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दोस्त सुझाने के लिए आपकी जासूसी कर रहा है फेसबुक?

क्या आपने ध्यान दिया है कि आपको फेसबुक पर "People you may know" फीचर में ऐसी प्रोफाइल्स दिखती हैं, जिनका चेहरा तो आप पहचान जाते हैं, मगर नाम याद नहीं आता? शायद ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि फेसबुक यह नजर रखता है कि आप कहां-कहां गए थे. आपके फोन की लोकेशन के आधार पर वह आपको उन लोगों को ऐड करने का सुझाव देता है.

यह फीचर इतना सटीक है कि यूजर्स को इससे हैरानी भी होती है और चिंता भी. टेक वेबसाइट Fusion की रिपोर्ट कहती है, 'लोगों के स्मार्टफोन की लोकेशन ट्रैक करने के बाद फेसबुक उन लोगों को सजेस्ट करता है, जो उनकी वाली ही लोकेशन पर मौजूद रहे हों. इसीलिए आपको कई बार लोगों का चेहरा याद आ जाता है, मगर नाम नहीं. ऐसा इसलिए, क्योंकि आपने उन्हें किसी खास जगह पर देखा होता है, मगर उनसे आपका परिचय नहीं होता.'

फेसबुक हमेशा यूजर की लोकेशन की जानकारी रखता है. मगर फेसबुक का कहना है कि इस तरह के सजेशन मिलने के लिए जरूरी नहीं कि यही वजह है. फेसबुक का कहना है कि और भी वजहों से यूजर्स को यह सजेशन मिल रहे हैं. फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, 'अगर किसी को सजेशन मिलता है तो समझिए कि दोनों के बीच कोई न कोई चीज कॉमन होगी. उनका नेटवर्क भी एक हो सकता है. लोकेशन इन्फर्मेशन यह नहीं दिखाती कि दो लोग दोस्त हैं या नहीं. इसलिए यही एकमात्र फैक्टर नहीं हो सकता सजेशन देने के लिए.'

अगर आपको इस खबर से किसी तरह की शंका हो रही है तो आप फेसबुक को लोकेशन का ऐक्सेस रोक सकते हैं. इसके लिए फोन की प्रिवेसी सेटिंग्स में जाना होगा.

हार्ड डिस्क करप्ट होने से ऐसे रोकें

जब हम अपने लैपटॉप या पीसी पर काम करते हैं तो सबसे बेहतर रास्ता अपना डाटा सेव करने का हार्ड डिस्क ही होती है. वो इसलिए क्योंकि उसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है. इसके अलावा हार्ड डिस्क से ज्यादा बेहतर आज के समय में एसएसडी यानि सॉलिड स्टेट ड्राइवर्स माने जाते हैं. जाहिर सी बात है कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है तो खराब होने की संभावना भी बहुत होती है. लेकिन आपको पता कैसे चलेगा कि आपकी डिवाइस खराब होने की कगार पर है.

एसएसडी, पावर सप्लाई से संबंधित होता है जिसके चलते अगर बिजली मे कोई दिक्कत आती है तो आपका एसएसडी खराब हो सकता है. इसके तहत आपका सेव डाटा करप्ट हो सकता है. वहीं, हार्ड डिस्क्स में इंटरनल परेशानियां काफी देखने को मिल जाती है. ऐसे में हम आपको कुछ साइन्स बता रहे हैं जिनसे आपको पता चलेगा की आपकी हार्ड डिस्क खराब होने वाली है.

1- जब आप अपनी हार्ड डिस्क को कनेक्ट करेंगे तो आपके सामने एक एरर मैसेज आएगा. हार्ड डिस्क को स्कैन करने से आपके सामने आपकी फाइल्स ओपन होंगी जिन्हें आप न तो एडिट कर सकते हैं और न ही खोल सकते हैं. ऐसे में आप समझ जाइए कि आपकी हार्ड डिस्क खराब होने वाली है.

2- जब आप अपने लैपटॉप या पीसी पर काम कर रहे हों और आपकी कोई भी फाइल लोड न हो. तो समझ जाइए की आपकी हार्ड डिस्क में कोई परेशानी आ रही है और उसे ठीक करने की जरुरत है.

