एडिलेड में भारत 31 रन से जीत गया. ऐसा होना ही दिख रहा था पर इस मैच से दोनों टीमों ने कई सबक जरूर लिए होंगे. सब से पहला सबक तो यह कि दोनों टीमों ने इस मैच को किसी टैस्ट मैच की तरह तो कतई नहीं खेला.
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में उस के सलामी बल्लेबाज आरोन फिंच ने 11 रन के निजी स्कोर पर आश्विन की गेंद पर जब ऋषभ पंत को अपना कैच थमाया था तब उन के पास डीआरएस लेने का मौका था और उन्हें खुद नहीं पता था कि गेंद उन के बल्ले को छू कर निकली भी थी या नहीं, पर वे मौका चूक गए.
आज के जमाने में तकनीक खिलाड़ियों का बखूबी साथ देती है और इतने बड़े मैच में ऐसा मौका गंवाना मैच गंवाने जैसा होता है क्योंकि आरोन फिंच जैसे धाकड़ बल्लेबाज इतने कम लक्ष्य में मैच का रुख अपनी और मोड़ने की क्षमता रखते हैं.
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन, जो क्रीज पर जम चुके थे और 41 रन भी बना चुके थे, को वह अधकचरा पुल शॉट खेलने की कोई जरूरत नहीं थी. बुमराह की वह उछलती हुई गेंद ऑफ़ स्टंप पर थी जिसे आसानी से छोड़ा जा सकता पर पेन खुद पर काबू न रख पाए और विकेट गंवा बैठे.
भारतीय बल्लेबाज भी कम गैरजिम्मेदाराना शॉट नहीं खेले थे. एक समय पर भारत के 6 विकेट पर 282 रन थे. ऋषभ पंत को इतनी क्या जल्दबाजी थी कि 16 गेंदों पर 28 रन बनाने के बाद वे अपनी विकेट फेंक कर चले गए, क्योंकि इस के बाद महज 25 रनों पर बाकी टीम आउट हो गई.
वह तो भला हो ‘मैन ऑफ़ द मैच’ चेतेश्वर पुजारा का जो उन्होंने दूसरी पारी में भी सब्र के साथ बल्लेबाजी करते हुए 204 गेंदों पर 71 रन बना दिए थे वरना भारतीय टीम 300 का आंकड़ा भी पार कर पाती, इस में भी शक ही था.
पर अंत भला तो सब भला. भारत यह मैच जीत चुका है और यह पहला मौका है जब भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में सीरीज का पहला टैस्ट मैच जीता हो.
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में उस के ऊपरी क्रम ने तो कोई खास कमाल नहीं किया था, पर निचले क्रम के बल्लेबाजों ने जीत की उम्मीद जगाए रखी. मिशेल स्टार्क और पैट कमिंस की जोड़ी ने 8वें विकेट के लिए 16.3 ओवरों तक बल्लेबाजी की और महत्वपूर्ण 41 रन जोड़े.
इसी तरह 9वें विकेट के लिए पैट कमिंस और नाथन लायन ने 29 रनों की भागीदारी की, जबकि आखिरी विकेट के लिए नाथन लायन ने जोश हेजलवुड के साथ मिल कर 32 रन जोड़े. वे दोनों धीरेधीरे ऑस्ट्रेलिया को जीत की तरफ ले जा रहे थे कि रविचंद्रन अश्विन ने जोश हेजलवुड का विकेट ले कर भारत को जीत दिला ही दी.
अब इस सीरीज का अगला मैच पर्थ में 14 दिसंबर, 2018 से खेला जाएगा जहां की पिच अपनी तेज रफ़्तार के लिए बदनाम रही है. टीम इंडिया को अभी से मानसिक रूप से तैयार रहना होगा क्योंकि मेजबान टीम पलटवार के लिए तिलमिला रही है.