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अनोखा पहलवान : आखिर क्या खास था उस पहलवान में

बगदाद के खलीफा को कुश्ती करवाने का बड़ा शौक था. वह हर वर्ष कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित करता था और जो पहलवान जीतता उसे कीमती भेंट दे कर सम्मानित करता था. उस के अपने दरबार में भी 5 नामी पहलवान थे. इस बार कुश्ती प्रतियोगिता के सभी मुकाबले जीतने वाले शाही पहलवान अली जुनैद को ले कर काफी चर्चा हो रही थी. निर्णायकों ने जब उसे सर्वश्रेष्ठ पहलवान घोषित किया, तो खलीफा की खुशी का ठिकाना न रहा, किंतु तभी जनता ने निर्णायकों पर पक्षपात का आरोप लगाया. यह सुन कर खलीफा के कान खड़े हो गए. उस ने खीज कर घोषणा करवा दी, ‘‘शाही पहलवान जुनैद सर्वश्रेष्ठ है. अगर किसी को शक है तो 5 दिन के भीतर उसे चुनौती दे तो प्रतियोगिता दोबारा होगी. पर ध्यान रहे, चुनौती देने वाला यदि हार गया तो उस का कत्ल करा दिया जाएगा और यदि जीत गया तो उसे स्वर्ण मुद्राओं से भरी थैली भेंट की जाएगी.’’ इस घोषणा से बगदाद शहर में तहलका मच गया. दूरदराज के इलाकों से आए पहलवान अपने खेमे उखाड़ कर वापस जाने लगे. बाकी खेमों में भी एकदम सन्नाटा छा गया.

जुनैद पहलवान दाएं पैर में जंजीर बांध कर शहर भर में घूमा, पर उस के पीछे घिसटती जंजीर को किसी ने नहीं दबाया. जुनैद पहलवान मस्ती में झूमता हुआ गलीगली घूम रहा था. उस के पीछे बच्चों के झुंड किलकारियां मारते, तालियां पीटते चल रहे थे. धूल उड़ रही थी. तभी एक घर के पास पहलवान ने ठिठक कर पीछे देखा. उस के पांव की जंजीर को दबाने वाला व्यक्ति निर्भय पीछे खड़ा मुसकरा रहा था. वह काफी कमजोर और वृद्ध था पर उस का साहस कमाल का था. उस ने पहलवान से बात की और उस के उत्तर की प्रतीक्षा करने लगा. पहलवान गंभीर हो गया. वह उस मरियल से आदमी की कही बात पर गंभीरता से सोचविचार कर रहा था.

‘‘अच्छा, मुझे मंजूर है. मैं आप से कुश्ती लडं़ूगा,’’ पहलवान ने जैसे उस की चुनौती स्वीकार कर ली. बच्चों ने ठहाके लगाए. बड़ा शोर मचाया. सभी जानते थे कि निर्भय अपनी मौत को बुला रहा है. यह बात आग की तरह पूरे शहर में फैल गई. सिर पर पांव रख कर भागने को तैयार पहलवान भी ठहर गए. खलीफा भी हैरान था. आखिर कुश्ती का दिन निश्चित हुआ. खौफनाक तूफान को एक नन्हे दीपक से भिड़ते देखने भीड़ जमा हुई. भय और कुतूहल का माहौल था. निश्चित समय पर शाही पहलवान अली जुनैद मुसकराता हुआ मैदान में आया. खलीफा अपने साथियों के साथ पहले ही जम गया था. कनातों के पीछे से शाही दरबार की औरतें यह नजारा देख रही थीं. जब सींकिया पहलवान मैदान में आया तो उसे देखते ही दर्शकों ने भारी शोर मचाया, पर वह बहुत अकड़ कर चल रहा था. शाही पहलवान से हाथ मिला कर उस ने अखाड़े में नाटकीय उछलकूद शुरू कर दी. लोग हंसने लगे. कोई बोला, ‘‘भला यह मरने पर क्यों उतारू है?’’ तो किसी ने कहा, ‘‘पागल लगता है.’’

निर्णायकों ने इशारा किया. दर्शकों ने दम साध लिया. इस से पहले कि शाही पहलवान अपना दांव लगाता, उस सींकिया पहलवान ने शाही पहलवान को चित्त कर दिया और उछल कर उस की छाती पर बैठ गया. खलीफा का चेहरा उतर गया. सभी अविश्वास से एकदूसरे का मुंह देखने लगे. पर होनी सब के सामने थी. तभी ऐलान हुआ, शाही पहलवान कुश्ती हार गया.

खलीफा क्रोधित हो उठा. उस ने शाही पहलवान को बुलाया और बहुत फटकारा. पहलवान सिर झुका कर खामोश खड़ा था. ‘‘तुम बोलते क्यों नहीं? मेरी बात का जवाब दो. तुम हार कैसे गए?’’ ‘‘क्या जवाब दूं. मैं कुश्ती हार गया क्योंकि मैं पहलवान ही नहीं, एक इंसान भी हूं. इस व्यक्ति ने मुझे बताया था कि वह बहुत गरीब है. 3 साल से उस के खेत में एक दाना भी अन्न नहीं उगा. घर में कुंआरी बहन बैठी है. अगर वह यह प्रतियोगिता जीत जाए तो ईनाम में मिलने वाले धन से वह अपनी समस्या सुलझा लेगा,’’ जुनैद ने बताया.