3- अगर आपका सिस्टम बार-बार रीबूट हो रहा हो और रीबूट होने के बाद फिर से एक ही स्क्रीन नजर आ रही हो तो समझ जाइए की आपका सिस्टम बेकार हालात की तरफ बढ़ा रहा है.

4- अगर आप अपने सिस्टम में कोई भी फाइल सेव नहीं कर पा रहे हैं तो आपको दूसरी हार्ड डिस्क खरीदने की जरुरुत पड़ सकती है.

तो इस मामले में भारत को मिला 105वां स्थान

भारत विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ताजा मानव पूंजी सूचकांक में 130 देशों की सूची में नीचे 105वें स्थान पर है. इस सूची में फिनलैंड शीर्ष पर है. यह सूचकांक इस बात का संकेत है कि कौन सा देश अपने लोगों के पालन पोषण, शिक्षण-प्रशिक्षण और विकास तथा प्रतिभाओं के उपयोग में कितना आगे है.

जिनीवा के गैर सरकारी संगठन, वैश्विक आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने यहां ‘नये चैम्पियन’ नाम से कराए जाने वाले वार्षिक सम्मेलन में यह रपट जारी की. तियांजिन सम्मेलन को ग्रीष्मकालीन दावोस शिखर बैठक कहा जाता है. डब्ल्यूईएफ की इस बैठक में चीन 71वें स्थान और पाकिस्तान 118वें स्थान पर रखा गया है. बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका सूचकांक में काफी ऊपर हैं. चीन के इस शह में होने वाले सम्मेलन को ‘गर्मियों का दावोस’ सम्मेलन भी कहा जाता है.

पाकिस्तान 118वें स्थान पर है. मंच ने भारत को 105वें स्थान पर रखते हुए कहा है कि देश ने अपनी मानव पूंजी की संभावनाओं का सिर्फ 57 प्रतिशत ही इस्तेमाल कर पा रहा है. भारत पिछले साल इस सूचकांक में शामिल 124 देशों में 100वें स्थान पर था.

मंच ने कहा है कि विभिन्न आयु वर्गों में शिक्षा के क्षेत्र में भारत की ‘उपलब्धियां बढ़ी हैं’ पर इसकी युवा साक्षता दर अभी सिर्फ 90 प्रतिशत है. इस मामले में भारत का विश्व में 103वां स्थान है और अन्य प्रमुख उभरते बाजारों से नीचे है. रपट में कहा गया है, भारत श्रम बल में महिलाओं की भागीदार में काफी पीछे है और ऐसा आंशिक तौर पर विश्व में रोजगार के मामले में स्त्री-पुरूष असमानता के मामले में अंतर अधिक होने के कारण है.

सकारात्मक पक्ष यह है कि भारत को शैक्षणिक प्रणाली (39वां) की गुणवत्ता के लिहाज से बेहतर स्थान मिला है. इसके अलावा कर्मचारी प्रशिक्षण में 46वें और कुशल कर्मचारियों उपलब्धता से जुड़े संकेतक में 45वें स्थान पर है. रपट में यह भी स्पष्ट किया गया कि भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में डिग्रीधारकों की संख्या करीब 7.8 करोड़ है जबकि चीन में इनकी संख्या करीब 25 लाख है.

डब्ल्यूईएफ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर लोगों के जीवन काल में शैक्षणि, कौशल विकास और नियुक्ति के जरिए विश्व के सिर्फ 65 प्रतिशत प्रतिभा का सबसे अच्छे तरीके से इस्तेमाल हो पाता है. इस सूचकांक में फिनलैंड, नार्वे और स्विट्जरलैंड शीर्ष तीन स्थान पर हैं जो अपनी मानव पूंजी का 85 प्रतिशत तक उपयोग करते हैं. जहां तक 55 साल से इससे अधिक उम्र की प्रतिभाओं के इस्तेमाल का सवाल है जापान इसमें आगे है.

