मास्टरबेशन का नाम सुनते ही ज्यादातर लड़कियां या महिलाएं ‘छीछी’, ‘हाय हाय’, जैसे शब्द कहने लगती हैं. कारण साफ है कि उन के लिए यह किसी पाप से कम नहीं. मास्टरबेशन अर्थात हस्तमैथुन के बारे में हम सभी जानते हैं और इसे बखूबी समझते भी हैं. लेकिन, मास्टरबेशन को हम लड़कों से जोड़ते हैं. अधिकतर लड़कियों के लिए तो वह लड़के ‘ठरकी’ से ज्यादा कुछ नहीं जो मास्टरबेट करते हैं और इस बारे में खुलकर बात करते हैं. मास्टरबेशन ठरक नहीं है, न मास्टरबेट करने वाले लड़कों को ठरकी या परवर्ट कहा जा सकता है और न ही लड़कियों को. क्यों? क्योंकि मास्टरबेशन एक शारीरिक क्रिया है जो व्यक्ति खुद को सेक्सुअली सेटिस्फाइड करने के लिए करता है.
मास्टरबेशन असल में एक नहीं बल्कि कई तरीकों से लड़कियों के लिए फायदेमंद होती है. एक स्टडी के अनुसार मास्टरबेशन सवस्थ होने का एहसास दिलाता है, ओर्गास्म की संभावना बढ़ाता है, रिलेशनशिप और सेक्सुअल सैटिस्फैक्शन में मदद करता है, सेल्फ एस्टीम बढ़ाता है, टेंशन कम करता है जिस से नींद बेहतर आती है, सेक्सुअल टेंशन को कम करता है, मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स को कम करता है, नितम्भ और एनल के आसपास के एरिया की मसल्स को मजबूत बनाता है, यूरिन लीकेज की संभावना कम करता है और शरीर से समय-समय पर बेकार बैक्टीरियास को बाहर भी निकालता है.
लोगों को लगता है कि लड़कियां मास्टरबैशन इसलिए करतीं हैं क्योंकि वह अपने पार्टनर से असंतुष्ट हैं जबकि सच तो यह है कि मस्टरबैशन आप के रिलेशनशिप को पहले से कही बेहतर बना सकता है. साथ ही यह आप की सेक्सुअल लाइफ को इंट्रेस्टिंग बनाता है जिस से आप अपनी सेक्सुअल लाइफ को अधिक एन्जौय भी करते हैं और आप दोनों को पता भी होता है कि आप को सेक्स के दौरान क्या चाहिए.
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सेक्सुअल सैटिस्फैक्शन है जरूरी
सेक्सुअल सैटिस्फैक्शन उतनी ही जरूरी है जितना सैक्स करना है. सैक्स भी क्रिया ही है, फर्क सिर्फ इतना है कि दो लोग अकसर इसे प्यार का नाम दे कर करते हैं. यही कारण है कि मास्टरबेशन को परवर्ट या ठरकी होने की निशानी मान लिया जाता है और घिन्न भरी नजरों से देखा जाता है. हैरानी की बात तो यह है कि लड़कें बड़े ही इस सोच के साथ होते हैं कि मास्टरबेशन उन के लिए सामान्य क्रिया है जबकि इस के बिलकुल विपरीत लड़कियों के लिए यह किसी टैबू से कम नहीं. यह सचमुच शर्म की बात है क्योंकि मास्टरबेशन लड़कियों के लिए कही ज्यादा फायदेमंद है, और यह विभिन्न तरीकों से स्वास्थ को प्रभावित भी करती है.