खलीफा अली जुनैद की उदारता से हक्काबक्का रह गया. ‘‘पर तुम इस की सहायता अपने पास जमा धन से भी तो कर सकते थे. खजाने से काफी रकम मिलती है तुम्हें?’’ खलीफा ने पूछा. ‘‘हुजूर मेरे पास एक कौड़ी भी जमा नहीं है. जो मिलता है मैं गरीबों में बांट देता हूं,’’ पहलवान ने कहा. ‘‘शाबाश,’’ खलीफा ने लपक कर पहलवान को गले लगा लिया. फिर वह गरीब तो खैर मालामाल हुआ ही पहलवान की झोली भी मुहरों से भर दी गई.

मैं एक लड़की से प्यार करता हूं, लेकिन बारबार कहने के बावजूद वह मेरे साथ सैक्स नहीं करती. मैं क्या करूं.

सवाल
मैं 22 साल का एक नौजवान हूं और एक 20 साल की लड़की से प्यार करता हूं, लेकिन बारबार कहने के बावजूद वह मेरे साथ सैक्स नहीं करती. मैं क्या करूं?

जवाब
प्यार करने का यह मतलब नहीं होता कि लड़की सैक्स के लिए राजी हो जाएगी. अगर हमबिस्तरी करनी है, तो पहले उस से शादी करें.

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शादी से पहले शारीरिक संबंध में बरतें सावधानी

आजकल लगभग सभी समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में पाठकों की समस्याओं वाले स्तंभ में युवकयुवतियों के पत्र छपते हैं, जिस में वे विवाहपूर्व शारीरिक संबंध बना लेने के बाद उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान पूछते हैं. विवाहपूर्व प्रेम करना या स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाना कोई अपराध नहीं है, मगर इस से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर विचार अवश्य करना चाहिए. इन बातों पर युवकों से ज्यादा युवतियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े :

विवाहपूर्व शारीरिक संबंध भले ही कानूनन अपराध न हो, मगर आज भी ऐसे संबंधों को सामाजिक मान्यता नहीं है. विशेष कर यदि किसी लड़की के बारे में समाज को यह पता चल जाए कि उस के विवाहपूर्व शारीरिक संबंध हैं तो समाज उस के माथे पर बदचलन का टीका लगा देता है, साथ ही गलीमहल्ले के आवारा लड़के लड़की का न सिर्फ जीना दूभर कर देते हैं, बल्कि खुद भी उस से अवैध संबंध बनाने की कोशिश करते हैं.

युवती के मांबाप और भाइयों को इन संबंधों का पता चलने पर घोर मानसिक आघात लगता है. वृद्ध मातापिता कई बार इस की वजह से बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें दिल का दौरा तक पड़ जाता है. लड़की के भाइयों द्वारा प्रेमी के साथ मारपीट और यहां तक कि प्रेमी की जान लेने के समाचार लगभग रोज ही सुर्खियों में रहते हैं. युवकों को तो अकसर मांबाप समझा कर सुधरने की हिदायत देते हैं, मगर लड़की के प्रति घर वालों का व्यवहार कई बार बड़ा क्रूर हो जाता है. प्रेमी के साथ मारपीट के कारण लड़की के परिवार को पुलिस और कानूनी कार्यवाही तक का सामना करना पड़ता है.

अधिकतर युवतियों की समस्या रहती है कि उन्हें शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो गया है व उन्होंने उस से शारीरिक संबंध भी कायम कर लिए हैं. शादीशुदा व्यक्ति आश्वासन देता है कि वह जल्दी ही अपनी पहली पत्नी से तलाक ले कर युवती से शादी कर लेगा, मगर वर्षों बीत जाने पर भी वह व्यक्ति युवती से या तो शादी नहीं करता या धीरेधीरे किनारा कर लेता है. ऐसे किस्से आजकल आम हो गए हैं.

इस तरह के हादसों के बाद युवतियां डिप्रेशन में आ जाती हैं व नौकरी छोड़ देती हैं. इस से उबरने में उन्हें वर्षों लग जाते हैं. कई बार युवक पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर लेते हैं. मगर याद रखें, ऐसी शादी को कानूनी मान्यता नहीं है और बाद में बच्चों के अधिकार के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है जिस का फैसला युवती के पक्ष में आएगा, इस की संभावना बहुत कम रहती है.

शारीरिक संबंध होने पर गर्भधारण एक सामान्य बात है. विवाहित युवती द्वारा गर्भधारण करने पर दोनों परिवारों में खुशियां मनाई जाती हैं वहीं अविवाहित युवती द्वारा गर्भधारण उस की बदनामी के साथसाथ मौत का कारण भी बनता है.

अभी हाल ही में मेरी बेटी की एक परिचित के किराएदार के घर उन के भाई की लड़की गांव से 11वीं कक्षा में पढ़ने के लिए आई. अचानक एक शाम उस ने ट्रेन से कट कर अपनी जान दे दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि लड़की गर्भवती थी. उसे एक अन्य धर्म के लड़के से प्यार हो गया और दोनों ने शारीरिक संबंध कायम कर लिए, मगर जब लड़के को लड़की के गर्भवती होने का पता चला तो वह युवती को छोड़ कर भाग गया. अब युवती ने आत्महत्या का रास्ता चुन लिया. ऐसे मामलों में अधिकतर युवतियां गर्भपात का रास्ता अपनाती हैं, लेकिन कोई भी योग्य चिकित्सक पहली बार गर्भधारण को गर्भपात कराने की सलाह नहीं देगा.