धोनी बना सकते हैं वर्ल्ड रिकॉर्ड

न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम चार साल बाद भारत दौरे पर आ रही है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस दौरे का कार्यक्रम भी जारी कर दिया. भारत और न्यूजीलैंड के बीच 22 सितंबर से 12 अक्टूबर तक टेस्ट सीरीज खेली जाएगी और उसके बाद 16 अक्टूबर से शुरू होगी वनडे सीरीज. वनडे और टी-20 कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए यह सीरीज कुछ ज्यादा ही खास हो सकती है.

धोनी के पास इस सीरीज के जरिए एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का मौका होगा. अगर 16 अक्टूबर को धर्मशाला में होने वाले वनडे मैच में धोनी ही टीम इंडिया की कमान संभालते हैं तो वो सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैचों में कप्तानी का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डालेंगे. धोनी फिलहाल 324 इंटरनेशनल मैचों में कप्तानी कर चुके हैं और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग के बराबरी पर खड़े हैं.

धोनी ने अपने कॅरियर में 60 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की अगुवाई की जबकि वह अब तक 194 वनडे और 70 टी-20 मैचों में कप्तानी कर चुके हैं.

कंफर्म तत्‍काल टिकट पाने के आसान तरीके

ऑनलाइन टिकट बुक करना बहुत आसान होता है. पर जब जरूरत ज्यादा हो तब सावधानी भी बरतनी पड़ती है. बात तत्‍काल टिकट की हो रही है. इसकी जरूरत उस समय पड़ती है जब यात्रा पहले से तय नहीं होती है और एक दो दिन में आपको कहीं जाना है.

बस 3-4 मिनट का खेल है

अगर आपके पास रिजर्वेशन नहीं हैं तो आप तत्‍काल बुकिंग के जरिए अपना टिकट बुक कर सकते हैं. लेकिन, यह इतना आसान काम नहीं है. क्यों कि सारा खेल कुछ ही मिनटों का होता है. यह बस 3-4 मिनट का खेल है और इसलिए आप तत्‍काल टिकट बुक करते समय कितने सजग सावधान और तैयार हैं इसमें आपकी सफलता का राज छिपा है.

तत्काल टिकट बुकिंग का नया समय

फिलहाल नए नियमों के मुताबिक एसी कोच के लिए तत्काल टिकटों की बुकिंग सुबह 10 से 11 बजे तक होती है और स्लीपर कोच की बुकिंग सुबह 11 बजे से 12 बजे तक होती है.

ऐसे करें तैयारी : नोटपैड की फाइल खोलें

ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए सबसे पहले अपने कंप्यूटर, लैपटॉप में टिकट बुक करने से पहले नोटपैड की फाइल खोल कर रखें. उसमें बुकिंग से संबधित सारी जानकारी भर लें ताकि बाद में आपको फार्म भरने में समय न लगे. आप कॉपी पेस्ट का सहारा लेकर चंद सेकेंड में यह प्रक्रिया पूर कर सकते हैं.

साइट पर है ये सुविधा

इसके अलावा आईआरसीटीसी की साइट पर पैसेंजर लिस्ट सेव करके रखने का ऑपशन भी उपलब्ध है. यह मास्टर लिस्ट, ट्रैवल लिस्ट के जरिए संभव है और आप इसे जरूरत के हिसाब से बदल भी सकते हैं. यदि उसका प्रयोग करना चाहें तो यह भी एक अच्छा तरीका साबित हो सकता है.

15 मिनट पहले लॉगिन करें

ध्यान रहे, ऑनलाइन तत्‍काल बुकिंग शुरू होने से करीब 15 मिनट पहले आप लॉगिन कर लें. उसके बाद सारी साइट में लॉग इन करने से पहले सर्वर में लॉगिन का समय नोट कर लें. ख्याल रहे, यह समय आपके पीसी के समय से अलग होता है. यह आप आईआरसीटीसी की साइट पर लॉगिन करते ही साइट के मेन नेविगेशन बार में देख सकते हैं. (नीले रंग की मोटी पट्टी पर समय और तारीख दोनों दिखाया जाता है)

सारी सूचनाएं भर कर तैयार हो जाएं

यह सब करने के बाद जरूरी स्थान पर सारी जानकारी भर कर तैयार हो जाएं. जैसे आईआरसीटीसी के फार्म में सोर्स, डेस्टीनेशन, यात्रा की तारीख, क्लास आदि जानकारी भर लें. यह सब करने के बाद परीक्षा की घड़ी आरंभ हो जाती है. अब आप बुक करने वाले ऑप्‍शन पर कई बार क्लिक करें ताकि जैसे ही तत्‍काल ऑप्‍शन खुले आपका टिकट बुक हो जाए.

