भारत में पिछले कुछ समय से कैब का चलन शुरू हो गया है और इसी के साथ शुरू हो गया है यात्रियों की जेब पर डाका डालने का नया तरीका. कई कैब कम्‍पनियां, इन दिनों भारी टर्नओवर के साथ आगे बढ़ती ही जा रही है. लोगों को एक ओर कैब सुविधा से आराम हो गया है लेकिन जाने-अनजाने में कहीं न कहीं उनकी जेब से लागत से ज्‍यादा ही रूपए निकाले जा रहे हैं.

कैब कम्‍पनियां बहुत स्‍मार्ट तरीके से अपने चार्ज को लागू करती हैं और कस्‍टमर की जेब से पैसे निकालने में कामयाब हो जाती हैं. लेकिन अगर थोड़ी सूझबूझ से काम लिया जाएं, तो कैब में होने वाले एक्‍ट्रा खर्चे को बचाया जा सकता है. जानिए किस प्रकार यह संभव है:

पहले से बुक करवाएं: फटाक से कैब बुक करवाने पर कैब वाले प्रीमियम चार्ज लगाते हैं और चूंकि आपको जरूरत होती है तो आप उन्‍हें पैसे देने से इंकार भी नहीं कर पाते हैं. इसलिए बेहतर होगा कि आप पहले से ही बुकिंग करवाकर रखें. अगर आपको तड़के सुबह कहीं निकलना हो, तो एक दिन पहले ही बुकिंग करवा दें.

कम भीड़ या पॉश इलाकों से लें: कैब या टैक्‍सी को जितनी ज्‍यादा पॉश एरिया से पकड़ने की कोशिश करेंगे, उतनी ही ज्‍यादा दिक्‍कत होगी और दाम भी उतने ही ज्‍यादा देने होंगे. इसलिए बेहतर होगा कि आप किसी कम भीड़ वाले इलाके से कैब लें और तब जाएं.

पूलिंग करें: कार पूल की तहर कैब भी पूल की जा सकती है बस आपको उस रूट पर जाने वाले सही लोग मिल जाएं. अगर आपके ऑफिस में एक ही रूट पर जाने वाले लोग हैं तो एक साथ कार पूल कर लें. इससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी.

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