अधिकतर अविवाहित युवतियां गर्भपात चोरीछिपे किसी घटिया अस्पताल या क्लिनिक में नौसिखिया चिकित्सकों से करवाती हैं, जिस में गर्भपात के बाद संक्रमण और कई अन्य समस्याओं की आशंका बनी रहती है. दोबारा गर्भधारण में भी कठिनाई हो सकती है. अनाड़ी चिकित्सक द्वारा गर्भपात करने से जान तक जाने का खतरा रहता है.

युवती का विवाह यदि प्रेमी से हो जाता है तब तो विवाहोपरांत जीवन ठीकठाक चलता है, मगर किसी और से शादी होने पर यदि भविष्य में पति को किसी तरह से पत्नी के विवाहपूर्व संबंधों की जानकारी हो गई तो वैवाहिक जीवन न सिर्फ तबाह हो सकता है, बल्कि तलाक तक की नौबत आ सकती है.

विवाहपूर्व शारीरिक संबंधों में मुख्य खतरा यौन रोगों का रहता है. कई बार एड्स जैसा जानलेवा रोग भी हो जाता है. खास बात यह है कि इस रोग के लक्षण काफी समय तक दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन बाद में यह रोग उन के पति और होने वाले बच्चे को हो जाता है. प्रेमी और उस के दोस्तों द्वारा ब्लैकमेल की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं. उन के द्वारा शारीरिक यौन शोषण व अन्य तरह के शोषण की आशंकाएं हमेशा बनी रहती हैं.

युवती का विवाह यदि अन्यत्र हो जाता है और वैवाहिक जीवन ठीकठाक चलता रहता है, घर में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन यदि भविष्य में बच्चों को अपनी मां के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों के बारे में पता चले तो उन्हें गंभीर मानसिक आघात पहुंचेगा, खासकर तब जब बच्चे टीनएज में हों. मां के प्रति उन के मन में घृणा व उन के बौद्धिक विकास पर भी इस का असर पड़ता है.

इन संबंधों के कारण कई बार पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक विवाद व लड़ाईझगड़े भी हो जाते हैं, जिन में युवकयुवती के अलावा कई और लोगों की जानें जाती हैं. इस के बावजूद यदि युवकयुवती शारीरिक संबंध बना लेने का निर्णय कर ही लेते हैं, तो गर्भनिरोधक विशेषकर कंडोम का प्रयोग अवश्य करें, क्योंकि इस से गर्भधारण व यौन संक्रमण का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है.

इस फिल्म में विजय माल्या के किरदार में नजर आएंगे गोविंदा..!

दिग्गज अभिनेता गोविंदा लंबे समय से बड़े पर्दे से गायब हैं. लेकिन उनके फैंस एक बार फिर उन्हें डांस और कौमेडी करते देखना चाहते हैं. गोविंदा के फैंस का ये इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है. आपको बता दें कि गोविंदा जल्द ही एक फिल्म से बड़े पर्दे पर अपनी वापसी कर रहे हैं. इस फिल्म को सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी प्रोड्यूस और डायरेक्ट कर रहे हैं.

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जी हां, फिल्म जूली 2 के को-प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी एक और फिल्म बनाने जा रहे हैं. दरअसल, पहलाज निहलानी अब विजय माल्या पर फिल्म बनाने जा रहे हैं. पहलाज की फिल्म का नाम रंगीला राजा होगा. फिल्म में विजय माल्या की जिंदगी से जुड़े हर पहलों पर फोकस किया जाएगा. इस फिल्म में मेन लीड में गोविंदा होंगे. फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी है. हाल ही में फिल्म का एक गाना भी शूट कर लिया गया है.

प्रोड्यूसर और डायरेक्टर पहलाज निहलानी ने बताया कि- मैंने विजय माल्या की जिंदगी से इंस्पायर्ड फिल्म का निर्माण करने का फैसला किया है. इस फिल्म में गोविंदा लीड रोव में होंगे. उनका कहना है कि फिल्म में गोविंदा का बदला हुआ रूप और गजब का अवतार देख कर दर्शक हैरान हो जाएंगे. यह फिल्म पूरी तरह से एंटरटेनिंग होगी.

बता दें कि शराब कारोबारी विजय माल्या देश के बैंकों से लगभग 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर विदेश भाग गए हैं. उनको गिरफ्तार कर भारत लाए जाने पर सभी देशवासियों की नजर है. ऐसे में उनके ऊपर एक फिल्म का बनना भी लोगों के लिए एक दिलचस्प बात है.  गोविंदा पर्दे पर ज्यादातर कौमिडी अवतार में नजर आए हैं. अब शराब कारोबारी विजय माल्या के रूप में उनको पर्दे पर देखने के लिए फैन्स जरूर उत्साहित होंगे.