पैसेंजर डिटेल पेज पर ज्यादा समय न बिताएं

कंप्यूटर के जानकार बताते हैं कि यह आप ध्यान रखें कि पैसेंजर डिटेल पेज पर आप ज्यादा समय न बिताएं, पहली बार समय बिताने वाले को आसान कैप्चा कोड मिलता जबकि कई बार समय बिता चुके लोगों को कठिन कोड मिलता है. कई बार इस समझने में समय खराब हो जाता है. और फिर कंफर्म टिकट की संभावना कम हो जाती है.

60 प्रतिशत लोग कैप्चा कोड लिखने में करते हैं गलती

जानकार बताते हैं कि करीब 60 प्रतिशत लोग, कैप्चा कोड पहली बार में सही नहीं भर पाते हैं और इसलिए कंफर्म टिकट पाने से वंचित रह जाते हैं क्योंकि दोबारा कैप्चा कोड आने और भरने में करीब 20-30 सेकेंड का समय बरबाद हो जाता है.

इंटरनेट स्पीड अच्छी रखें

एक अन्य बात जिसका विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वह आपके इंटरनेट की स्पीड अच्छी हो. पता चला कि आपने सारी प्रक्रिया तो बड़ी तेजी और तत्परता से पूरी की लेकिन आपके इंटरनेट की स्पीड सही नहीं है तब भी टिकट की चाहत, चाहत बनकर ही रह जाएगी. कहा जाता है कि अच्छी इंटरनेट स्पीड के साथ टिकट बुक करने में केवल 20 सेकेंड लगते हैं. सही तो यह माना जाता है कि कम से कम आप 2 एमबीपीएस स्पीड का इंटरनेट कनेक्शन रखें.

एक समय पर रेलवे की साइट पर ही रहें

इस बात का ख्याल रखें कि जब टिकट बुक कर रहे हैं तब केवल एक ही साइट पर काम हो रहा हो. यानि आप किसी सोशल साइट या अन्य साइट पर न हों. इससे स्पीड गिरने की संभावना बनी रहेगी.

सही ब्राउजर का करें चयन

तकनीक के जानकार बताते हैं कि फायरफॉक्स का ब्राउजर अच्छा है, लेकिन कंप्यूटर पर रैम को ज्यादा यूज करता है. लेकिन गूगल क्रोम भी एक अच्छा ऑपशन है.

अब व्हाट्सएप पर शेड्यूल करें मैसेज

अब आपको किसी दोस्त को जन्मदिन या शादी की सालगिरह पर बधाई देने के लिए 12 बजे तक उठे रहने की जरुरत नहीं होगी. क्योंकि अब आप व्हाट्सएप पर मैसेज शेड्यूल कर सकते हैं. साथ ही यदि आपको भूलने की आदत है लेकिन आप किसी को जरुरी मैसेज किसी तय समय पर ही करना चाहते हैं तब भी इसका इस्तेमाल कर अपनी परेशानी को दूर किया का सकता है. एंड्रायड और iOS यूजर्स दोनों के लिए ही ये सुविधा उपलब्ध है.

व्हाट्सएप पर कई तरह के फीचर्स पहले से हैं, साथ ही कई शानदार फीचर्स समय समय पर जुड़ते भी रहते हैं. लेकिन व्हाट्सएप पर अब आपको व्हाट्सएप पर अब तक की सबसे बढ़िया सुविधा मिलने वाली है. जो कि है मैसेज शेड्यूल करने की.

शेड्यूल व्हाट्सएप मैसेज

इसके लिए आपको सबसे पहले अपने फोन में एक थर्ड पार्टी एप शेड्यूल व्हाट्सएप मैसेज डाउनलोड करनी होगी. इसे डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें.

