अगर आप बार बार अवांछित फोन कौल और मैसेज से परेशान हैं तो अब बेहद जल्द ही इससे राहत मिलने वाली है. खबरों के मुताबिक ग्राहकों को परेशान करने वाली टेलीमार्केटिंग कंपनियों के लिए अब ऐसा करना कठिन होगा. क्योंकि यदि वे ऐसा करती पाई गईं तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई ने इन कंपनियों को रास्ते पर लाने के लिए ब्लौकचेन तकनीक अपनाने का निर्णय लिया है. साथ ही जनता से इन पर 11 जून तक राय मांगी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह तकनीक केवल अधिकृत कंपनियों को सेवा लेने के इच्छुक उपभोक्ताओं को ही सही वक्त और उचित संख्या में कौल या मैसेज करने की अनुमति देती है.
प्रस्तावित नियमों के अनुसार यदि कोई टेलीमार्केटिंग कंपनी एक माह में 100 से ज्यादा कौल या मैसेज करती है तो उस पर प्रति कौल 1000 रुपए का अर्थ दंड लगेगा. 100 से 1000 तक कौल या मैसेज करने पर कम से कम एक लाख रुपए होगा. इसके अतिरिक्त 5000 रुपए प्रति कौल या मैसेज जुर्माना देना होगा. एक हजार से ज्यादा कौल या मैसेज की दशा में 46 लाख रुपए जुर्माना होगा. इसके अतिरिक्त प्रति कौल 10 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा.
ट्राई के सचिव एस. के. गुप्ता ने बताया कि ग्राहकों का ब्योरा प्राप्त करने के लिए कई टेलीमार्केटिंग कंपनियां टेलीकौम कंपनियों के साथ पंजीकरण करवाती हैं. परंतु नई तकनीक लागू होने से केवल उस अधिकृत एजेंसियों को और वह भी उसी वक्त इस तरह के पंजीकरण का मौका मिलेगा, जब सेवा प्रदान की जानी होगी और वे केवल उन्हीं ग्राहकों को कौल या मैसेज भेज सकेंगी, जिन्होंने सेवा प्राप्त करने की स्वीकृति दी होगी. अनुमति नहीं होने पर अधिकृत टेलीमार्केटिंग कंपनियां भी ग्राहक को बार-बार अवांछित कौल नहीं कर सकेंगी. हो सकता है कि किसी ग्राहक ने किसी कंपनी को सेवा प्रदान करने की स्वीकृति दी हो. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि वह कंपनी बार-बार फोन या मैसेज कर उसे तंग करे.
ट्राई के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “ब्लौकचेन दो चीजें सुनिश्चित करेगी. पहली, केवल अधिकृत कंपनियां ही ग्राहकों का ब्योरा प्राप्त कर सकेंगी. दूसरी, यह ब्योरा उन्हें तभी प्राप्त होगा जब उन्हें किसी ग्राहक को सेवा प्रदान करनी होगी. जो मोबाइल उपभोक्ता किसी कंपनी के उत्पाद अथवा सेवा के ग्राहक नहीं हैं अथवा जिन्हें इन उत्पादों अथवा सेवाओं की रुचि नहीं है, उन तक टेलीमार्केटिंग कंपनियों की पहुंच नहीं हो सकेगी.”
नए नियमों के तहत यदि कोई कंपनी ऐसा करती है तो ग्राहक ट्राई के विशेष ऐप के जरिए अपनी स्वीकृति को रद्द कर सकेगा. ग्राहक की स्वीकृति थर्ड पार्टी कंपनी की ओर से रिकौर्ड की जाएगी और इसे तभी मान्यता मिलेगी जब इसकी पुष्टि कर दी जाएगी.