मेरे देवर मुझ से बहुत मजाक करते हैं. एक दिन मैं ने राजमा बनाया. सभी को खाना खिलाने के बाद कुछ राजमा बच गया. मैं ने अपने देवर को हंसी का पात्र बनाने की ठान ली. इसलिए बचे राजमा को खूब गरम कर उस में एक चम्मचभर मिर्च डाल दी. इस के बाद मैं अपने कमरे में चली गई. थोड़ी देर में ही मेरा देवर आया और उस ने कटोरी उठा कर राजमा खाना शुरू कर दिया. गरम और मिर्चें लगने से वह घबरा गया. फिर वह आआ, सीसी करने लगा. उस की हालत देख कर हम सब हंसने लगे.  

दीपा गुलाटी

*

हम पतिपत्नी यह मानते हैं कि अपनी आय का कुछ प्रतिशत जरूरतमंदों को देना चाहिए. हम वर्ष में 6 साडि़यां और कुछ कंबल जरूरतमंदों को देते हैं. हम ने 6 साडि़यां खरीदी थीं. एक अपनी कामवाली सविता को दी. वह प्रसन्न हो गई. निकट ही उस का गांव था जहां जरूरतमंद परिवार थे. एक रविवार को हम उसे कार में बैठा कर उस के गांव ले गए. कार हम ने झोंपडि़यों के सामने रोकी. 4-5 परिवार आश्चर्यवश बाहर आ गए. सविता को देख कर सब मुसकराए. मेरी पत्नी ने 1-1 साड़ी 5 परिवारों की महिलाओं को दी. सब साड़ी ले कर बहुत खुश हुईं.

2 महिलाओं ने मेरी पत्नी से कहा, ‘‘इस बढि़या साड़ी के लिए धन्यवाद. अब यह बताइए कि वोट किस पार्टी को देना है?’’ हम पतिपत्नी चकित रह गए. हम ने सोचा भी नहीं था कि चुनाव निकट हैं और वोट के लिए उम्मीदवार उपहारों की बौछार करते हैं निजी स्वार्थ के लिए.

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