पेंसिल का आइकॉन

एप इंस्टॉल करने के बाद यह आपसे सुपरयूजर का एक्सेस मांगेगा, आप इसे अनुमति दें. अब आपको स्क्रीन पर दाएं ओर एक पेंसिल का आइकॉन मिलेगा, उस पर क्लिक करें.

कांटेक्ट सेलेक्ट करें

अब आपको जिसे व्यक्ति को मैसेज भेजना है उसका कांटेक्ट सिलेक्ट करना है. वहीं नीचे आप मैसेज लिख सकते हैं.

टाइम सेट करें

अब आप टाइम सेट कर दें. टाइम सेट करने के बाद नीचे दिए एड बटन पर क्लिक करें आपका मैसेज शेड्यूल हो जाएगा.

मैसेज शेड्यूल हो गया है

आपका शेड्यूल मैसेज सेट किए हुए टाइम पर सेलेक्ट किए हुए व्यक्ति को पहुंच जाएगा.

शिरीष कुंडेर के समर्थन में बोले मनोज बाजपेयी

‘‘जोकर’’ जैसी असफल फिल्म के निर्देशक शिरीष कुंडेर अपनी नई लघु फिल्म ‘‘कृति’’ को लेकर जबरदस्त शोहरत बटोर रहे हैं. लघु फिल्म ‘‘कृति’’ में मनोज बाजपेयी और राधिका आप्टे की मुख्य भूमिका है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उनकी फिल्म की तारीफ कर चुके हैं. लेकिन फिल्म ‘‘कृति’’ के यूट्यूब पर रिलीज होने के दो दिन बाद जैसे ही नेपाली फिल्मकार अनिल न्यूपाने ने शिरीष कुंडेर पर आरोप लगाया कि शिरीष ने उनकी फिल्म ‘बीओबी’ की चोरी की, वैसे ही सब चुप हो गए.

अब तक बौलीवुड का एक भी शख्स शिरीष कुंडेर के समर्थन में आगे नही आया. पर विवाद पैदा होने के दो दिन बाद शिरीष कुंडेर ने नेपाली फिल्मकार अनील न्यूपाने को कानूनी नोटिस भेजकर माफी मांगने के लिए कहा है. अन्यथा मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही है. शिरीष कुंडेर का दावा है कि उनकी फिल्म ‘‘कृति’’ मौलिक फिल्म है.

इस सारे विवाद पर ‘‘सरिता’’ पत्रिका ने फिल्म ‘‘कृति’’ में मुख्य भूमिका निभा चुके अभिनेता मनोज बाजपेयी से बात की. मनोज बाजपेयी ने कहा-‘‘पता नहीं इन जनाब को कहां से लग गया कि उनकी फिल्म की चोरी की गयी है. उन्होने मई माह में अपनी फिल्म ‘यूट्यूब’पर लोड की है और हमने उससे पहले अपनी फिल्म बना ली थी. उनका दावा है कि फरवरी माह में उन्होने ‘वीमियो’ पर अपने निजी दोस्तों के लिए फिल्म को लोड किया था. शिरीष कुंडेर न तो उनका दोस्त है और न उनका किसी तरह से जुड़ाव है. फिर उन्होंने यह भी कहा है कि वह मुंबई आए थे. वह कहां कहां घूमे हैं, पता नही. पर हमारी फिल्म की स्क्रिप्ट कई माह से कईयों के पास थी.

अब शिरीष कुंडेर ने मानहानि का नोटिस इन सज्जन को भेजा है. यह सच को उजागर करने का मसला हो गया है. यह नोटिस शिरीष कुंडेर ने यह सोचकर भेजा है कि यह लड़ाई बहुत दूर तक लेकर जाएंगे. अब यह बात बहुत बड़ी हो गयी है, क्योंकि शिरीष कुंडेर के चाहने वाले ज्यादा है नहीं. उसके दुश्मन ज्यादा हैं. तो उन्होने इस बात को बहुत बढ़ा दिया और हमारे कुछ एक नेपाली मित्रों को लगा कि यह मौका है किसी पर चढ़ने का, तो वह चढ़ गए. मैं यह कहूंगा कि भाई, जो बार बार चिल्ला चिल्ला कर शिरीष को गलत कह रहे हैं. वह शिरीष की बात पर गौर करें. शिरीष ट्विटर पर लिखता है, ‘जिसे सत्य पाना है, वह तथ्यों में भी सत्य पा लेगा. लेकिन जिसको सिर्फ नकारना है, वह तथ्यों में भी नकारता रहेगा. उसके लिए सत्य मायने नहीं रखते.’ जो पहले पर राजी है, वह राजी हो जाए, जिन्हे दूसरे पर जाना है, वह नकारता रहे.’’