सस्ता नहीं हुआ पेट्रोल पर दाम कटौती पर लोगों में फैला कन्फ्यूजन

पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती को लेकर देशभर में कन्फ्यूजन की स्थिति है. दरअसल, बुधवार सुबह यह बताया जा रहा था कि तेल कंपनियों ने पेट्रोल पर 60 पैसे और डीजल पर 56 पैसे की कटौती की है. लेकिन, अब इंडियन औयल कौरपोरेशन (IOC) ने साफ कर दिया है कि पेट्रोल-डीजल पर सिर्फ 1 पैसे की कटौती की गई है. मतलब कुल मिलाकर आम आदमी को कोई राहत नहीं मिली है. पेट्रोल-डीजल के दाम वैसे ही बने हुए हैं. कर्नाटक चुनाव के बाद तेल कंपनियां लगातार पेट्रोल के दाम बढ़ा रही हैं. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 1 पैसे घटकर 78.42 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 1 पैसे घटकर 69.30 रुपए प्रति लीटर हो गई है. पेट्रोल-डीजल अपने रिकौर्ड स्तर के आसपास ही हैं.

पहले कटौती फिर वापस लिए

कर्नाटक चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ना शुरू हुई थीं. 16 दिन बाद पहली बार तेल कंपनियों ने दाम घटाए लेकिन वो भी 5 घंटे बाद वापस ले लिए. सुबह IOC की वेबसाइट पर पेट्रोल पर 60 पैसे और डीजल पर 56 की कटौती दिखाई गई थी. लेकिन, 5 घंटे बाद ही IOC ने इस पर सफाई जारी करते हुए कहा कि सिर्फ 1 पैसे की कटौती की गई है. इस तरह से कोलकाता में पेट्रोल की कीमत में 1 पैसे की कटौती के साथ 81.05 रुपए, मुंबई में 1 पैसे घटाते हुए 86.23 रुपए और चेन्नई में 1 पैसे की कटौती करते हुए 81.42 रुपए प्रति लीटर कर दी है.

IOC ने सुधारी गलती

lOC ने गलती सुधारते हुए 1 पैसे की कटौती को वेबसाइट पर अपडेट कर दिया है. इससे पहले बुधवार सुबह औफिशियल वेबसाइट पर अपडेट किए गए दाम में पेट्रोल पर 60 पैसे की कटौती और डीजल पर 56 पैसे की कटौती दिखाई गई थी.

कहां कितने घटे डीजल के दाम

कोलकाता में डीजल की कीमत में 1 पैसे की कटौती की गई है. इसकी कीमत 71.84 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 1 पैसे घटाकर 73.77 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 1 पैसे की कटौती करते हुए 73.16 रुपए प्रति लीटर कर दी गई है.

कच्चे तेल में आई गिरावट

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. बुधवार को ब्रेंट क्रूड 75 डौलर प्रति बैरल के नीचे आ गया. जबकि नायमैक्स क्रूड 66 डौलर प्रति बैरल के आसपास है. कच्चे तेल में आई नरमी के बाद भी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं घटा रही हैं. वहीं, सरकार भी दूसरे विकल्पों पर विचार कर रही है. लगातार बढ़ती कीमतों से महंगाई पर दबाव बना हुआ है.

अभी और घट सकते हैं दाम

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के लिए सरकार दीर्घकालिक समाधान लाने पर काम कर रही है. सरकार ने कहा था कि हम जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे. इससे पहले पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंडियन ऑयल कौर्पोरेशन (IOC) और पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के साथ बैठक की थी. लेकिन इस बैठक से भी आम आदमी को कोई राहत नहीं मिली थी.

‘कलंक’ के सेट से लीक हुई माधुरी की यह खूबसूरत तस्वीरें

इन दिनों फिल्ममेकर कई मल्टीस्टारर फिल्म बना रहे हैं. इस तरह की फिल्म बनाने का सबसे बड़ा कारण ये है कि एक ही पिल्म में कई बड़े स्टार को एकसाथ काम करते देखा जाता है. इतना ही नहीं दर्शक इस तरह की फिल्म देखना पसंद भी करते हैं. इन दिनों करण जौहर की आने वाली मल्टीस्टारर फिल्म ‘कलंक’ काफी चर्चा में है. खबरों के मुताबिक इस फिल्म में वरुण धवन, आलिया भट्ट, सोनाक्षी सिन्हा, आदित्य रौय कपूर माधुरी दीक्षित और संजय दत्त जैसे दिग्गज सितारे नजर आएंगे. इस स्टारकास्ट के कारण फैन्स में इस फिल्म को लेकर खासी उत्सुकता है.

इस प्रोजेक्ट की कहानी को फिल्ममेकर्स ने अभी उजागर नहीं किया है. इसी कारण फिल्म को लेकर फैन्स में जिज्ञासा बढ़ती ही जा रही है. हालांकि, फिल्म के सेट से माधुरी दीक्षित की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं.

इन तस्वीरों में माधुरी दीक्षित एथनिक ड्रेस और जूलरी में नजर आ रही हैं.

सर पर मांग टीका पहने हुए माधुरी एक क्रेन पर फिल्म के क्रू मेंबर्स के साथ नजर आ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो माधुरी इस फिल्म में एक तवायफ का किरदार निभाती नजर आएंगी. आपको याद होगा कि इससे पहले फिल्म ‘देवदास’ में भी माधुरी एक तवायफ के किरदार में नजर आ चुकी हैं. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि ‘कलंक’ में माधुरी का किरदार ‘देवदास’ की चंद्रमुखी से काफी अलग है.