फीमेल मास्टरबेशन के हेल्थ बेनिफिट्स
आपने नेटफ्लिक्स पर ‘लस्ट स्टोरीज’ देखी होगी तो शायद इस समय आप के दिमाग में किआरा आडवाणी आ रही होगी जिस के अपने पति से सेकसुअली अनसैटिस्फाइड होने के कारण उस ने वाइब्रेटर का यूज किया और गलती से वाइब्रेटर सब के सामने ओन होने से उसे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. लेकिन, अगर वह मास्टरबेशन का सहारा पहले ही ले लेती तो शायद हाल कुछ अलग होते और बेहतर हल भी निकलता. खैर, यह तो मास्टरबेशन का केवल एक उदहारण था कि कैसे मास्टरबेशन की जरूरत हर लड़की को महसूस तो होती है लेकिन समाज का डर, पति या होने वाला पति क्या सोचेगा या फिर ‘यह सही नहीं है’ जैसी चीज़ें उन्हें रोक लेती हैं. वह इस का आनंद उठाना तो दूर की बात है, इस के हेल्थ बेनिफिट्स से भी जीवनभर अंजान रहती हैं.
मास्टरबेशन स्ट्रेस कम करता है
मास्टरबेशन शरीर में डोपामाइन रिलीज करता है जोकि प्लेजर से जुड़ा एक हार्मोन है. साफ़ शब्दों में यह आपको अच्छा महसूस कराता है. आपका मूड ठीक होता है और आपको ख़ुशी का एहसास होता है. साथ ही मास्टरबेशन के दौरान ओर्गास्म तक पहुंचने पर शरीर में औक्सीटोसिन हार्मोन निकलता है जो स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल को कम करता है. खुद को छूने और ओर्गास्म तक पहुंचने पर इन हार्मोन्स का स्त्राव होता है जो स्ट्रेस खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
मास्टरबेशन सैक्स में सहायक
लोगों को लगता है कि लड़कियां मास्टरबेट करने के बाद सैक्स के दौरान ओर्गास्म तक नहीं पहुंचती या फिर वह अच्छा परफार्म नहीं कर पातीं जबकि होता इस से बिलकुल उल्टा है. मास्टरबेट करने वाली लड़कियां अन्य लड़कियों से ज्यादा ओर्गास्म तक पहुंचती है और सैक्स एन्जौय करती हैं जिस का सब से बड़ा कारण यही है कि उन्हें पता होता है कि उन्हें अपने पार्टनर से क्या चाहिए और क्या नहीं.
मेंस्ट्रुएशन में मददगार मास्टरबेशन
रिसर्च के अनुसार मास्टरबेशन शरीर की कैलोरीज बर्न करता है और साथ ही इम्यून पावर भी बढ़ाता है. इस से मेंस्ट्रुअल या पीरियड क्रैम्स भी कम होते हैं, साथ ही यह नितम्भ की मसल टोन की स्ट्रेंथ भी बढ़ाता है. पीरियड सैक्स की ही तरह पीरियड मास्टरबेशन भी शरीर की सेक्सुअल इंटेंसिटी को बढ़ाता है जिस से पीरियड क्रैम्प्स का दर्द कम लगने लगता है. मास्टरबेशन के दौरान ओर्गास्म मिलने पर एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज़ होता है जो शरीर को सुख की अनुभूति कराता है. इस का परिणाम यह निकलता है कि हम शरीर के बाकी दर्द और तकलीफ को भूल जाते हैं (सुनने में बेवकूफी भरा लगता है पर है नहीं).
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मोर मास्टरबेशन, मोर ओर्गास्म
फीमेल मास्टरबेशन का सब से बड़ा बेनिफिट देखा जाए तो वह यह है कि लड़कियों को स्पष्टतौर पर पता होता है कि उन्हें बेहतर ओर्गास्म पाने के लिए खुद को किस तरह छूना है और चरमोत्कर्ष तक पहुंचाना है. वे एक ओर्गास्म के बाद दूसरा और दूसरे के बाद तीसरा ओर्गास्म भी पा सकती हैं. यह तथ्य मास्टरबेशन को नार्मल सैक्स से अलग भी बनाता है और बेहतर भी. तो, मोर मास्टरबेशन का मतलब है मोर ओर्गास्म.