मनोज बाजपेयी ने आगे कहा- ‘‘आज ‘कृति’ के दर्शक तीस लाख की संख्या पर पहुंच चुके हैं. यह अपने आप में अतुलनीय है. जबकि नेपाली फिल्म को पहले सिर्फ तीन हजार दर्शक मिले थे. उन्होने जो विवाद पैदा किया, उससे यह हुआ कि उनके दर्शक बढ़कर सत्तर हजार हो गए. इस विवाद से फायदा तो उनका हुआ. इसीलिए उन्होने यह काम किया था. अनावश्यक रूप से यह आरोप लगाना कि हमारी फिल्म की तरह उनकी फिल्म में दीवार पर घड़ी थी और हमारी फिल्म में उनकी फिल्म की ही तरह सायक्रेटिक की दीवार पर प्रमाणपत्र लगा है. यह गलत है. आप खुद बताइए कि एक सायक्रेटिक के आफिस को और किस तरह से दिखाया जाता.’’

मनोज बाजपेयी यहीं पर नहीं रूके. उन्होने आगे कहा-‘‘तो यह सोचा समझा एक विवाद खड़ा किया गया. ताकि वह अपने आपको फायदा पहुंचा सके. बाकी तो अब वह नोटिस का जवाब देंगे. नोटिस का जवाब नहीं देंगे, तो अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर होगा.’’

क्या शिरीष कुंडेर हार गए शुरुआती लड़ाई

नेपाली फिल्मकार अनील न्यूपाने और भारतीय फिल्मकार शिरीष कुंडेर के बीच फिल्म की चोरी का मसला क्या रंग लाएगा, यह अभी कहना बड़ा मुश्किल है. 22 जून को शिरीष कुंडेर ने मनोज बाजपेयी व राधिका आप्टे के अभिनय से सजी अपनी लघु फिल्म ‘‘कृति’’ को यूट्यूब पर लोड किया था. 24 जून को नेपाली फिल्मकार अनील न्यूपाने ने शिरीष कुंडेर के नाम ट्विटर व फेसबुक पर खुला पत्र लिखकर आरोप लगाया कि शिरीष ने उनकी फिल्म ‘‘बीओबी’’ की चोरी की है, जो कि उन्होंने अपने मित्रों के लिए फरवरी माह में ‘वीमियो’ पर डाली थी.

शिरीष कुंडेर ने ट्विटर पर इन आरोपों को सिरे से खारिज किया. पर ट्विटर व फेसबुक पर शिरीष के खिलाफ बहुत से लोग बयान लेकर आ गए. तब सोमवार, 27 जून को शिरीष कुंडेर ने नेपाली फिल्मकार अनील न्यूपाने को कानूनी नोटिस भेजी. यह कानूनी नोटिस अनील न्यूपाने को मिली या नही, पता नहीं. शिरीष कुंडेर ने अपने इस नोटिस में लिखा है-‘‘आपकी बात मान ले कि दोनों फिल्में एक समान है तो हो सकता है कि आपने हमारी फिल्म की चोरी की हो. क्योंकि हमारी फिल्म की पटकथा कई लोगों के पास थी.

मंगलवार, 28 जून देर रात ‘‘यूट्यूब’’ ने शिरीष कुंडेर की फिल्म ‘‘कृति’’ को हटा दिया. उस जगह पर ‘यूट्यूब’ने लिखा है-‘‘दिस वीडियो इज नो लांगर अवेलेबल ड्यू टू ए कापीराइट क्लेम बाय अनील न्यूपाने.’’ यानी कि अनील न्यूपाने द्वारा कापीराइट का आरोप लगाए जाने पर यह वीडियो हटाया गया.