अभिषेक वर्मन द्वारा निर्देशित यह फिल्म करण जौहर के लिए काफी अहम है क्योंकि इसका सपना उनके पिता यश जौहर ने देखा था. सूत्रों का यह भी कहना है कि करण चाहते हैं कि ‘कलंक’ उनके प्रोडक्शन की सबसे बड़ी फिल्म साबित हो. यह फिल्म अगले साल 19 अप्रैल को रिलीज होनी है.

फेक करेंसी से बचने के लिये एनपीएल ने बनाई जादुई इंक

फेक करेंसी का बाजार धड़ल्ले से बढ़ता जा रहा है, जाली नोट से आतंकवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. अब जल्द ही जाली नोटों पर लगाम लगाई जा सकेगी. जाली नोट बनाने वालों पर जल्द ही शिकंजा कसा जा सकेगा. एनपीएल फेक करेंसी के धंधे को चपत लगाने के लिए एक जादुई इंक लेकर आ रहा है. वित्त मंत्रालय और नीति आयोग को इस इंक का प्रपोजल दे दिया गया है. अगर इस इंक से नोट छापे गए तो जाली नोट बनाना असंभव हो जाएगा.

दुनियाभर में कोई नहीं बना सकता ऐसी इंक

जादुई इंक के बारे में एनपीएल दावा है कि ऐसी इंक दुनियाभर में कोई नहीं बना सकता. क्योंकि यह बाई कलर इंक है और बाई कलर को काउंटरफीट करना नामुमकिन होता है. साइंटिस्ट बिपिन गुप्ता बताते हैं कि फिलहाल किसी भी देश के नोटों में एक कलर की इंक का इस्तेमाल होता है इसलिए उसे काउंटरफीट करना आसान होता है, लेकिन अगर बाई कलर की इंक से नोट छपेंगे तो उसका कोई तोड़ नहीं होगा.

अभी इंपोर्ट होती है इंक

भारत में जो नोट छपते हैं उनमें एक ही तरह की इंक का इस्तेमाल होता है. इस इंक के साथ ही नोट के पेपर को भी को इंपोर्ट किया जाता है. नासिक, मुंबई के छापेखाने में मशीनें 150 साल पुरानी हैं. आरबीआई 365 यूवी फेक मनी डिटेक्टर से नोट चेक करती है. पुराने नोट रेड कलर के और नए नोट ग्रीन कलर के होते हैं. लेकिन अब अगर बाई कलर होगा तो दिखेगा एक ही कलर लेकिन जब आप 365 के एंगल से देखेंगे तो दूसरा रंग होगा. आम लोग एक छोटी सी एलईडी से इसकी पहचान कर सकते हैं कि ये असली नोट है या नकली.

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इंक में है यह खूबी

– असली और नकली नोट की पहचान के लिए छोटी यूवी टौर्च बनाई गई है.

– 50 रुपये की यूवी LED लाइट आप कहीं भी ले जा सकते हैं.

– केवल नोट नहीं, पासपोर्ट, चेक बुक की सिक्योरिटी के लिए भी ये इंक इस्तेमाल होगी.

– विश्व में इस इंक का कंपोजिशन कोई बना नहीं सकता.

– इंक कई तरह के कलर की बन सकती है. इसकी लाइफ 40 साल तक होगी.

– एक बार में कई क्विंटल तक इंक तैयार की जा सकती है.

एनपीएल की यह इंक अन्य इंक से इसलिए अलग है क्योंकि यह दो रंग की होगी. इन दो कलर के अंदर जो पिगमेंट होगा उसका कंपोजिशन बनाना असंभव है. वो मिलकर एक तीसरा ही कलर बन जाएगा. अगर नोट में इसका इस्तेमाल होता है तो ये एक कलर नहीं बल्कि दो कलर का दिखाई देगा. एक तरफ अगर लाल रंग है तो दूसरी तरफ नीला. जब आप इसे यूवी टौर्च से देखेंगे तो एक कलर दूसरी ओर थोड़ा पलटेंगे तो दूसरा रंग दिखाई देगा. ऐसे में जो लोग नकली नोट छापते हैं उनके लिए इसके कंपोजिशन को समझना संभव नहीं है.

नासिक की नोट कंपनी Spmcil (security printing and mining corporation of india limited) के साथ एनपीएल ने एक समझौते पर करार किया है. इसके तहत एनपीएल इंक, कलर शिपिंग के प्रोडक्ट्स बनाएगी और फिर एसपीएमसीआईएल इसकी गुणवत्ता जांच करके इसे आगे इस्तेमाल के लिए आरबीआई के पास भेज सकता है. आपको बता दें कि आरबीआई ने साल 2015 में – 5,94,446, 2016-6,32,926, 2017-7,62072 जाली नोट बरामद किए हैं. पिछले दो साल के मुकाबले साल 2017 में फेक करेंसी में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है.

नया लैपटौप लेते समय इन बातों का रखें खास खयाल

अगर आप नया लैपटौप लेने जा रहे हैं तो एक बार हमारी इस खबर पर जरूर अपनी नजर डाल लें. आज हम आपको वो सभी जरूरी बात बताने जा रहे हैं जिसका ध्यान रखने के बाद आपको अपने पसंदीदा लैपटौप को खरीदने में आसानी होगी.

