई स्ट्रोक होता है. रेटिना ऊतकों की एक पतली परत है, जो देखने में मदद करती है. रक्त का संचार अवरुद्ध होने से रेटिना को पर्याप्त मात्रा में औक्सीजन नहीं मिल पाता. जिस  वजह से कुछ मिनटों या घंटों में कोशिकाएं मरने लगती हैं. आई स्ट्रोक से दृष्टि काफी कमजोर हो जाती है या कभी कभी पूरी तरह दिखना भी बंद  हो जाता है.

लगातार बढ़ रहा है चश्मे का नंबर

मोबाइल फोन, लैपटौप और टैब पर लगातार नजरे गढ़ाए रहने से बच्चों की आंखों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. जिस कारण बच्चों की दूर की नजर कमजोर हो रही हैं.
बच्चे टीवी,फोन देखते समय पलके नहीं झपकाते और एक टक देखते रहते हैं. जिस वजह से उनकी आंखों से पानी आने लगता है. लगातार नजदीक से देखने के कारण आंखों पर जोर पड़ता है. आंखों में रूखापन आने लगता है और धीरे धीरे उनकी नजर  कमजोर व आंखें टेढ़ी होने लगती हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...