भारत और औस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला शुक्रवार (14 दिसंबर) से शुरू हो रहा है. मेजबान टीम पर यह मुकाबला जीतकर सीरीज में बराबरी पर आने का दबाव है. हालांकि, औस्ट्रेलियाई टीम के लिए यह आसान नहीं होगा.

मेजबान टीम का पिछले एक साल का प्रदर्शन उसके प्रशंसकों के लिए निराश करने वाला रहा है. उसके खराब खेल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इससे पहले 1984 में ही उसने इतना कमजोर प्रदर्शन किया था.

औस्ट्रेलिया की टीम पहले टेस्ट में पहली पारी में 235 और दूसरी पारी में 291 रन ही बना सकी. साफ है, वह दोनों ही पारियों में 300 का स्कोर नहीं छू सकी. दिलचस्प बात यह है कि 2018 में ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है.

यह टीम तो इस साल पिछली 13 पारियों में सिर्फ एक बार ही 300 का आंकड़ा छू सकी है. इससे पहले वह 1984 में इस दौर से गुजरी थी. तब वह 19 पारियों में सिर्फ एक बार 300 का स्कोर पार कर सकी थी.

आखिरी बार यूएई में बनाए थे 300+ रन

औस्ट्रेलिया की टीम ने आखिरी बार 300 रन का आंकड़ा इस साल पाकिस्तान के खिलाफ दुबई में पार किया था. उसने 7-11 अक्टूबर के बीच खेले गए टेस्ट मैच में पहली पारी में 202 रन बनाए. हालांकि, उसने दूसरी पारी में अपना प्रदर्शन सुधारते हुए 8 विकेट पर 362 रन बनाए. उसने इस प्रदर्शन की बदौलत यह टेस्ट मैच ड्रॉ करा लिया. लेकिन इसके बाद खेले गए दूसरे टेस्ट में वह 145 और 164 रन ही बना सका और मैच हार गया.

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