सही आपरेटिंग सिस्टम का चुनाव करना: आजकल बाजार में प्री-इन्स्टौल्ड आपरेटिंग सिस्टम वाले कई ब्रांड्स के लैपटाप मौजूद हैं. ऐसे में अगर हम सही आपरेटिंग सिस्टम वाले लैपटौप नहीं खरीदते हैं तो हमें उसमें फिर से नया आपरेटिंग सिस्टम डलवाना पड़ता है. ऐसे में बाद में हमें कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा लोकप्रिय आपरेटिंग सिस्टम में माइक्रोसौफ्ट के विंडोज 7, विंडोज 8, विंडोज 10 के अलावा, एप्पल के आइओएस 10 एवं 11, गूगल क्रोम ओएस, उबन्तु हैं. आप जिस आपरेटिंग सिस्टम पर आसानी से काम कर सकते हैं उस लैपटौप को चुनना आपके लिए बेहतर होगा.

सही डिस्प्ले साइज का चुनाव करना: कई लोग छोटे स्क्रीन साइज वाले लैपटौप खरीदना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोगों को बड़ी स्क्रीन वाले लैपटौप पसंद आते हैं. ऐसे में आप अपने सुविधा के मुताबिक अपने लैपटौप स्क्रीन का चुनाव कर सकते हैं.

सही की-बोर्ड का चुनाव: अगर आप लैपटौप पर ज्यादा काम करते हैं तो आप हमेशा सौलिड की-बोर्ड वाले लैपटौप लें, ऐसा इसलिए क्योंकि इससे आपके की-बोर्ड के जल्दी खराब होने की संभावना रहती है. वहीं अगर आप बिजनेस लैपटौप खरीदना चाहते हैं तो की-बोर्ड में जी और एच की के बीच में नब जरूर चेक कर लें. इस नब की मदद से आप अपनी उंगली आसानी से की-बोर्ड पर रख पाएंगे.

बैटरी की कर लें जांच: लैपटौप को पावर देने के लिए बैटरी की जरुरत होती है, इसलिए हमेशा बैटरी बैकअप के बारे में पता कर लेना जरूरी है. आमतौर पर लैपटौप में लिथियम आयन बैटरी लगी होती है. लिथियम-आयन बैटरी द्वारा संचालित होने वाले लैपटौप में इस्तेमाल होने वाले बैटरी की एमएएच जांच लें. जितनी ज्यादा एमएएच होगी उतना ही लंबा बैटरी भी बैकअप होगा.

सही प्रोसेसर और रैम का चुनाव: बाहरी स्पेसिफिकेशन के अलावा भी कई आंतरिक फीचर्स के बारे में भी लैपटौप खरीदने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए. अगर आप अपने इस्तेमाल के अनुरूप सही प्रोसेसर और रैम का चुनाव नहीं कर पाते हैं तो बाद में आपको परेशानी का सामना उठाना पड़ सकता है.

इसलिए लैपटौप खरीदने से पहले इसके प्रोसेसर और रैम के अलावा आंतरिक स्पेसिफिकेशन के बारे में जरूर जानकारी हासिल कर लें. इंटेल आई3, इटेल आई5 या इंटेल आई7 में से किसी एक प्रोसेसर का चुनाव कर सकते हैं. लेटेस्ट आपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो 4जीबी रैम वाले लैपटौप का चुनाव करना बेहतर विकल्प हो सकता है.

देहरादून क्रिकेट स्टेडियम मेजबानी के लिये तैयार, जानें क्या है खासियत

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के विशेष समिति की अंतिम जांच के बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार किए गए देहरादून इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया गया. आईसीसी समिति ने स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय पैमानों के अनुरूप पाया और अपनी जांच के बाद इस मैदान को खेल के तीनों प्रारुप में मैचों के आयोजन की मंजूरी दे दी. समिति ने इसमें खिलाड़ियों की सुविधाओं, मीडिया और प्रसारण आवश्यकताओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों को पाया.

उत्तराखंड की राजधानी में स्थित यह स्टेडियम रोलिंग पहाड़ियों और नदियों की पृष्ठभूमि के बिल्कुल सामने स्थित है. इस स्टेडियम में 25,000 दर्शकों के बैठने की सुविधा है.

इस स्टेडियम में मैदान के अलावा भी रेस्तरां, खुदरा, भोज हौल और सम्मेलन कक्ष समेत अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मानकों पर खरा उतरा है. इस स्टेडियम से आपातकाल में दर्शकों को महज 8 मिनट के भीतर निकाला जा सकता है.

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कोलाज डिजाइन द्वारा तैयार किया गया देहरादून अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भारत का पहला लीड (ऊर्जा और पर्यावरण डिजाइन) गोल्ड मानक स्टेडियम है. कोलाज डिजाइन, भारत की अग्रणी खेल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है. कोलाज डिजाइन ने पहले भी भारत में पहली बार हुए फीफा अंडर-17 विश्व कप के लिए सभी छह स्टेडियमों (गोवा, गुवाहाटी, कोच्चि, कोलकाता, नवी मुंबई और नई दिल्ली) पर काम किया था.

