अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और टौक शो संचालक अरबाज खान ने लगभग 24 वर्ष पहले यानी कि 1996 में फिल्म ‘‘दरार’’ से अपने अभिनय करियर की शुरूआत की थी. पहली फिल्म के साथ ही अरबाज खान ने इशारा कर दिया था कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं. तब से अब तक वह कई यादगार फिल्मों में अभिनय करने के अलावा ‘दबंग’ फ्रेंचाइजी की तीन फिल्मों का निर्माण, ‘दबंग 2’ का निर्देशन, टौक शो का संचालन और वेब सीरीज ‘‘पौयजन’’ में अभिनय कर चुके हैं. इन दिनों वह 27 सितंबर को प्रदर्शित हो रही निर्माता महेंद्र सिंह नामदेव की क्राइम थ्रिलर फिल्म ‘‘मैं जरुर आउंगा’’ को लेकर चर्चा में है,जो कि पूर्णरूपेण स्विटजरलैंड में फिल्मायी गयी पहली भारतीय फिल्म है. इसके अलावा उन्होंने मलयालम सिनेमा में भी कदम रख दिया है.

प्रस्तुत है अरबाज खान के साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश…

आपके 24 साल के करियर में टर्निंग प्वाइंट क्या रहे?

मैं अपने पूरे करियर में फिल्म ‘‘दबंग’’ को ही टर्निंग प्वाइंट मानता हूं. क्योंकि ‘दबंग’ मेरी लाइफ का टर्निंग प्वाइंट था. उसने मुझे ओवरनाइट सक्सेस, ओवरनाइट पहचान दिलायी. ‘दंबग’ से मेरे करियर व जिंदगी को बहुत कुछ मिला फिल्म ‘दबंग’ ने मुझे अभिनेता व निर्माता दोनो स्तर पर उंचाइयां प्रदान की. उससे पहले भी मुझे छोटी-छोटी सक्सेस मिलती रही हैं. उन सफलताओं को भी मैं हलके से नहीं लेता. जैसे ‘दरार’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘फैशन’, ‘मालामाल वीकली’, ‘मां तुझे सलाम’ जैसी फिल्मों में भी मेरे अभिनय को सराहा गया. और यह फिल्में भी कैरियर के लिए माइलस्टोन साबित हुईं. अब फिल्म‘‘मैं जरुर आउंगा’’ से कुछ अन्य रिकार्ड बन सकते हैं.

24 साल के करियर में आपने तमाम किरदार निभाएं. ऐसे में फिल्म‘‘मैं जरुर आउंगा’’करने के लिए किस बात ने आपको इंस्पायर किया?

यह फिल्म और मेरा किरदार दोनों काफी अलग है. मैंने अब तक इस तरह का किरदार नहीं किया. वैसे ऐसा नहीं होता है कि आप अपने करियर के 20-25 साल में जब हर साल चार पांच फिल्में करेंगे और उन्हे मल्टीप्लाई कर लीजिए और किरदार एक दूसरे से मेल खाता हो. अब यह समझाना मुश्किल होता है कि आपने कितने अलग- अलग किरदार किए हैं. यदि किरदार में हल्का सा,  किसी छोटी सी चीज का प्रेजेंटेशन अलग हो, कुछ भी अलग हो, करेक्टर का न्यूयांएश भी अलग हो, तो भी वह अलग होता है. मसलन पुलिस का किरदार ले लीजिए. तो कितने एक्टरों ने तो अब तक कम से कम 15 फिल्मों में पुलिस का किरदार निभाया है. पर हर बार पुलिस वाला निभाने के बाद भी वह अलग पुलिस वाला ही होता है. अगर हम गैंगस्टर या विलेन का कैरेक्टर निभाते हैं, तो उसमें भी अंतर होता है. हम तो 50 बार हम विलेन निभा चुके होंगे. फिर भी हमारी फिल्मों के अंदर पर हर बार कुछ तो अलग होता ही है. कोई सरफिरा गुंडा, तो कोई गली का गुंडा होता है. फिर उसके अंदर डायलौगबाजी का कीड़ा रहता है. तो कई वेरीएशन होते हैं. इसे अलावा हम कलाकार पर निभर्र होता है कि हर बार उसे कैसे नयापन दें. इसी तरह एक बिजनेसमैन के कैरेक्टर में भी वेरीएशन होते हैं. बिजनेसमैन हल्का सा मिडिल एज आदमी है या आशिक है या कथानक में किस तरह हंसता या रोता है, या उसके साथ जो कुछ होता है, उस पर उसका रिएक्शन किस तरह का होता है. कहने का अर्थ यह है कि एक ही किरदार में हमें हर बार अलग अलग इमोशंस के साथ उसे निभाते हुए नयापन देना होता है. उसी बात ने मुझे उत्साहित किया. इस नजरिए से मैं दावा करता हूं कि मैंने हर बार कुछ नया किरदार निभाया है और इस फिल्म में भी नयापन है.

इसके अलावा कई बार ऐसा होता है कि जिन लोगों के साथ काम करने की आपकी चाहत होती है, उनके साथ जब काम करने का अवसर मिलता है, तो यह बात भी काम करने के लिए उत्साहित करती है. कई बार जिन सब्जेक्ट पर आप काम करना चाहते हैं, वैसा सब्जेक्ट सामने आ जाए, तो आप इंस्पायर होते हैं. कई बार फिल्म जहां फिल्मायी जानी है, वह लोकेशन इंस्पायर करती है. तो किसी भी फिल्म से जुड़ने के पीछे कई वजहें होती हैं. फिल्म‘‘मैं जरुर आउंगा’’ के कथानक, किरदार में मौजूद नए तरह के शेड्स और स्विटजरलैंड की लोकेशन ने मुझे  मुझे इस फिल्म से जुड़ने के लिए उकसाया.