कापीराइट के मसले पर जब ‘यूट्यूब’ किसी फिल्म को हटा देता है, तो इसके मायने होते हैं कि ‘यूट्यूब’ ने उसे दोषी मान लिया है. इतना ही नही अब ‘यूट्यूब’ से फिल्म ‘कृति’ के लिए शिरीष को एक पैसा नहीं मिलेगा. इस तरह देखा जाए तो शिरीष कुंडेर शुरुआती लड़ाई हार चुके हैं. अब देखना है कि शिरीष कुंडेर का अगला कदम क्या होगा.

कीचड़ में फुटबौल की डबल मस्ती

क्रिकेट के बाद युवाओं का सब से पसंदीदा खेल अगर कोई है तो वह है फुटबौल और वर्तमान में चल रहे फुटबौल सीजन के चलते तो युवाओं ने अपने बाल भी क्रिकेट स्टार धौनी के स्टाइल को छोड़ कर फुटबौलरों की तरह बनवाने शुरू किए हैं.

फुटबौल का यह क्रेज सिर्फ मैदानों तक ही नहीं बल्कि कीचड़ में भी फुटबौल खेला जाता है और न केवल खेला जाता है बल्कि इस की सौकर चैंपियनशिप भी होती है. जिस में दुनिया में 260 टीमें हैं जिस में से 43 टीमों का वर्ल्डकप होता है. इस की सब से बड़ी खासीयत यह होती है कि इस में खिलाड़ी कीचड़ में फुटबौल खेलते हैं.

क्या है स्वैम्प फुटबौल

स्वैम्प फुटबौल एक ऐसा फुटबौल खेल है जिस में खिलाड़ी कीचड़ में फुटबौल खेलने का लुत्फ उठाते हैं. जिस से उन्हें फुटबौल खेलने का एक अलग अनुभव प्राप्त होता है. जब कीचड़ में लिप्त इन खिलाडि़यों को आसपास से गुजरते लोग देखते हैं तो देख कर दंग रह जाते हैं और सोचते हैं कि आखिर क्या मजा आता है इन्हें कीचड़ में खेल कर. लेकिन ये मजा तो सिर्फ वही फील कर सकता है जो इसे खेलता है.

कैसे हुई शुरुआत

यह खेल फिनलैंड से आया, जहां इसे ऐथलीट्स और सिपाहियों के शारीरिक व्यायाम के तौर पर प्रयोग में लाया गया. लेकिन धीरेधीरे इस की बढ़ती उपयोगिता और महत्त्व को देखते हुए इस खेल की डिमांड अन्य देशों में भी बढ़ने लगी. सब से पहले यह खेल 1998 में फिनलैंड में आयोजित हुआ.

स्वैम्प सौकर के लिए आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त संस्था स्कौटलैंड की स्वैम्प सौकर यूके लिमिटेड है. इस का उद्देश्य स्वैम्प सौकर वर्ल्डकप का आयोजन करने के साथसाथ इस खेल को अन्य देशों तक भी पहुंचाना था तभी तो इस के हैड ने (2011-2013) पिछले कुछ वर्षों में इस टूरनामैंट का चीन (बीजिंग), तुर्की (इस्तांबुल) और भारत (मुंबई) में इस का आयोजन किया.

कहां कहां हुआ आयोजन

2008 से पहले यह खेल स्कौटलैंड के दुनूम में आयोजित होता था लेकिन 2008 के बाद यह स्ट्रकर में आयोजित होने लगा. स्थान परिवर्तन का यह सिलसिला जारी रहा तभी तो 2011 में यह टूरनामैंट एडिनबर्ग और 2012 में आइनरनैस में हुआ. फिर पुनः 2013 से स्वैम्प सौकर वर्ल्डकप अपनी पुरानी जगह दुमून में आयोजित होने लगा.

खेल की प्रक्रिया

इस खेल में सौकर फील्ड को पीली प्लास्टिक की पट्टी से मार्क किया जाता है और उस के भीतर ही खिलाडि़यों को अपना प्रदर्शन करना होता है. इस खेल में हर टीम में कुल 6 खिलाड़ी होते हैं जिस में 5 फील्ड में और एक गोलकीपर की भूमिका अदा करता है.