इस सुविधा के निर्माण में किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए, कोलाज डिजाइन के सीईओ और संस्थापक रामकुमार सुब्रमण्यम ने कहा, “यह स्टेडियम बनाने और खेल सुविधाओं को तैयार करना एक कठिन काम है. इसमें काफी मेहनत लगी है. यह विशेष स्टेडियम उत्तराखंड सरकार के साथ हमारे गठबंधन के हिस्सेदारी से बनाया गया था. सरकार की ये चाहत थी कि ये स्टेडियम विश्व स्तरीय सुविधा के साथ-साथ कला का भी प्रदर्शन करे. सरकार की इस चाहत की वजह से ही हमनें ये स्टेडियम बनाया.”

स्टेडियम को अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का घरेलू मैदान के तौर पर चुना गया है और तीन, पांच और सात जून 2018 को वह इसी मैदान पर बांग्लादेश के खिलाफ तीन टी-20 मैचों की सीरीज खेलेगी.

भारतीय खिलाड़ियों के शिकार के लिये अफगानी स्पिनर्स की फौज तैयार

भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने जा रही अफगानिस्तान ने अपने पहले टेस्ट मैच के लिए 16 सदस्यी टीम का ऐलान कर दिया है. भारतीय बल्लेबाजों का मुकाबला करने लिए अफगानिस्तान ने स्पिनरों की ‘फौज’ तैयार की है. दुनिया के शीर्ष टी 20 गेंदबाज राशिद खान 14 जून से बेंगलुरू में भारत के खिलाफ शुरू होने वाले ऐतिहासिक एकमात्र टेस्ट मैच में अफगानिस्तान की 16 सदस्यी मजबूत टीम में स्पिन विभाग की अगुवाई करेंगे. टीम में चार स्पिन गेंदबाजों को जगह मिली है. यह टेस्ट मैच 14 से 18 जून के बीच बेंगलुरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा.

आईपीएल में सनसनी फैलाने वाले राशिद खान और युवा मुजीब उर रहमान के अलावा दो अन्य स्पिनर ‘चाइनामैन’ जहीर खान और आमिर हमजा होटक को असगर स्टैनिकजई की अगुवाई वाली टीम में शामिल किया गया है. राशिद और मुजीब ने छोटे प्रारुप में अपनी प्रतिभा से पूरी दुनिया को प्रभावित किया, लेकिन दोनों को अब टेस्ट क्रिकेट में अलग तरह की चुनौती का सामना करना होगा. दोनों में से अभी तक राशिद ने चार प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, जबकि मुजीब का अभी लंबे प्रारुप में खेलना बाकी है.

राशिद-मुजीब पर रहेंगी निगाहें

मुजीब जादरान और राशिद खान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेल कर आ रहे हैं. राशिद उपविजेता बनी सनराइजर्स हैदराबाद की टीम का अहम हिस्सा थे तो वहीं मुजीब को किंग्स इलेवन पंजाब के साथ खेलने का मौका मिला था. दोनों ने ही अपनी गेंदबाजी से सभी को हैरान कर दिया था. सभी की निगाहें खासकर राशिद खान पर टिकी होंगी, जिन्हें भारतीय महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने ‘विश्व कप सर्वश्रेष्ठ टी-20 गेंदबाज’ करार किया था.

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चोट की वजह से IPL से बाहर हो गए थे जहीर

जहीर खान भी दो साल बाद वापसी कर रही राजस्थान रौयल्स के साथ थे, लेकिन उंगली में चोट के कारण वह आईपीएल से बाहर हो गए थे. वह इसी साल अंडर-19 विश्व कप के सेमीफाइनल में खेलने वाली अफगानिस्तान टीम का हिस्सा थे.

टीम की कमान संभालेंगे असगर स्टानिकजाई

टीम की कमान असगर स्टानिकजाई को मिली है जो टेस्ट से पहले बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली तीन टी-20 मैचों की सीरीज में भी टीम की कमान संभालेंगे. अफगानिस्तान ने टी-20 के लिए युवा टीम का चयन किया है. टीम में अंडर-19 टीम के सदस्य दारविश रसूली को पहली बार चुना गया है. वहीं घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले नजीब ताराकई को 15 महीने बाद टीम में बुलाया गया है.

मोहम्मद नबी, मोहम्मद शहजाद संभालेंगे बल्लेबाजी की कमान

बल्लेबाजी की जिम्मेदारी मुख्य रूप से कप्तान स्टैनिकजई, सलामी बल्लेबाज मोहम्मद शहजाद और ऑलराउंडर मोहम्मद नबी पर होगी. टीम के खिलाड़ियों का अनुभव मिलाकर 205 प्रथम श्रेणी मैच हैं. केवल चार खिलाड़ियों को 20 से ज्यादा प्रथम श्रेणी मैचों का अनुभव है. नबी आईपीएल के दो सत्र में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल चुके हैं. उन्होंने सबसे ज्यादा 32 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं.

राशिद खान करेंगे स्पिन विभाग की अगुवाई

अफगानिस्तान को हल्के में नहीं ले सकते’

भारत के कार्यवाहक कप्तान अंजिक्य रहाणे ने कहा, ‘‘राशिद खान सचमुच बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं. विशेषकर छोटे प्रारुप टी-20 में. उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद के लिए शानदार प्रदर्शन किया. वह बेहतरीन गेंदबाज है और हर किसी को इसे स्वीकार करना और इसका सम्मान करना चाहिए. अफगानिस्तान को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि क्रिकेट में और आम तौर पर जिंदगी में आप किसी भी चीज को हल्के में नहीं ले सकते. ’’

खलेगी दौलत जादरान की कमी

अफगानिस्तान को अपने अनुभवी तेज गेंदबाज दौलत जादरान की कमी खलेगी, जो चोटिल होने के कारण बाहर हो गए हैं. जादरान के नाम 105 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 137 विकेट हैं. वह 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं. जादरान के चोटिल होने के बाद तेज गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारी यामिन अहमदजई वफादार और सैयद अहमद शिरजाद पर होगी.