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फिल्म‘‘मैं जरुर आउंगा’’को लेकर क्या कहना चाहेंगें?

जिन लोगों ने फिल्म का ट्रेलर देखा है, उन्हें अहसास हो चुका होगा कि ‘‘मैं जरुर आउंगा’’ क्राइम थ्रिलर फिल्म है, जिसमें रोमांस, अपराध, बदला और विश्वासघात के साथ रोमांचक कथा है. इसमें भूत का भूत हत्यारों से बदला लेने के लिए वापस आता है, तो डरावने और भयावह रहस्यों का तूफान उठाता है. स्विटजरलैंड की बर्फीली ठंडी सफेद पृष्ठभूमि इसे और अधिक डरावना बना देती है. इसमें कन्नड़ अभिनेत्री अंद्रिता रे के अलावा विकास वर्मा व गोविंद नामदेव भी हैं.

फिल्म ‘‘मैं जरुर आउंगा’’ के अपने किरदार को लेकर क्या कहेंगे?

मैंने इसमें स्विट्जरलैंड में रह रहे एक प्रसिद्ध और सफल व्यवसायी यश मल्होत्रा का किरदार निभाया है. एक दिन यश की मुलाकात मौडल लिजा से होती है, दोनों में प्यार फिर शादी हो जाती है. उनका आनंदमय जीवन बीतने लगता है, मगर यश को इस बात का अहसास ही नहीं होता कि उसकी पत्नी लीजा के लिए उसका मौडलींग का करियर और उसका दोस्त व फोटोग्राफर पीटर ज्यादा मायने रखता है. हकीकत मे लिजा ने यश की संपत्ति देखकर ही शादी की थी. यश अपने जीवन व लिजा के साथ रिश्ते को मजबूती प्रदान करने के लिए एक बच्चा चाहते हैं, लेकिन लिजा मना कर देती है. एक दिन लिजा अपने मित्र व प्रेमी पीटर के साथ मिलकर यश की हत्या कर कब्रिस्तान में दफना देते हैं. पर सच कुछ और होता है. यश का भूत अब इन दोनों को परेशान करने लगता है. उधर यश का दोस्त व पुलिस अफसर शिव भी इनके पीछे पड़ गया है. इसके बाद क्या होता है, यह फिल्म देखने पर ही पता चलेगा.

बतौर निर्माता फिल्म ‘‘दबंग 3’’ की क्या स्थिति हैं? इसको लेकर क्या कहना पसंद करेंगें ?

फिल्म ‘‘दबंग 3’’ की शूटिंग खत्म हो चुकी है. हम 20 दिसंबर को इसे सिनेमाघरों में पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं. मैं फिल्म को लेकर उत्साहित हूं और हम सभी इसे बनाते हुए काफी मस्ती कर रहे हैं. मुझे पता है कि लोग इस फ्रैंचाइजी को पसंद करते हैं और उन्हें चुलबुल पांडे का किरदार लोगों को बहुत पसंद है. अगर लोग उत्साहित नहीं होते हैं, तो यह चिंता का कारण होगा.

फिल्म‘‘मैं जरुर आउंगा’’के बाद किस फिल्म में नजर आएंगे?

मैं मलयालम फिल्मों के उत्कृष्ट निर्देशक सिद्दिकी की मलयालम फिल्म ‘‘बिग ब्रदर’’ में एक आईपीएस अधिकारी का किरदार निभाते हुए मलयालम सिनेमा में कदम रखने जा रहा हूं. यह आईपीएस अफसर मूलतः उत्तर भारत से हैं. इसमें मुझे मलयालम सिनेमा के मोहनलाल सहित कई दिग्गज कलाकारों के साथ अभिनय करने का अवसर मिला है. सिद्दीकी में की कार्यशैली किसी भी फिल्म को एक बड़ी हिट बनाने में माहिर है.मुझे पता है कि उनकी फिल्म निर्माण की शैली और जिस तरह से वह अपनी फिल्म की पटकथा लिखते हैं, वह काबिले तारीफ है. उनकी फिल्मों से बहुत सारी भावनाएं जुड़ी होती हैं. इसके अलावा एक फिल्म ‘‘श्रीदेवी बंगलो’’ की है. यह फिल्म भी लंदन में फिल्मायी गयी है.

इन दिनों बौलीवुड के कई कलाकार दक्षिण भाषी फिल्मों में अभिनय कर सफलता बटोर रहे हैं?

इसकी मूल वजह यह है कि सिनेमा भाषा का मोहताज नही है, इस बात को हम अब तक समझ नहीं पाए थे. अब तो दक्षिण की फिल्मों का बौलीवुड में और बौलीवुड की फिल्मों का दक्षिण भारत में रीमेक भी हो रहा हैं. दूसरी बात हम सभी कलाकार क्षेत्रीय भाषाओं में काम कर रहे हैं, क्योंकि हर उद्योग भारतीय सिनेमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

तो अब दूसरी भाषा की फिल्में करते रहेंगें?

जी हां! हालांकि मैं लंबे समय से अभिनय कर रहा हूं, फिर भी मलयालम सिनेमा में ‘‘बिग ब्रदर’’ मेरी पहली फिल्म है. मैं दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं का सिनेमा भी करना चाहता हूं.

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वेब सीरीज?

दो वेब सीरीज भी कर रहा हूं.अब तो फिल्में और वेब सीरीज की दुनिया एक साथ आगे बढ़ेगी.

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