जो खिलाड़ी डिफैंस के लिए खेल रहा होता है वो अपनी दाईं टांग का पूरी ताकत से इस्तेमाल कर बौल को किक करता है प्रतिद्वंद्वी टीम की ओर. जैसे ही उस की जोरदार किक पउ़ती है वैसे ही उस के फैन्स, चीयरलीडर्स का उत्साह देखते ही बनता है. खिलाड़ी की जबरदस्त किक और उसे कीचड़ में लथपथ देख एक अलग ही मस्ती का माहौल बन जाता है, जिसे देख हर किसी का झूमने को दिल करता है.

खेल के नियम

– एक मैच में 12-12 मिनट के दो हाफ होते हैं.

– इस में कोई भी औफ साइड नियम नहीं होता.

– फील्ड में 6 खिलाड़ी होते हैं, लेकिन स्क्वैड में खिलाडि़यों की कोई लिमिट नहीं होती.

– कोई खिलाड़ी अगर चोटिल हो जाता है तो दूसरा खिलाड़ी उस की जगह ले लेता है.

– इस का वर्ल्डकप हर साल जून माह में स्कौटलैंड में आयोजित किया जाता है, जबकि वर्ल्ड चैंपियनशिप हर साल फिनलैंड में वर्ल्डकप के एक सप्ताह पहले आयोजित की जाती है.

केरल में भी कीचड़ फुटबौल से बदला नजारा

देखने वालों की आंखें दंग रह गईं जब उन्होंने कोदुर, मलल्पुरम में कीचड़ से भरा मैदान देखा. यह वो मैदान है जहां अकसर फुटबौल प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहता है. पहली बार मलल्पुरम में कीचड़ फुटबौल टूरनामैंट का आयोजन डिस्ट्रिक्ट टूरिज्म प्रोमोशन काउंसिल द्वारा किया गया. यह जान कर हजारों लोग वहां एकत्रित हो गए.

इस खेल के लिए कोदुर में 30×20 मीटर ग्राउंड की खास निगरानी की गई ताकि आयोजन में कोई बाधा उत्पन्न न हो. इस में मलल्पुरम और पड़ोसी जिले वयमाड और कोषिक्कोड की 12 टीमों ने भाग लिया. यह मैच सिर्फ 20 मिनट का था. भले ही समय कम था लेकिन कीचड़ में फुटबौल खेलना अपनेआप में काफी कठिन था. इस में जीत भले ही वयनाड की हुई लेकिन सभी खिलाडि़यों के साथ वहां एकत्रित लोगों ने इसे काफी ऐंजौय किया.

कुल मिला कर यह खेल मस्ती और मजा देने वाला है.

सरकारी कर्मचारियों के ‘अच्छे दिन’

कैबिनेट की आज होने जा रही एक अहम बैठक में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने पर चर्चा होगी. सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट की बैठक में सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 18 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी करने पर विचार हो सकता है.

अगर इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलती है तो इसका फायदा 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों को मिलेगा. इससे पहले सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी कर्माचारियों की बेसिक सैलरी में 14.27 फीसदी बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी.

साथ ही आयोग ने एंट्री लेवल सैलरी 7,000 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति महीने करने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा है. नई सैलरी 1 जनवरी 2016 से लागू होगी जिसके चलते सरकारी कर्मचारियों को 6 महीने का एरियर भी मिलेगा.

इनकी बढ़ेगी सैलरी

-सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 14.27 फीसदी बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी.

-माना जा रहा है कि कैबिनेट बैसिक सैलरी में 18 से 20 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है.

-इसका फायदा 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 58 लाख पेंशनधारियों को मिलेगा.

-नई सैलरी 1 जनवरी 2016 से लागू होगी, यानी सरकारी कर्मचारियों को छह महीने का एरियर मिलेगा.

-कैबिनेट तय करेगी कि एरियर एक मुश्त दिया जाए या किश्तों में दिया जाए.

-सातवें वेतन आयोग ने इंट्री लेवल सैलरी 7,000 रू प्रति महीने से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति महीने करने के प्रस्ताव सरकार के सामने रखा है.

-कैबिनेट सचिव की मौजूदा सैलरी 90,000 से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये करने की सिफारिश की है.

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