टेस्ट से पहले ऋद्धिमान साहा भी हुए चोटिल

आईपीएल के 11वें संस्करण के दूसरे क्वालीफायर में चोटिल हुए भारतीय टेस्ट टीम के नियमित सदस्य ऋद्धिमान साहा को अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले टेस्ट मैच से पहले फिट होने में समय लगेगा. साहा टीम में इकलौते विकेटकीपर हैं. अगर वह बाहर होते हैं तो दिनेश कार्तिक या पार्थिव पटेल को टीम में शामिल किया जा सकता है.

अफगानिस्तानी टीम इस प्रकार है  

टेस्ट टीम : असगर स्टानिकजाई (कप्तान), जावेद अहमदी, इशानुउल्लाह, मोहम्मद शहजाद (विकेटकीपर), मुजीब उर रहमान, नासीर जमाल, रहमत शाह, हाश्तमुल्लाह शाहीदी, अफसर जाजई, मोहमम्मद नबी, राशिद खान, आमिर हमजा, सयैद शिरजाद, यामिन एहमदजाई, वफादार, जहीर खान.

अब अनचाही फोन कौल और मैसेज पर लगेगी लगाम

अगर आप बार बार अवांछित फोन कौल और मैसेज से परेशान हैं तो अब बेहद जल्द ही इससे राहत मिलने वाली है. खबरों के मुताबिक ग्राहकों को परेशान करने वाली टेलीमार्केटिंग कंपनियों के लिए अब ऐसा करना कठिन होगा. क्योंकि यदि वे ऐसा करती पाई गईं तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई ने इन कंपनियों को रास्ते पर लाने के लिए ब्लौकचेन तकनीक अपनाने का निर्णय लिया है. साथ ही जनता से इन पर 11 जून तक राय मांगी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह तकनीक केवल अधिकृत कंपनियों को सेवा लेने के इच्छुक उपभोक्ताओं को ही सही वक्त और उचित संख्या में कौल या मैसेज करने की अनुमति देती है.

प्रस्तावित नियमों के अनुसार यदि कोई टेलीमार्केटिंग कंपनी एक माह में 100 से ज्यादा कौल या मैसेज करती है तो उस पर प्रति कौल 1000 रुपए का अर्थ दंड लगेगा. 100 से 1000 तक कौल या मैसेज करने पर कम से कम एक लाख रुपए होगा. इसके अतिरिक्त 5000 रुपए प्रति कौल या मैसेज जुर्माना देना होगा. एक हजार से ज्यादा कौल या मैसेज की दशा में 46 लाख रुपए जुर्माना होगा. इसके अतिरिक्त प्रति कौल 10 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा.

ट्राई के सचिव एस. के. गुप्ता ने बताया कि ग्राहकों का ब्योरा प्राप्त करने के लिए कई टेलीमार्केटिंग कंपनियां टेलीकौम कंपनियों के साथ पंजीकरण करवाती हैं. परंतु नई तकनीक लागू होने से केवल उस अधिकृत एजेंसियों को और वह भी उसी वक्त इस तरह के पंजीकरण का मौका मिलेगा, जब सेवा प्रदान की जानी होगी और वे केवल उन्हीं ग्राहकों को कौल या मैसेज भेज सकेंगी, जिन्होंने सेवा प्राप्त करने की स्वीकृति दी होगी. अनुमति नहीं होने पर अधिकृत टेलीमार्केटिंग कंपनियां भी ग्राहक को बार-बार अवांछित कौल नहीं कर सकेंगी. हो सकता है कि किसी ग्राहक ने किसी कंपनी को सेवा प्रदान करने की स्वीकृति दी हो. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि वह कंपनी बार-बार फोन या मैसेज कर उसे तंग करे.

ट्राई के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “ब्लौकचेन दो चीजें सुनिश्चित करेगी. पहली, केवल अधिकृत कंपनियां ही ग्राहकों का ब्योरा प्राप्त कर सकेंगी. दूसरी, यह ब्योरा उन्हें तभी प्राप्त होगा जब उन्हें किसी ग्राहक को सेवा प्रदान करनी होगी. जो मोबाइल उपभोक्ता किसी कंपनी के उत्पाद अथवा सेवा के ग्राहक नहीं हैं अथवा जिन्हें इन उत्पादों अथवा सेवाओं की रुचि नहीं है, उन तक टेलीमार्केटिंग कंपनियों की पहुंच नहीं हो सकेगी.”

नए नियमों के तहत यदि कोई कंपनी ऐसा करती है तो ग्राहक ट्राई के विशेष ऐप के जरिए अपनी स्वीकृति को रद्द कर सकेगा. ग्राहक की स्वीकृति थर्ड पार्टी कंपनी की ओर से रिकौर्ड की जाएगी और इसे तभी मान्यता मिलेगी जब इसकी पुष्टि कर दी जाएगी.

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