सुप्रीम कोर्ट ने स्कूली छात्रों को यौन उत्पीड़न और हत्या जैसे अपराधों से संरक्षण प्रदान करने के लिए दिशा निर्देश बनाने और उन पर अमल सुनिश्चित कराने के लिए केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किए. मामले में तीन सप्ताह के भीतर जवाब देना है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने महिला वकील आभा आर शर्मा और संगीता भारती की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही इन वकीलों की याचिका को सात वर्षीय छात्र प्रद्युमन के पिता की याचिका के साथ संलग्न कर दिया है. प्रद्युमन की गुरुग्राम में रायन इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. अदालत सोमवार को गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के नौ वर्षीय छात्र अरमान सहगल की मृत्यु को लेकर दायर उसके पिता की याचिका पर भी सुनवाई करेगा. इस याचिका में अरमान की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया गया है.

वकील सुजीता श्रीवास्तव के माध्यम से दायर जनहित याचिका में स्कूल की चाहरदीवारी के भीतर बार-बार छात्रों के शोषण और बाल यौन शोषण की हो रही घटनाओं का मुद्दा उठाया गया है. याचिका में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को स्कूलों के लिए बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं होने देने को अधिसूचित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

गोरखपुर अस्पताल मामले में केंद्र-राज्य को नोटिस

गोरखपुर में बाल चिकित्सालय में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौतों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने बच्चों की मौतों को लेकर दायर एक याचिका पर केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है.

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